Biblia Todo Logo
آن لائن بائبل

- اشتہارات -




احبار 6:25 - किताबे-मुक़द्दस

25 “हारून और उसके बेटों को गुनाह की क़ुरबानी के बारे में ज़ैल की हिदायात देना : गुनाह की क़ुरबानी को रब के सामने वहीं ज़बह करना है जहाँ भस्म होनेवाली क़ुरबानी ज़बह की जाती है। वह निहायत मुक़द्दस है।

باب دیکھیں کاپی

اُردو ہم عصر ترجُمہ

25 ”اَہرونؔ اَور اُن کے بیٹوں کو حُکم دے گُناہ کی قُربانی کے ضوابط یہ ہیں: گُناہ کی قُربانی کے جانور کو یَاہوِہ کے حُضُور اُسی جگہ ذبح کیا جائے جہاں سوختنی نذر کا جانور ذبح کیا جاتا ہے کیونکہ وہ نہایت ہی پاک ہے۔

باب دیکھیں کاپی

کِتابِ مُقادّس

25 ہارُونؔ اور اُس کے بیٹوں سے کہہ کہ خطا کی قُربانی کے بارے میں شرع یہ ہے کہ جِس جگہ سوختنی قُربانی کا جانور ذبح کِیا جاتا ہے وہِیں خطا کی قُربانی کا جانور بھی خُداوند کے آگے ذبح کِیا جائے۔ وہ نِہایت پاک ہے۔

باب دیکھیں کاپی

ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

25 ”ہارون اور اُس کے بیٹوں کو گناہ کی قربانی کے بارے میں ذیل کی ہدایات دینا: گناہ کی قربانی کو رب کے سامنے وہیں ذبح کرنا ہے جہاں بھسم ہونے والی قربانی ذبح کی جاتی ہے۔ وہ نہایت مُقدّس ہے۔

باب دیکھیں کاپی




احبار 6:25
13 حوالہ جات  

वह अपना हाथ बकरे के सर पर रखकर उसे वहाँ ज़बह करे जहाँ भस्म होनेवाली क़ुरबानियाँ ज़बह की जाती हैं। यह गुनाह की क़ुरबानी है।


पेश करनेवाला उसे रब के सामने क़ुरबानगाह की शिमाली सिम्त में ज़बह करे। फिर हारून के बेटे जो इमाम हैं उसका ख़ून क़ुरबानगाह के चार पहलुओं पर छिड़कें।


वह अपना हाथ बकरी के सर पर रखकर उसे वहाँ ज़बह करे जहाँ भस्म होनेवाली क़ुरबानियाँ ज़बह की जाती हैं।


क़ुरबानी पेश करनेवाला बैल को वहाँ रब के सामने ज़बह करे। फिर हारून के बेटे जो इमाम हैं उसका ख़ून रब को पेश करके उसे दरवाज़े पर की क़ुरबानगाह के चार पहलुओं पर छिड़कें।


अगर वह अपने गाय-बैलों में से भस्म होनेवाली क़ुरबानी चढ़ाना चाहे तो वह बेऐब बैल चुनकर उसे मुलाक़ात के ख़ैमे के दरवाज़े पर पेश करे ताकि रब उसे क़बूल करे।


उसे पकाने के लिए उसमें ख़मीर न डाला जाए। मैंने जलनेवाली क़ुरबानियों में से यह हिस्सा उनके लिए मुक़र्रर किया है। यह गुनाह की क़ुरबानी और क़ुसूर की क़ुरबानी की तरह निहायत मुक़द्दस है।


उसे अल्लाह की मुक़द्दस बल्कि मुक़द्दसतरीन क़ुरबानियों में से भी इमामों का हिस्सा खाने की इजाज़त है।


रब ने मूसा से कहा,


इमामों के ख़ानदानों में से तमाम मर्द उसे खा सकते हैं। यह खाना निहायत मुक़द्दस है।


गुनाह और क़ुसूर की क़ुरबानी के लिए एक ही उसूल है, जो इमाम क़ुरबानी को पेश करके कफ़्फ़ारा देता है उसको उसका गोश्त मिलता है।


उस आदमी ने मुझसे कहा, “यह दोनों इमारतें मुक़द्दस हैं। जो इमाम रब के हुज़ूर आते हैं वह इन्हीं में मुक़द्दसतरीन क़ुरबानियाँ खाते हैं। चूँकि यह कमरे मुक़द्दस हैं इसलिए इमाम इनमें मुक़द्दसतरीन क़ुरबानियाँ रखेंगे, ख़ाह ग़ल्ला, गुनाह या क़ुसूर की क़ुरबानियाँ क्यों न हों।


ہمیں فالو کریں:

اشتہارات


اشتہارات