Biblia Todo Logo
آن لائن بائبل

- اشتہارات -




میکاہ 3:3 - किताबे-मुक़द्दस

3 क्योंकि तुम मेरी क़ौम का गोश्त खा लेते हो। उनकी खाल उतारकर तुम उनकी हड्डियों और गोश्त को टुकड़े टुकड़े करके देग में फेंक देते हो।”

باب دیکھیں کاپی

اُردو ہم عصر ترجُمہ

3 اَور میرے لوگوں کا گوشت کھاتے ہو، اُن کی کھال اُتارتے ہو اُن کی ہڈّیوں کو توڑتے ہو؛ اَور اُنہیں ہانڈی اَور دیگ کے گوشت کی طرح ٹکڑے ٹکڑے کرتے ہو۔

باب دیکھیں کاپی

کِتابِ مُقادّس

3 اور میرے لوگوں کا گوشت کھاتے ہو اور اُن کی کھال اُتارتے اور اُن کی ہڈِّیوں کو توڑتے اور اُن کو ٹُکڑے ٹُکڑے کرتے ہو گویا وہ ہانڈی اور دیگ کے لِئے گوشت ہیں۔

باب دیکھیں کاپی

ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

3 کیونکہ تم میری قوم کا گوشت کھا لیتے ہو۔ اُن کی کھال اُتار کر تم اُن کی ہڈیوں اور گوشت کو ٹکڑے ٹکڑے کر کے دیگ میں پھینک دیتے ہو۔“

باب دیکھیں کاپی




میکاہ 3:3
11 حوالہ جات  

क्या जो बदी करके मेरी क़ौम को रोटी की तरह खा लेते हैं उनमें से एक को भी समझ नहीं आती? वह तो रब को पुकारते ही नहीं।


यह कहते हैं, ‘आनेवाले दिनों में घर तामीर करने की ज़रूरत नहीं। हमारा शहर तो देग है जबकि हम उसमें पकनेवाला बेहतरीन गोश्त हैं।’


जो बुज़ुर्ग उसके बीच में हैं वह दहाड़ते हुए शेरबबर हैं। उसके क़ाज़ी शाम के वक़्त भूके फिरनेवाले भेड़ीए हैं जो तुलूए-सुबह तक शिकार की एक हड्डी तक नहीं छोड़ते।


जब शरीर मुझ पर हमला करें ताकि मुझे हड़प कर लें, जब मेरे मुख़ालिफ़ और दुश्मन मुझ पर टूट पड़ें तो वह ठोकर खाकर गिर जाएंगे।


रब अपनी क़ौम के बुज़ुर्गों और रईसों का फ़ैसला करने के लिए सामने आकर फ़रमाता है, “तुम ही अंगूर के बाग़ में चरते हुए सब कुछ खा गए हो, तुम्हारे घर ज़रूरतमंदों के लूटे हुए माल से भरे पड़े हैं।


फिर उसे बेहतरीन गोश्त से भर दे। रान और शाने के टुकड़े, नीज़ बेहतरीन हड्डियाँ उसमें डाल दे।


लेकिन काफ़ी देर से मेरी क़ौम दुश्मन बनकर उठ खड़ी हुई है। जिन लोगों का जंग करने से ताल्लुक़ ही नहीं उनसे तुम चादर तक सब कुछ छीन लेते हो जब वह अपने आपको महफ़ूज़ समझकर तुम्हारे पास से गुज़रते हैं।


ऐसी नसल भी है जिसके दाँत तलवारें और जबड़े छुरियाँ हैं ताकि दुनिया के मुसीबतज़दों को खा जाएँ, मुआशरे के ज़रूरतमंदों को हड़प कर लें।


यह तुमने कैसी गुस्ताख़ी कर दिखाई? यह मेरी ही क़ौम है जिसे तुम कुचल रहे हो। तुम मुसीबतज़दों के चेहरों को चक्की में पीस रहे हो।” क़ादिरे-मुतलक़ रब्बुल-अफ़वाज यों फ़रमाता है।


ऐ ग़रीबों को कुचलनेवालो, ऐ ज़रूरतमंदों को तबाह करनेवालो, सुनो!


ہمیں فالو کریں:

اشتہارات


اشتہارات