5 कसरत के बाइस अनाज की फ़सल की कटाई अंगूर तोड़ते वक़्त तक जारी रहेगी और अंगूर की फ़सल उस वक़्त तक तोड़ी जाएगी जब तक बीज बोने का मौसम आएगा। इतनी ख़ुराक मिलेगी कि तुम कभी भूके नहीं होगे। और तुम अपने मुल्क में महफ़ूज़ रहोगे।
5 تمہاری کٹائی انگور کی فصل تک جاری رہے گی، اَور تمہاری انگور کی فصل، بیج کی بُوائی تک جاری رہے گی، چنانچہ تُم بھرپیٹ کھانا کھاؤگے اَور اَپنے مُلک میں سلامتی سے بسے رہوگے۔
5 یہاں تک کہ انگُور جمع کرنے کے وقت تک تُم داؤتے رہو گے اور جوتنے بونے کے وقت تک انگُور جمع کرو گے اور پیٹ بھر اپنی روٹی کھایا کرو گے اور چَین سے اپنے مُلک میں بسے رہو گے۔
5 کثرت کے باعث اناج کی فصل کی کٹائی انگور توڑتے وقت تک جاری رہے گی اور انگور کی فصل اُس وقت تک توڑی جائے گی جب تک بیج بونے کا موسم آئے گا۔ اِتنی خوراک ملے گی کہ تم کبھی بھوکے نہیں ہو گے۔ اور تم اپنے ملک میں محفوظ رہو گے۔
रब फ़रमाता है, “ऐसे दिन आनेवाले हैं जब फ़सलें बहुत ही ज़्यादा होंगी। फ़सल की कटाई के लिए इतना वक़्त दरकार होगा कि आख़िरकार हल चलानेवाला कटाई करनेवालों के पीछे पीछे खेत को अगली फ़सल के लिए तैयार करता जाएगा। अंगूर की फ़सल भी ऐसी ही होगी। अंगूर की कसरत के बाइस उनसे रस निकालने के लिए इतना वक़्त लगेगा कि आख़िरकार बीज बोनेवाला साथ साथ बीज बोने का काम शुरू करेगा। कसरत के बाइस नई मै पहाड़ों से टपकेगी और तमाम पहाड़ियों से बहेगी।
तुम दुबारा जी भरकर खा सकोगे। तब तुम रब अपने ख़ुदा के नाम की सताइश करोगे जिसने तुम्हारी ख़ातिर इतने बड़े मोजिज़े किए हैं। आइंदा मेरी क़ौम कभी शरमिंदा न होगी।
वह अपनी क़ौम से वादा करेगा, “मैं तुम्हें इतना अनाज, अंगूर और ज़ैतून भेज देता हूँ कि तुम सेर हो जाओगे। आइंदा मैं तुम्हें दीगर अक़वाम के मज़ाक़ का निशाना नहीं बनाऊँगा।
जो मौजूदा दुनिया में अमीर हैं उन्हें समझाएँ कि वह मग़रूर न हों, न दौलत जैसी ग़ैरयक़ीनी चीज़ पर उम्मीद रखें। इसकी बजाए वह अल्लाह पर उम्मीद रखें जो हमें फ़ैयाज़ी से सब कुछ मुहैया करता है ताकि हम उससे लुत्फ़अंदोज़ हो जाएँ।
और अल्लाह आपके ईमान के ज़रीए अपनी क़ुदरत से आपकी उस वक़्त तक हिफ़ाज़त करता रहेगा जब तक आपको नजात न मिल जाए, वह नजात जो आख़िरत के दिन सब पर ज़ाहिर होने के लिए तैयार है।
तो भी उसने ऐसी चीज़ें आपके पास रहने दी हैं जो उस की गवाही देती हैं। उस की मेहरबानी इससे ज़ाहिर होती है कि वह आपको बारिश भेजकर हर मौसम की फ़सलें मुहैया करता है और आप सेर होकर ख़ुशी से भर जाते हैं।”
हाय यरूशलम, यरूशलम! तू जो नबियों को क़त्ल करती और अपने पास भेजे हुए पैग़ंबरों को संगसार करती है। मैंने कितनी ही बार तेरी औलाद को जमा करना चाहा, बिलकुल उसी तरह जिस तरह मुरग़ी अपने बच्चों को अपने परों तले जमा करके महफ़ूज़ कर लेती है। लेकिन तुमने न चाहा।
फिर भी रब तुमको शाम के वक़्त गोश्त और सुबह के वक़्त वाफ़िर रोटी देगा, क्योंकि उसने तुम्हारी शिकायतें सुन ली हैं। तुम्हारी शिकायतें हमारे ख़िलाफ़ नहीं बल्कि रब के ख़िलाफ़ हैं।”
उस दिन मैं जंगली जानवरों, परिंदों और रेंगनेवाले जानदारों के साथ अहद बाँधूँगा ताकि वह इसराईल को नुक़सान न पहुँचाएँ। कमान और तलवार को तोड़कर मैं जंग का ख़तरा मुल्क से दूर कर दूँगा। सब आरामो-सुकून से ज़िंदगी गुज़ारेंगे।