ملاکی 1:7 - किताबे-मुक़द्दस7 इसमें कि तुम मेरी क़ुरबानगाह पर नापाक ख़ुराक रख देते हो। तुम पूछते हो, ‘हमने तुझे किस बात में नापाक किया है?’ इसमें कि तुम रब की मेज़ को क़ाबिले-तहक़ीर क़रार देते हो। باب دیکھیںاُردو ہم عصر ترجُمہ7 ”تُم میرے مذبح پر ناپاک غِذا نذر کرنے کی وجہ سے۔ ”اَور کہتے ہو کہ ہم نے کس بات میں آپ کی توہین کی ہے۔ یہ کہہ کر کہ یَاہوِہ کی میز حقیر ہے تُم مُجھے ناپاک ٹھہراتے ہو۔ باب دیکھیںکِتابِ مُقادّس7 تُم میرے مذبح پر ناپاک روٹی گُذرانتے ہو اور کہتے ہو کہ ہم نے کِس بات میں تیری تَوہِین کی؟ اِسی میں جو کہتے ہو خُداوند کی میز حقِیر ہے۔ باب دیکھیںہولی بائبل کا اردو جیو ورژن7 اِس میں کہ تم میری قربان گاہ پر ناپاک خوراک رکھ دیتے ہو۔ تم پوچھتے ہو، ’ہم نے تجھے کس بات میں ناپاک کیا ہے؟‘ اِس میں کہ تم رب کی میز کو قابلِ تحقیر قرار دیتے ہو۔ باب دیکھیں |
क्योंकि गो अंधे जानवरों को क़ुरबान करना सख़्त मना है, तो भी तुम यह बात नज़रंदाज़ करके ऐसे जानवरों को क़ुरबान करते हो। लँगड़े या बीमार जानवर चढ़ाना भी ममनू है, तो भी तुम कहते हो, ‘कोई बात नहीं’ और ऐसे ही जानवरों को पेश करते हो।” रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, “अगर वाक़ई इसकी कोई बात नहीं तो अपने मुल्क के गवर्नर को ऐसे जानवरों को पेश करो। क्या वह तुमसे ख़ुश होगा? क्या वह तुम्हें क़बूल करेगा? हरगिज़ नहीं!
तुम शिकायत करते हो, ‘हाय, यह ख़िदमत कितनी तकलीफ़देह है!’ और क़ुरबानी की आग को हिक़ारत की नज़रों से देखते हुए तेज़ करते हो। हर क़िस्म का जानवर पेश किया जाता है, ख़ाह वह ज़ख़मी, लँगड़ा या बीमार क्यों न हो।” रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, “क्या मैं तुम्हारे हाथों से ऐसी क़ुरबानियाँ क़बूल कर सकता हूँ? हरगिज़ नहीं!