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متی 20:30 - किताबे-मुक़द्दस

30 दो अंधे रास्ते के किनारे बैठे थे। जब उन्होंने सुना कि ईसा गुज़र रहा है तो वह चिल्लाने लगे, “ख़ुदावंद, इब्ने-दाऊद, हम पर रहम करें।”

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

30 دو اَندھے راہ کے کنارے بیٹھے ہُوئے تھے۔ جَب اُنہُوں نے سُنا کہ یِسوعؔ وہاں سے گزر رہے ہیں تو وہ چِلّانے لگے، ”اَے خُداوؔند، اِبن داویؔد! ہم پر رحم کیجئے!“

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کِتابِ مُقادّس

30 اور دیکھو دو اندھوں نے جو راہ کے کنارے بَیٹھے تھے یہ سُن کر کہ یِسُوعؔ جا رہا ہے چِلاّ کر کہا اَے خُداوند اِبنِ داؤُد ہم پر رحم کر۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

30 دو اندھے راستے کے کنارے بیٹھے تھے۔ جب اُنہوں نے سنا کہ عیسیٰ گزر رہا ہے تو وہ چلّانے لگے، ”خداوند، ابنِ داؤد، ہم پر رحم کریں۔“

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متی 20:30
21 حوالہ جات  

वह यरीहू पहुँच गए। उसमें से गुज़रकर ईसा शागिर्दों और एक बड़े हुजूम के साथ बाहर निकलने लगा। वहाँ एक अंधा भीक माँगनेवाला रास्ते के किनारे बैठा था। उसका नाम बरतिमाई (तिमाई का बेटा) था।


“तुम्हारा मसीह के बारे में क्या ख़याल है? वह किसका फ़रज़ंद है?” उन्होंने जवाब दिया, “वह दाऊद का फ़रज़ंद है।”


अंधे और लँगड़े बैतुल-मुक़द्दस में उसके पास आए और उसने उन्हें शफ़ा दी।


लोग ईसा के आगे और पीछे चल रहे थे और चिल्लाकर यह नारे लगा रहे थे, “इब्ने-दाऊद को होशाना! मुबारक है वह जो रब के नाम से आता है। आसमान की बुलंदियों पर होशाना।”


लेकिन वह नबी था और जानता था कि अल्लाह ने क़सम खाकर मुझसे वादा किया है कि वह मेरी औलाद में से एक को मेरे तख़्त पर बिठाएगा।


ईसा ने उसी वक़्त बहुत-से लोगों को शफ़ा दी थी जो मुख़्तलिफ़ क़िस्म की बीमारियों, मुसीबतों और बदरूहों की गिरिफ़्त में थे। अंधों की आँखें भी बहाल हो गई थीं।


“रब का रूह मुझ पर है, क्योंकि उसने मुझे तेल से मसह करके ग़रीबों को ख़ुशख़बरी सुनाने का इख़्तियार दिया है। उसने मुझे यह एलान करने के लिए भेजा है कि क़ैदियों को रिहाई मिलेगी और अंधे देखेंगे। उसने मुझे भेजा है कि मैं कुचले हुओं को आज़ाद कराऊँ


इस इलाक़े की एक कनानी ख़ातून उसके पास आकर चिल्लाने लगी, “ख़ुदावंद, इब्ने-दाऊद, मुझ पर रहम करें। एक बदरूह मेरी बेटी को बहुत सताती है।”


हम अंधों की तरह दीवार को हाथ से छू छूकर रास्ता मालूम करते हैं, आँखों से महरूम लोगों की तरह टटोल टटोलकर आगे बढ़ते हैं। दोपहर के वक़्त भी हम ठोकर खा खाकर यों फिरते हैं जैसे धुँधलका हो। गो हम तनआवर लोगों के दरमियान रहते हैं, लेकिन ख़ुद मुरदों की मानिंद हैं।


ऐ बहरो, सुनो! ऐ अंधो, नज़र उठाओ ताकि देख सको!


मैं अंधों को ऐसी राहों पर ले चलूँगा जिनसे वह वाक़िफ़ नहीं होंगे, ग़ैरमानूस रास्तों पर उनकी राहनुमाई करूँगा। उनके आगे मैं अंधेरे को रौशन और नाहमवार ज़मीन को हमवार करूँगा। यह सब कुछ मैं सरंजाम दूँगा, एक बात भी अधूरी नहीं रह जाएगी।


उस दिन बहरे किताब की तिलावत सुनेंगे, और अंधों की आँखें अंधेरे और तारीकी में से निकलकर देख सकेंगी।


रब अंधों की आँखें बहाल करता और ख़ाक में दबे हुओं को उठा खड़ा करता है, रब रास्तबाज़ को प्यार करता है।


जब बीज इधर-उधर बिखर गया तो कुछ दाने रास्ते पर गिरे और परिंदों ने आकर उन्हें चुग लिया।


हुजूम ने उन्हें डाँटकर कहा, “ख़ामोश!” लेकिन वह और भी ऊँची आवाज़ से पुकारते रहे, “ख़ुदावंद, इब्ने-दाऊद, हम पर रहम करें।”


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