مرقس 4:19 - किताबे-मुक़द्दस19 लेकिन फिर रोज़मर्रा की परेशानियाँ, दौलत का फ़रेब और दीगर चीज़ों का लालच कलाम को फलने फूलने नहीं देते। नतीजे में वह फल लाने तक नहीं पहुँचता। باب دیکھیںاُردو ہم عصر ترجُمہ19 لیکن اِس دُنیا کی فکریں، دولت کا فریب اَور دُوسری چیزوں کا لالچ آڑے آکر اِس کلام کو دبا دیتاہے، اَور وہ بے نتیجہ ہو جاتا ہے۔ باب دیکھیںکِتابِ مُقادّس19 اور دُنیا کی فِکر اور دَولت کا فریب اور اَور چِیزوں کا لالچ داخِل ہو کر کلام کو دبا دیتے ہیں اور وہ بے پَھل رہ جاتا ہے۔ باب دیکھیںہولی بائبل کا اردو جیو ورژن19 لیکن پھر روزمرہ کی پریشانیاں، دولت کا فریب اور دیگر چیزوں کا لالچ کلام کو پھلنے پھولنے نہیں دیتے۔ نتیجے میں وہ پھل لانے تک نہیں پہنچتا۔ باب دیکھیں |
उसने गोडी करते करते उसमें से तमाम पत्थर निकाल दिए, फिर बेहतरीन अंगूर की क़लमें लगाईं। बीच में उसने मीनार खड़ा किया ताकि उस की सहीह चौकीदारी कर सके। साथ साथ उसने अंगूर का रस निकालने के लिए पत्थर में हौज़ तराश लिया। फिर वह पहली फ़सल का इंतज़ार करने लगा। बड़ी उम्मीद थी कि अच्छे मीठे अंगूर मिलेंगे। लेकिन अफ़सोस! जब फ़सल पक गई तो छोटे और खट्टे अंगूर ही निकले थे।
जब यह लोग ख़ुदावंद की मुहब्बत को याद करनेवाले रिफ़ाक़ती खानों में शरीक होते हैं तो रिफ़ाक़त के लिए धब्बे बन जाते हैं। यह डरे बग़ैर खाना खा खाकर उससे महज़ूज़ होते हैं। यह ऐसे चरवाहे हैं जो सिर्फ़ अपनी गल्लाबानी करते हैं। यह ऐसे बादल हैं जो हवाओं के ज़ोर से चलते तो हैं लेकिन बरसते नहीं। यह सर्दियों के मौसम में ऐसे दरख़्तों की मानिंद हैं जो दो लिहाज़ से मुरदा हैं। वह फल नहीं लाते और जड़ से उखड़े हुए हैं।