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نحمیاہ 10:36 - किताबे-मुक़द्दस

36 जिस तरह शरीअत में दर्ज है, हम अपने पहलौठों को रब के घर में लाकर अल्लाह के लिए मख़सूस करेंगे। गाय-बैलों और भेड़-बकरियों के पहले बच्चे हम ख़िदमतगुज़ार इमामों को क़ुरबान करने के लिए देंगे।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

36 ”جَیسا کہ تورہ میں بھی لِکھّا ہے ہم اَپنے پہلوٹھے بیٹوں اَور اَپنے مویشیوں، ریوڑوں اَور گلّوں کے پہلوٹھے بچّوں کو اَپنے خُدا کے گھر میں کاہِنوں کے پاس لائیں گے جو وہاں خدمت کرتے ہیں۔

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کِتابِ مُقادّس

36 اور جَیسا شرِیعت میں لِکھا ہے اپنے پہلوٹھے بیٹوں کو اور اپنی مواشی یعنی گائے بَیل اور بھیڑ بکری کے پہلوٹھے بچّوں کو اپنے خُدا کے گھر میں کاہِنوں کے پاس جو ہمارے خُدا کے گھر میں خِدمت کرتے ہیں لائیں۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

36 جس طرح شریعت میں درج ہے، ہم اپنے پہلوٹھوں کو رب کے گھر میں لا کر اللہ کے لئے مخصوص کریں گے۔ گائےبَیلوں اور بھیڑبکریوں کے پہلے بچے ہم خدمت گزار اماموں کو قربان کرنے کے لئے دیں گے۔

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نحمیاہ 10:36
14 حوالہ جات  

“इसराईलियों के हर पहलौठे को मेरे लिए मख़सूसो-मुक़द्दस करना है। हर पहला नर बच्चा मेरा ही है, ख़ाह इनसान का हो या हैवान का।”


जिसे कलामे-मुक़द्दस की तालीम दी जाती है उसका फ़र्ज़ है कि वह अपने उस्ताद को अपनी तमाम अच्छी चीज़ों में शरीक करे।


और वहाँ अपनी तमाम क़ुरबानियाँ लाकर पेश करो, ख़ाह वह भस्म होनेवाली क़ुरबानियाँ, ज़बह की क़ुरबानियाँ, पैदावार का दसवाँ हिस्सा, उठानेवाली क़ुरबानियाँ, मन्नत के हदिये, ख़ुशी से पेश की गई क़ुरबानियाँ या मवेशियों के पहलौठे क्यों न हों।


हर पहलौठा मेरा है। तेरे माल मवेशियों का हर पहलौठा मेरा है, चाहे बछड़ा हो या लेला।


क्योंकि तमाम पहलौठे मेरे ही हैं। जिस दिन मैंने मिसर में तमाम पहलौठों को मार दिया उस दिन मैंने इसराईल के पहलौठों को अपने लिए मख़सूस किया, ख़ाह वह इनसान के थे या हैवान के। वह मेरे ही हैं। मैं रब हूँ।”


अपनी ज़मीन की पहली पैदावार का बेहतरीन हिस्सा रब अपने ख़ुदा के घर में लाना। भेड़ या बकरी के बच्चे को उस की माँ के दूध में न पकाना।


बादशाह का यह एलान सुनते ही इसराईली फ़राख़दिली से ग़ल्ला, अंगूर के रस, ज़ैतून के तेल, शहद और खेतों की बाक़ी पैदावार का पहला फल रब के घर में लाए। बहुत कुछ इकट्ठा हुआ, क्योंकि लोगों ने अपनी पैदावार का पूरा दसवाँ हिस्सा वहाँ पहुँचाया।


उस वक़्त कुछ आदमियों को उन गोदामों के निगरान बनाया गया जिनमें हदिये, फ़सलों का पहला फल और पैदावार का दसवाँ हिस्सा महफ़ूज़ रखा जाता था। उनमें शहरों की फ़सलों का वह हिस्सा जमा करना था जो शरीअत ने इमामों और लावियों के लिए मुक़र्रर किया था। क्योंकि यहूदाह के बाशिंदे ख़िदमत करनेवाले इमामों और लावियों से ख़ुश थे


के लिए एक बड़ा कमरा ख़ाली कर दिया था जिसमें पहले ग़ल्ला की नज़रें, बख़ूर और कुछ आलात रखे जाते थे। नीज़, ग़ल्ला, नई मै और ज़ैतून के तेल का जो दसवाँ हिस्सा लावियों, गुलूकारों और दरबानों के लिए मुक़र्रर था वह भी उस कमरे में रखा जाता था और साथ साथ इमामों के लिए मुक़र्रर हिस्सा भी।


रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, “मेरे घर के गोदाम में अपनी पैदावार का पूरा दसवाँ हिस्सा जमा करो ताकि इसमें ख़ुराक दस्तयाब हो। मुझे इसमें आज़माकर देखो कि मैं अपने वादे को पूरा करता हूँ कि नहीं। क्योंकि मैं तुमसे वादा करता हूँ कि जवाब में मैं आसमान के दरीचे खोलकर तुम पर हद से ज़्यादा बरकत बरसा दूँगा।”


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