5 के लिए एक बड़ा कमरा ख़ाली कर दिया था जिसमें पहले ग़ल्ला की नज़रें, बख़ूर और कुछ आलात रखे जाते थे। नीज़, ग़ल्ला, नई मै और ज़ैतून के तेल का जो दसवाँ हिस्सा लावियों, गुलूकारों और दरबानों के लिए मुक़र्रर था वह भी उस कमरे में रखा जाता था और साथ साथ इमामों के लिए मुक़र्रर हिस्सा भी।
5 اَور اُس نے اُسے ایک بڑا کمرہ دے رکھا تھا جو کہ پہلے اناج کی نذروں، لوبان اَور ہیکل کی اَشیا، نیز لیویوں، موسیقاروں اَور دربانوں کے لیٔے مخصُوص دہ یکی، نیز نئی مے اَور زَیتُون کا تیل کاہِنوں کے لیٔے وقف کیا ہُوا مال رکھنے کے لیٔے اِستعمال ہوتا تھا۔
5 اُس کے لِئے ایک بڑی کوٹھری تیّار کی تھی جہاں پہلے نذر کی قُربانِیاں اور لُبان اور برتن اور اناج کی اور مَے کی اور تیل کی دَہ یکِیاں جو حُکم کے مُطابِق لاویوں اور گانے والوں اور دربانوں کو دی جاتی تِھیں اور کاہِنوں کے لِئے اُٹھائی ہُوئی قُربانِیاں بھی رکھّی جاتی تِھیں۔
5 کے لئے ایک بڑا کمرا خالی کر دیا تھا جس میں پہلے غلہ کی نذریں، بخور اور کچھ آلات رکھے جاتے تھے۔ نیز، غلہ، نئی مَے اور زیتون کے تیل کا جو دسواں حصہ لاویوں، گلوکاروں اور دربانوں کے لئے مقرر تھا وہ بھی اُس کمرے میں رکھا جاتا تھا اور ساتھ ساتھ اماموں کے لئے مقرر حصہ بھی۔
उस वक़्त कुछ आदमियों को उन गोदामों के निगरान बनाया गया जिनमें हदिये, फ़सलों का पहला फल और पैदावार का दसवाँ हिस्सा महफ़ूज़ रखा जाता था। उनमें शहरों की फ़सलों का वह हिस्सा जमा करना था जो शरीअत ने इमामों और लावियों के लिए मुक़र्रर किया था। क्योंकि यहूदाह के बाशिंदे ख़िदमत करनेवाले इमामों और लावियों से ख़ुश थे
दसवाँ हिस्सा मिलते वक़्त कोई इमाम यानी हारून के ख़ानदान का कोई मर्द लावियों के साथ होगा, और लावी माल का दसवाँ हिस्सा हमारे ख़ुदा के घर के गोदामों में पहुँचाएँगे।
कारीगरों और तामीर करनेवालों ने इन पैसों से तराशे हुए पत्थर और शहतीरों की लकड़ी भी ख़रीदी। इमारतों में शहतीरों को बदलने की ज़रूरत थी, क्योंकि यहूदाह के बादशाहों ने उन पर ध्यान नहीं दिया था, लिहाज़ा वह गल गए थे।
उन्हें हम साल के पहले ग़ल्ला से गूँधा हुआ आटा, अपने दरख़्तों का पहला फल, अपनी नई मै और ज़ैतून के नए तेल का पहला हिस्सा देकर रब के घर के गोदामों में पहुँचाएँगे। देहात में हम लावियों को अपनी फ़सलों का दसवाँ हिस्सा देंगे, क्योंकि वही देहात में यह हिस्सा जमा करते हैं।
अंदरूनी शिमाली दरवाज़े के बरामदे में दरवाज़ा था जिसमें से गुज़रकर इनसान उस कमरे में दाख़िल होता था जहाँ उन ज़बह किए हुए जानवरों को धोया जाता था जिन्हें भस्म करना होता था।
जिस तरह शरीअत में दर्ज है, हम अपने पहलौठों को रब के घर में लाकर अल्लाह के लिए मख़सूस करेंगे। गाय-बैलों और भेड़-बकरियों के पहले बच्चे हम ख़िदमतगुज़ार इमामों को क़ुरबान करने के लिए देंगे।