13 ऐ लकीस के बाशिंदो, घोड़ों को रथ में जोतकर भाग जाओ। क्योंकि इब्तिदा में तुम ही सिय्यून बेटी के लिए गुनाह का बाइस बन गए, तुम्हीं में वह जरायम मौजूद थे जो इसराईल से सरज़द हो रहे हैं।
13 اے لکیس کے باشندو، گھوڑوں کو رتھ میں جوت کر بھاگ جاؤ۔ کیونکہ ابتدا میں تم ہی صیون بیٹی کے لئے گناہ کا باعث بن گئے، تم ہی میں وہ جرائم موجود تھے جو اسرائیل سے سرزد ہو رہے ہیں۔
फिर भी असूर का बादशाह मुतमइन न हुआ। उसने अपने सबसे आला अफ़सरों को बड़ी फ़ौज के साथ लकीस से यरूशलम को भेजा (उनकी अपनी ज़बान में अफ़सरों के ओहदों के नाम तरतान, रब-सारिस और रबशाक़ी थे)। यरूशलम पहुँचकर वह उस नाले के पास रुक गए जो पानी को ऊपरवाले तालाब तक पहुँचाता है (यह तालाब उस रास्ते पर है जो धोबियों के घाट तक ले जाता है)।
जब असूर का बादशाह सनहेरिब अपनी पूरी फ़ौज के साथ लकीस का मुहासरा कर रहा था तो उसने वहाँ से यरूशलम को वफ़द भेजा ताकि यहूदाह के बादशाह हिज़क़ियाह और यहूदाह के तमाम बाशिंदों को पैग़ाम पहुँचाए,
चुनाँचे यरूशलम के बादशाह अदूनी-सिद्क़ ने अपने क़ासिद हबरून के बादशाह हूहाम, यरमूत के बादशाह पीराम, लकीस के बादशाह यफ़ीअ और इजलून के बादशाह दबीर के पास भेज दिए।
लेकिन मुझे तुझसे यह शिकायत है, तू उस औरत ईज़बिल को जो अपने आपको नबिया कहती है काम करने देता है, हालाँकि यह अपनी तालीम से मेरे ख़ादिमों को सहीह राह से दूर करके उन्हें ज़िना करने और बुतों को पेश की गई क़ुरबानियाँ खाने पर उकसाती है।
लेकिन मुझे तुझसे कई बातों की शिकायत है। तेरे पास ऐसे लोग हैं जो बिलाम की तालीम की पैरवी करते हैं। क्योंकि बिलाम ने बलक़ को सिखाया कि वह किस तरह इसराईलियों को गुनाह करने पर उकसा सकता है यानी बुतों को पेश की गई क़ुरबानियाँ खाने और ज़िना करने से।
यह सब कुछ याक़ूब के जुर्म, इसराईली क़ौम के गुनाहों के सबब से हो रहा है। कौन याक़ूब के जुर्म का ज़िम्मादार है? सामरिया! किसने यहूदाह को बुलंद जगहों पर बुतपरस्ती करने की तहरीक दी? यरूशलम ने!
घुड़सवारों और तीर चलानेवालों का शोर-शराबा सुनकर लोग तमाम शहरों से निकलकर जंगलों और चट्टानों में खिसक जाएंगे। तमाम शहर वीरानो-सुनसान होंगे, किसी में भी लोग नहीं बसेंगे।
बेवफ़ा इसराईल की ज़िनाकारी नाक़ाबिले-बरदाश्त थी, इसलिए मैंने उसे घर से निकालकर तलाक़नामा दे दिया। फिर भी मैंने देखा कि उस की ग़द्दार बहन यहूदाह ने ख़ौफ़ न खाया बल्कि ख़ुद निकलकर ज़िना करने लगी।
उस की शादी इसराईल के बादशाह अख़ियब की बेटी से हुई थी, और वह इसराईल के बादशाहों और ख़ासकर अख़ियब के ख़ानदान के बुरे नमूने पर चलता रहा। उसका चाल-चलन रब को नापसंद था।
यरुबियाम के नमूने पर चलना उसके लिए काफ़ी नहीं था बल्कि उसने इससे बढ़कर सैदा के बादशाह इतबाल की बेटी ईज़बिल से शादी भी की। नतीजे में वह उसके देवता बाल के सामने झुककर उस की पूजा करने लगा।
ज्योंही वह उन्हें बाहर ले आए उनमें से एक ने कहा, “अपनी जान बचाकर चला जा। पीछे मुड़कर न देखना। मैदान में कहीं न ठहरना बल्कि पहाड़ों में पनाह लेना, वरना तू हलाक हो जाएगा।”
एक दिन लोग यरूशलम में उसके ख़िलाफ़ साज़िश करने लगे। आख़िरकार उसने फ़रार होकर लकीस में पनाह ली, लेकिन साज़िश करनेवालों ने अपने लोगों को उसके पीछे भेजा, और वह वहाँ उसे क़त्ल करने में कामयाब हो गए।
फिर उसने अपने आला अफ़सर रबशाक़ी को बड़ी फ़ौज के साथ लकीस से यरूशलम को भेजा। यरूशलम पहुँचकर रबशाक़ी उस नाले के पास रुक गया जो पानी को ऊपरवाले तालाब तक पहुँचाता है (यह तालाब उस रास्ते पर है जो धोबियों के घाट तक ले जाता है)।