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مرقس 9:9 - किताबे-मुक़द्दस

9 वह पहाड़ से उतरने लगे तो ईसा ने उन्हें हुक्म दिया, “जो कुछ तुमने देखा है उसे उस वक़्त तक किसी को न बताना जब तक कि इब्ने-आदम मुरदों में से जी न उठे।”

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

9 جِس وقت وہ پہاڑ سے نیچے اُتر رہے تھے، تو یِسوعؔ نے اُنہیں تاکید کی کہ جَب تک اِبن آدمؔ مُردوں میں سے جی نہ اُٹھے، جو کُچھ تُم نے دیکھاہے اُس کا ذِکر کسی سے نہ کرنا۔

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کِتابِ مُقادّس

9 جب وہ پہاڑ سے اُترتے تھے تو اُس نے اُن کو حُکم دِیا کہ جب تک اِبنِ آدمؔ مُردوں میں سے جی نہ اُٹھے جو کُچھ تُم نے دیکھا ہے کِسی سے نہ کہنا۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

9 وہ پہاڑ سے اُترنے لگے تو عیسیٰ نے اُنہیں حکم دیا، ”جو کچھ تم نے دیکھا ہے اُسے اُس وقت تک کسی کو نہ بتانا جب تک کہ ابنِ آدم مُردوں میں سے جی نہ اُٹھے۔“

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مرقس 9:9
15 حوالہ جات  

ईसा ने उन्हें संजीदगी से समझाया कि वह किसी को भी इसके बारे में न बताएँ। फिर उसने उन्हें कहा कि उसे खाने को कुछ दो।


क्योंकि जिस तरह यूनुस तीन दिन और तीन रात मछली के पेट में रहा उसी तरह इब्ने-आदम भी तीन दिन और तीन रात ज़मीन की गोद में पड़ा रहेगा।


उसने उनसे कहा, “कलामे-मुक़द्दस में यों लिखा है, मसीह दुख उठाकर तीसरे दिन मुरदों में से जी उठेगा।


“जनाब,” उन्होंने कहा, “हमें याद आया कि जब वह धोकेबाज़ अभी ज़िंदा था तो उसने कहा था, ‘तीन दिन के बाद मैं जी उठूँगा।’


उस वक़्त से ईसा अपने शागिर्दों पर वाज़िह करने लगा, “लाज़िम है कि मैं यरूशलम जाकर क़ौम के बुज़ुर्गों, राहनुमा इमामों और शरीअत के उलमा के हाथों बहुत दुख उठाऊँ। मुझे क़त्ल किया जाएगा, लेकिन तीसरे दिन मैं जी उठूँगा।”


वह न तो झगड़ेगा, न चिल्लाएगा। गलियों में उस की आवाज़ सुनाई नहीं देगी।


ईसा ने उससे कहा, “ख़बरदार! यह बात किसी को न बताना बल्कि बैतुल-मुक़द्दस में इमाम के पास जा ताकि वह तेरा मुआयना करे। अपने साथ वह क़ुरबानी ले जा जिसका तक़ाज़ा मूसा की शरीअत उनसे करती है जिन्हें कोढ़ से शफ़ा मिली है। यों अलानिया तसदीक़ हो जाएगी कि तू वाक़ई पाक-साफ़ हो गया है।”


ईसा ने हाज़िरीन को हुक्म दिया कि वह किसी को यह बात न बताएँ। लेकिन जितना वह मना करता था उतना ही लोग इसकी ख़बर फैलाते थे।


अचानक मूसा और इलियास ग़ायब हो गए। शागिर्दों ने चारों तरफ़ देखा, लेकिन सिर्फ़ ईसा नज़र आया।


चुनाँचे उन्होंने यह बात अपने तक महदूद रखी। लेकिन वह कई बार आपस में बहस करने लगे कि मुरदों में से जी उठने से क्या मुराद हो सकती है।


आवाज़ ख़त्म हुई तो ईसा अकेला ही था। और उन दिनों में शागिर्दों ने किसी को भी इस वाक़िये के बारे में न बताया बल्कि ख़ामोश रहे।


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