27 मल्लूक, हारिम और बाना।
27 مَلُّوکؔ، حارِمؔ اَور بعناہ۔
27 ملُوؔک حارِم بعناہ۔
27 ملّوک، حارِم اور بعنہ۔
अख़ियाह, हनान, अनान,
क़ौम के बाक़ी लोग भी अहद में शरीक हुए यानी बाक़ी इमाम, लावी, रब के घर के दरबान और ख़िदमतगार, गुलूकार, नीज़ सब जो ग़ैरयहूदी क़ौमों से अलग हो गए थे ताकि रब की शरीअत की पैरवी करें। उनकी बीवियाँ और वह बेटे-बेटियाँ भी शरीक हुए जो अहद को समझ सकते थे।