वह पूरी क़ौम पर तो ज़ाहिर नहीं हुआ बल्कि हम पर जिनको अल्लाह ने पहले से चुन लिया था ताकि हम उसके गवाह हों। हमने उसके जी उठने के बाद उसके साथ खाने-पीने की रिफ़ाक़त भी रखी।
यानी उसके यहया के हाथ से बपतिस्मा लेने से लेकर उस वक़्त तक जब उसे हमारे पास से उठाया गया। लाज़िम है कि उनमें से एक हमारे साथ ईसा के जी उठने का गवाह हो।”
अब मैं आपको जो जमातों के बुज़ुर्ग हैं नसीहत करना चाहता हूँ। मैं ख़ुद भी बुज़ुर्ग हूँ बल्कि मसीह के दुखों का गवाह भी हूँ, और मैं आपके साथ उस आनेवाले जलाल में शरीक हो जाऊँगा जो ज़ाहिर हो जाएगा। इस हैसियत से मैं आपसे अपील करता हूँ,