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احبار 4:20 - किताबे-मुक़द्दस

20 उस बैल के साथ वह सब कुछ करे जो उसे अपने ज़ाती ग़ैरइरादी गुनाह के लिए करना होता है। यों वह लोगों का कफ़्फ़ारा देगा और उन्हें मुआफ़ी मिल जाएगी।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

20 اَور وہ اُس بچھڑے سے بالکُل وُہی کرے جَیسا اُس نے گُناہ کی قُربانی کے بچھڑے کے ساتھ کیا تھا۔ یُوں وہ کاہِنؔ جماعت کے لیٔے کفّارہ دے گا اَور وہ مُعاف کر دئیے جایٔیں گے۔

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کِتابِ مُقادّس

20 وہ بچھڑے سے یِہی کرے یعنی جو کُچھ خطا کی قُربانی کے بچھڑے سے کِیا تھا وُہی اِس بچھڑے سے کرے۔ یُوں کاہِن اُن کے لِئے کفّارہ دے تو اُنہیں مُعافی مِلے گی۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

20 اُس بَیل کے ساتھ وہ سب کچھ کرے جو اُسے اپنے ذاتی غیرارادی گناہ کے لئے کرنا ہوتا ہے۔ یوں وہ لوگوں کا کفارہ دے گا اور اُنہیں معافی مل جائے گی۔

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احبار 4:20
28 حوالہ جات  

इमाम इसराईल की पूरी जमात का कफ़्फ़ारा दे तो उन्हें मुआफ़ी मिलेगी, क्योंकि उनका गुनाह ग़ैरइरादी था और उन्होंने रब को भस्म होनेवाली क़ुरबानी और गुनाह की क़ुरबानी पेश की है।


अगर वह ग़ुरबत के बाइस भेड़ का बच्चा न दे सके तो फिर वह दो क़ुम्रियाँ या दो जवान कबूतर ले आए, एक भस्म होनेवाली क़ुरबानी के लिए और दूसरा गुनाह की क़ुरबानी के लिए। यों इमाम उसका कफ़्फ़ारा दे और वह पाक हो जाएगी।”


और ईसा मसीह की तरफ़ से यानी उससे जो इन बातों का वफ़ादार गवाह, मुरदों में से पहला जी उठनेवाला और दुनिया के बादशाहों का सरदार है। उस की तमजीद हो जो हमें प्यार करता है, जिसने अपने ख़ून से हमें हमारे गुनाहों से ख़लासी बख़्शी है


वही हमारे गुनाहों का कफ़्फ़ारा देनेवाली क़ुरबानी है, और न सिर्फ़ हमारे गुनाहों का बल्कि पूरी दुनिया के गुनाहों का भी।


लेकिन जब हम नूर में चलते हैं, बिलकुल उसी तरह जिस तरह अल्लाह नूर में है, तो फिर हम एक दूसरे के साथ रिफ़ाक़त रखते हैं और उसके फ़रज़ंद ईसा का ख़ून हमें तमाम गुनाहों से पाक-साफ़ कर देता है।


अगर इन चीज़ों का यह असर था तो फिर मसीह के ख़ून का क्या ज़बरदस्त असर होगा! अज़ली रूह के ज़रीए उसने अपने आपको बेदाग़ क़ुरबानी के तौर पर पेश किया। यों उसका ख़ून हमारे ज़मीर को मौत तक पहुँचानेवाले कामों से पाक-साफ़ करता है ताकि हम ज़िंदा ख़ुदा की ख़िदमत कर सकें।


इसलिए लाज़िम था कि वह हर लिहाज़ से अपने भाइयों की मानिंद बन जाए। सिर्फ़ इससे उसका यह मक़सद पूरा हो सका कि वह अल्लाह के हुज़ूर एक रहीम और वफ़ादार इमामे-आज़म बनकर लोगों के गुनाहों का कफ़्फ़ारा दे सके।


फ़रज़ंद अल्लाह का शानदार जलाल मुनअकिस करता और उस की ज़ात की ऐन शबीह है। वह अपने क़वी कलाम से सब कुछ सँभाले रखता है। जब वह दुनिया में था तो उसने हमारे लिए गुनाहों से पाक-साफ़ हो जाने का इंतज़ाम क़ायम किया। इसके बाद वह आसमान पर क़ादिरे-मुतलक़ के दहने हाथ जा बैठा।


लेकिन मसीह ने हमारा फ़िद्या देकर हमें शरीअत की लानत से आज़ाद कर दिया है। यह उसने इस तरह किया कि वह हमारी ख़ातिर ख़ुद लानत बना। क्योंकि कलामे-मुक़द्दस में लिखा है, “जिसे भी दरख़्त से लटकाया गया है उस पर अल्लाह की लानत है।”


न सिर्फ़ यह बल्कि अब हम अल्लाह पर फ़ख़र करते हैं और यह हमारे ख़ुदावंद ईसा मसीह के वसीले से है, जिसने हमारी सुलह कराई है।


तेरी क़ौम और तेरे मुक़द्दस शहर के लिए 70 हफ़ते मुक़र्रर किए गए हैं ताकि उतने में जरायम और गुनाहों का सिलसिला ख़त्म किया जाए, क़ुसूर का कफ़्फ़ारा दिया जाए, अबदी रास्ती क़ायम की जाए, रोया और पेशगोई की तसदीक़ की जाए और मुक़द्दसतरीन जगह को मसह करके मख़सूसो-मुक़द्दस किया जाए।


इमाम रब के सामने उस शख़्स का कफ़्फ़ारा दे। जब कफ़्फ़ारा दे दिया गया तो उसे मुआफ़ी हासिल होगी।


इमाम अपनी हथेली पर का बाक़ी तेल पाक होनेवाले के सर पर डालकर रब के सामने उसका कफ़्फ़ारा दे।


फिर इमाम रब के सामने उसका कफ़्फ़ारा देगा तो उसे मुआफ़ी मिल जाएगी।”


फिर वह गुनाह की क़ुरबानी के तौर पर एक भेड़ या बकरी पेश करे। यों इमाम उसका कफ़्फ़ारा देगा।


फिर वह उस की सारी चरबी क़ुरबानगाह पर उस तरह जला दे जिस तरह वह सलामती की क़ुरबानियों की चरबी जला देता है। यों इमाम उस आदमी का कफ़्फ़ारा देगा और उसे मुआफ़ी हासिल हो जाएगी।


क़ुरबानी पेश करनेवाला अपना हाथ जानवर के सर पर रखे तो यह क़ुरबानी मक़बूल होकर उसका कफ़्फ़ारा देगी।


अगले दिन मूसा ने इसराईलियों से बात की, “तुमने निहायत संगीन गुनाह किया है। तो भी मैं अब रब के पास पहाड़ पर जा रहा हूँ। शायद मैं तुम्हारे गुनाह का कफ़्फ़ारा दे सकूँ।”


जवान बैल की सारी चरबी, अंतड़ियों पर की सारी चरबी,


आख़िर में वह बैल को ख़ैमागाह के बाहर ले जाकर उस तरह जला दे जिस तरह उसे अपने लिए बैल को जला देना होता है। यह जमात का गुनाह दूर करने की क़ुरबानी है।


फिर वह उस की तमाम चरबी उस तरह निकाले जिस तरह सलामती की क़ुरबानी के लिए ज़बह किए गए जवान मेंढे की चरबी निकाली जाती है। इसके बाद इमाम चरबी को क़ुरबानगाह पर उन क़ुरबानियों समेत जला दे जो रब के लिए जलाई जाती हैं। यों इमाम उस आदमी का कफ़्फ़ारा देगा और उसे मुआफ़ी मिल जाएगी।


फिर इमाम दूसरे परिंदे को क़वायद के मुताबिक़ भस्म होनेवाली क़ुरबानी के तौर पर पेश करे। यों इमाम उस आदमी का कफ़्फ़ारा देगा और उसे मुआफ़ी मिल जाएगी।


यों इमाम उस आदमी का कफ़्फ़ारा देगा और उसे मुआफ़ी मिल जाएगी। ग़ल्ला की नज़र की तरह बाक़ी मैदा इमाम का हिस्सा है।”


जितना नुक़सान मक़दिस को हुआ है उतना ही वह दे। इसके अलावा वह मज़ीद 20 फ़ीसद अदा करे। वह उसे इमाम को दे दे और इमाम जानवर को क़ुसूर की क़ुरबानी के तौर पर पेश करके उसका कफ़्फ़ारा दे। यों उसे मुआफ़ी मिल जाएगी।


वह क़ुसूर की क़ुरबानी के तौर पर इमाम के पास एक बेऐब और क़ीमत के लिहाज़ से मुनासिब मेंढा ले आए। उस की क़ीमत मक़दिस की शरह के मुताबिक़ मुक़र्रर की जाए। फिर इमाम यह क़ुरबानी उस गुनाह के लिए चढ़ाए जो क़ुसूरवार शख़्स ने ग़ैरइरादी तौर पर किया है। यों उसे मुआफ़ी मिल जाएगी।


इमाम उनमें से एक को गुनाह की क़ुरबानी के तौर पर और दूसरे को भस्म होनेवाली क़ुरबानी के तौर पर चढ़ाए। यों वह रब के सामने उसका कफ़्फ़ारा देगा।


इमाम इस क़ुरबानी से रब के सामने उसके गुनाह का कफ़्फ़ारा दे। यों उसका गुनाह मुआफ़ किया जाएगा।


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