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میکاہ 6:8 - किताबे-मुक़द्दस

8 ऐ इनसान, उसने तुझे साफ़ बताया है कि क्या कुछ अच्छा है। रब तुझसे चाहता है कि तू इनसाफ़ क़ायम रखे, मेहरबानी करने में लगा रहे और फ़रोतनी से अपने ख़ुदा के हुज़ूर चलता रहे।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

8 اَے اِنسان، اُنہُوں نے تُجھے دِکھا دیا کہ نیکی کیا چیز ہے، اَور یَاہوِہ تُجھ سے کیا چاہتے ہیں؟ یہ کہ تُو اِنصاف اَور رحمدلی کو عزیز رکھے، اَور اَپنے خُدا کے سامنے فروتنی سے چلے۔

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کِتابِ مُقادّس

8 اَے اِنسان اُس نے تُجھ پر نیکی ظاہِر کر دی ہے۔ خُداوند تُجھ سے اِس کے سِوا کیا چاہتا ہے کہ تُو اِنصاف کرے اور رحم دِلی کو عزِیز رکھّے اور اپنے خُدا کے حضُور فروتنی سے چلے؟

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

8 اے انسان، اُس نے تجھے صاف بتایا ہے کہ کیا کچھ اچھا ہے۔ رب تجھ سے چاہتا ہے کہ تُو انصاف قائم رکھے، مہربانی کرنے میں لگا رہے اور فروتنی سے اپنے خدا کے حضور چلتا رہے۔

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میکاہ 6:8
66 حوالہ جات  

रास्तबाज़ी और इनसाफ़ करना रब को ज़बह की क़ुरबानियों से कहीं ज़्यादा पसंद है।


अल्लाह ने आपको चुनकर अपने लिए मख़सूसो-मुक़द्दस कर लिया है। वह आपसे मुहब्बत रखता है। इसलिए अब तरस, नेकी, फ़रोतनी, नरमदिली और सब्र को पहन लें।


रब फ़रमाता है कि इनसाफ़ और रास्ती क़ायम रखो। जिसे लूट लिया गया है उसे ज़ालिम के हाथ से छुड़ाओ। परदेसी, यतीम और बेवा को मत दबाना, न उनसे ज़्यादती करना, और इस जगह बेक़ुसूर लोगों की ख़ूनरेज़ी मत करना।


क्योंकि मैं क़ुरबानी नहीं बल्कि रहम पसंद करता हूँ, भस्म होनेवाली क़ुरबानियों की निसबत मुझे यह पसंद है कि तुम अल्लाह को जान लो।


लेकिन समुएल ने जवाब दिया, “रब को क्या बात ज़्यादा पसंद है, आपकी भस्म होनेवाली और ज़बह की क़ुरबानियाँ या यह कि आप उस की सुनते हैं? सुनना क़ुरबानी से कहीं बेहतर और ध्यान देना मेंढे की चरबी से कहीं उम्दा है।


रब फ़रमाता है, “मेरे हाथ ने यह सब कुछ बनाया, तब ही यह सब कुछ वुजूद में आया। और मैं उसी का ख़याल रखता हूँ जो मुसीबतज़दा और शिकस्तादिल है, जो मेरे कलाम के सामने काँपता है।


आख़िर में एक और बात, आप सब एक ही सोच रखें और एक दूसरे से ताल्लुक़ात में हमदर्दी, प्यार, रहम और हलीमी का इज़हार करें।


लाज़िम है कि तुम रहमदिल हो क्योंकि तुम्हारा बाप भी रहमदिल है।


फ़रीसियो, तुम पर अफ़सोस! क्योंकि एक तरफ़ तुम पौदीना, सदाब और बाग़ की हर क़िस्म की तरकारी का दसवाँ हिस्सा अल्लाह के लिए मख़सूस करते हो, लेकिन दूसरी तरफ़ तुम इनसाफ़ और अल्लाह की मुहब्बत को नज़रंदाज़ करते हो। लाज़िम है कि तुम यह काम भी करो और पहला भी न छोड़ो।


इन चीज़ों की बजाए इनसाफ़ का चश्मा फूट निकले और रास्ती की कभी बंद न होनेवाली नहर बह निकले।


मुबारक हैं वह जो रहमदिल हैं, क्योंकि उन पर रहम किया जाएगा।


एक दूसरे पर मेहरबान और रहमदिल हों और एक दूसरे को यों मुआफ़ करें जिस तरह अल्लाह ने आपको भी मसीह में मुआफ़ कर दिया है।


उसी को मैंने चुन लिया है ताकि वह अपनी औलाद और अपने बाद के घराने को हुक्म दे कि वह रब की राह पर चलकर रास्त और मुंसिफ़ाना काम करें। क्योंकि अगर वह ऐसा करें तो रब इब्राहीम के साथ अपना वादा पूरा करेगा।”


आओ, इख़्तिताम पर हम तमाम तालीम के ख़ुलासे पर ध्यान दें। रब का ख़ौफ़ मान और उसके अहकाम की पैरवी कर। यह हर इनसान का फ़र्ज़ है।


“अपने ख़ुदा के पास वापस आकर रहम और इनसाफ़ क़ायम रख! कभी अपने ख़ुदा पर उम्मीद रखने से बाज़ न आ।”


क्योंकि जो अज़ीम और सरबुलंद है, जो अबद तक तख़्तनशीन और जिसका नाम क़ुद्दूस है वह फ़रमाता है, “मैं न सिर्फ़ बुलंदियों के मक़दिस में बल्कि शिकस्ताहाल और फ़रोतन रूह के साथ भी सुकूनत करता हूँ ताकि फ़रोतन की रूह और शिकस्ताहाल के दिल को नई ज़िंदगी बख़्शूँ।


“मुबारक हैं वह जिनकी रूह ज़रूरतमंद है, क्योंकि आसमान की बादशाही उन्हीं की है।


ऐ मुल्क के तमाम फ़रोतनो, ऐ उसके अहकाम पर अमल करनेवालो, रब को तलाश करो! रास्तबाज़ी के तालिब हो, हलीमी ढूँडो। शायद तुम उस दिन रब के ग़ज़ब से बच जाओ।


अब मैं, नबूकदनज़्ज़र आसमान के बादशाह की हम्दो-सना करता हूँ। मैं उसी को जलाल देता हूँ, क्योंकि जो कुछ भी वह करे वह सहीह है। उस की तमाम राहें मुंसिफ़ाना हैं। जो मग़रूर होकर ज़िंदगी गुज़ारते हैं उन्हें वह पस्त करने के क़ाबिल है।


वह हमेशा मेहरबान और क़र्ज़ देने के लिए तैयार है। उस की औलाद बरकत का बाइस होगी।


तू कोहे-सीना पर उतर आया और आसमान से उनसे हमकलाम हुआ। तूने उन्हें साफ़ हिदायात और क़ाबिले-एतमाद अहकाम दिए, ऐसे क़वायद जो अच्छे हैं।


अंधेरे में चलते वक़्त दियानतदारों पर रौशनी चमकती है। वह रास्तबाज़, मेहरबान और रहीम है।


चुनाँचे अच्छा है कि हम ख़ामोशी से रब की नजात के इंतज़ार में रहें।


वह फ़ैयाज़ी से ज़रूरतमंदों में ख़ैरात बिखेर देता है। उस की रास्तबाज़ी हमेशा क़ायम रहेगी, और उसे इज़्ज़त के साथ सरफ़राज़ किया जाएगा।


लेकिन मेरे लिए अल्लाह की क़ुरबत सब कुछ है। मैंने रब क़ादिरे-मुतलक़ को अपनी पनाहगाह बनाया है, और मैं लोगों को तेरे तमाम काम सुनाऊँगा।


तेरा दिल नरम हो गया है। जब तुझे पता चला कि मैंने इस मक़ाम और इसके बाशिंदों के ख़िलाफ़ बात की है तो तूने अपने आपको अल्लाह के सामने पस्त कर दिया। तूने बड़ी इंकिसारी से रंजीदा होकर अपने कपड़े फाड़ लिए और मेरे हुज़ूर फूट फूटकर रोया। रब फ़रमाता है कि यह देखकर मैंने तेरी सुनी है।


होश में आएँ! क्या आप नहीं समझते कि नेक आमाल के बग़ैर ईमान बेकार है?


लेकिन अगर मैं वह करता हूँ जो नहीं करना चाहता तो ज़ाहिर है कि मैं मुत्तफ़िक़ हूँ कि शरीअत अच्छी है।


फिर हिज़क़ियाह और यरूशलम के बाशिंदों ने पछताकर अपना ग़ुरूर छोड़ दिया, इसलिए रब का ग़ज़ब हिज़क़ियाह के जीते-जी उन पर नाज़िल न हुआ।


जहाँ तक मेरा ताल्लुक़ है, मैं इसमें रब का गुनाह नहीं करूँगा कि आपकी सिफ़ारिश करने से बाज़ आऊँ। और आइंदा भी मैं आपको अच्छे और सहीह रास्ते की तालीम देता रहूँगा।


यह न कहें। आप इनसान होते हुए कौन हैं कि अल्लाह के साथ बहस-मुबाहसा करें? क्या जिसको तश्कील दिया गया है वह तश्कील देनेवाले से कहता है, “तूने मुझे इस तरह क्यों बना दिया?”


लेकिन एक बात ज़रूरी है। मरियम ने बेहतर हिस्सा चुन लिया है और यह उससे छीना नहीं जाएगा।”


रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है, ‘जब मैं तेरे तमाम गुनाहों को मुआफ़ करूँगा तब तुझे उनका ख़याल आकर शरमिंदगी महसूस होगी, और तू शर्म के मारे गुमसुम रहेगी’।”


लेकिन उसमें और मनस्सी में यह फ़रक़ था कि बेटे ने अपने आपको रब के सामने पस्त न किया बल्कि उसका क़ुसूर मज़ीद संगीन होता गया।


हमारा ख़ुदावंद ईसा मसीह ख़ुद और ख़ुदा हमारा बाप जिसने हमसे मुहब्बत रखी और अपने फ़ज़ल से हमें अबदी तसल्ली और ठोस उम्मीद बख़्शी


इसके बाद वह मज़ीद 300 साल अल्लाह के साथ चलता रहा। उसके और बेटे-बेटियाँ भी पैदा हुए।


जिसके सबब से मैं उनके ख़िलाफ़ हुआ और उन्हें उनके दुश्मनों के मुल्क में धकेल दिया था। पहले उनका ख़तना सिर्फ़ ज़ाहिरी तौर पर हुआ था, लेकिन अब उनका दिल आजिज़ हो जाएगा और वह अपने क़ुसूर की क़ीमत अदा करेंगे।


ग़ैबबीनों की किताब में भी मनस्सी की दुआ बयान की गई है और यह कि अल्लाह ने किस तरह उस की सुनी। वहाँ उसके तमाम गुनाहों और बेवफ़ाई का ज़िक्र है, नीज़ उन ऊँची जगहों की फ़हरिस्त दर्ज है जहाँ उसने अल्लाह के ताबे हो जाने से पहले मंदिर बनाकर यसीरत देवी के खंबे और बुत खड़े किए थे।


बहन, मुमकिन है आप अपने ख़ाविंद की नजात का बाइस बन जाएँ। या भाई, मुमकिन है आप अपनी बीवी की नजात का बाइस बन जाएँ।


सिर्फ़ आशर, मनस्सी और ज़बूलून के चंद एक आदमी फ़रोतनी का इज़हार करके मान गए और यरूशलम आए।


ईसा ने जवाब दिया, “भई, किसने मुझे तुम पर जज या तक़सीम करनेवाला मुक़र्रर किया है?”


देख, आज मैं तुझे दो रास्ते पेश करता हूँ। एक ज़िंदगी और ख़ुशहाली की तरफ़ ले जाता है जबकि दूसरा मौत और हलाकत की तरफ़।


रब फ़रमाता है, “इनसाफ़ को क़ायम रखो और वह कुछ किया करो जो रास्त है, क्योंकि मेरी नजात क़रीब ही है, और मेरी रास्ती ज़ाहिर होने को है।


लेकिन फ़र्ज़ करो मैं किसी बेदीन आदमी को बताऊँ, ‘तू यक़ीनन मरेगा।’ हो सकता है वह यह सुनकर अपने गुनाह से तौबा करके इनसाफ़ और रास्तबाज़ी करने लगे।


सुनो! रब यरूशलम को आवाज़ दे रहा है। तवज्जुह दो, क्योंकि दानिशमंद उसके नाम का ख़ौफ़ मानता है। ऐ क़बीले, ध्यान दो कि किसने यह मुक़र्रर किया है,


“रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, ‘अदालत में मुंसिफ़ाना फ़ैसले करो, एक दूसरे पर मेहरबानी और रहम करो!


इसलिए उसका फ़रमाँबरदार रह और उसके उन अहकाम पर अमल कर जो मैं तुझे आज दे रहा हूँ।”


यशुअ ने बात जारी रखते हुए कहा, “चुनाँचे रब का ख़ौफ़ मानें और पूरी वफ़ादारी के साथ उस की ख़िदमत करें। उन बुतों को निकाल फेंकें जिनकी पूजा आपके बापदादा दरियाए-फ़ुरात के पार और मिसर में करते रहे। अब रब ही की ख़िदमत करें!


दाऊद का ज़बूर। मैं शफ़क़त और इनसाफ़ का गीत गाऊँगा। ऐ रब, मैं तेरी मद्हसराई करूँगा।


रब फ़रमाता है, “न दानिशमंद अपनी हिकमत पर फ़ख़र करे, न ज़ोरावर अपने ज़ोर पर या अमीर अपनी दौलत पर।


उसने तवज्जुह दी कि ग़रीबों और ज़रूरतमंदों का हक़ मारा न जाए, इसी लिए उसे कामयाबी हासिल हुई।” रब फ़रमाता है, “जो इसी तरह ज़िंदगी गुज़ारे वही मुझे सहीह तौर पर जानता है।


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