36 तुममें से जो बचकर अपने दुश्मनों के ममालिक में रहेंगे उनके दिलों पर मैं दहशत तारी करूँगा। वह हवा के झोंकों से गिरनेवाले पत्ते की आवाज़ से चौंककर भाग जाएंगे। वह फ़रार होंगे गोया कोई हाथ में तलवार लिए उनका ताक़्क़ुब कर रहा हो। और वह गिरकर मर जाएंगे हालाँकि कोई उनका पीछा नहीं कर रहा होगा।
36 ” ’اَور تُم میں سے جو باقی بچیں گے میں اُن کے دُشمنوں کے ممالک میں اُن کے دِلوں کو اَیسا خوفزدہ کر دُوں گا کہ ہَوا سے اُڑتے ہُوئے پتّے کی آواز سُن کر بھی وہ بھاگ کھڑے ہوں گے۔ وہ اَیسے بھاگیں گے گویا کویٔی تلوار لیٔے ہویٔے اُن کا پیچھا کر رہا ہو، ہالانکہ کویٔی اُن کا پیچھا بھی نہیں کر رہا ہوگا تو بھی وہ گرتے پڑتے بھاگیں گے۔
36 اور جو تُم میں سے بچ جائیں گے اور اپنے دُشمنوں کے مُلکوں میں ہوں گے اُن کے دِل کے اندر مَیں بے ہمّتی پَیدا کر دُوں گا اور اُڑتی ہُوئی پتّی کی آواز اُن کو کھدیڑے گی اور وہ اَیسے بھاگیں گے جَیسے کوئی تلوار سے بھاگتا ہو اور حالانکہ کوئی پِیچھا بھی نہ کرتا ہو گا تَو بھی وہ گِر گِر پڑیں گے۔
36 تم میں سے جو بچ کر اپنے دشمنوں کے ممالک میں رہیں گے اُن کے دلوں پر مَیں دہشت طاری کروں گا۔ وہ ہَوا کے جھونکوں سے گرنے والے پتے کی آواز سے چونک کر بھاگ جائیں گے۔ وہ فرار ہوں گے گویا کوئی ہاتھ میں تلوار لئے اُن کا تعاقب کر رہا ہو۔ اور وہ گر کر مر جائیں گے حالانکہ کوئی اُن کا پیچھا نہیں کر رہا ہو گا۔
जब वह तुझसे पूछें, ‘आप क्यों कराह रहे हैं?’ तो उन्हें जवाब दे, ‘मुझे एक हौलनाक ख़बर का इल्म है जो अभी आनेवाली है। जब यहाँ पहुँचेगी तो हर एक की हिम्मत टूट जाएगी और हर हाथ बेहिसो-हरकत हो जाएगा। हर जान हौसला हारेगी और हर घुटना डाँवाँडोल हो जाएगा। रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि इस ख़बर का वक़्त क़रीब आ गया है, जो कुछ पेश आना है वह जल्द ही पेश आएगा’।”
तुम्हारे हज़ार मर्द एक ही आदमी की धमकी पर भाग जाएंगे। और जब दुश्मन के पाँच अफ़राद तुम्हें धमकाएँगे तो तुम सबके सब फ़रार हो जाओगे। आख़िरकार जो बचेंगे वह पहाड़ की चोटी पर परचम के डंडे की तरह तनहा रह जाएंगे, पहाड़ी पर झंडे की तरह अकेले होंगे।”
मैं तुम्हारे ख़िलाफ़ हो जाऊँगा, इसलिए तुम अपने दुश्मनों के हाथ से शिकस्त खाओगे। तुमसे नफ़रत रखनेवाले तुम पर हुकूमत करेंगे। उस वक़्त भी जब कोई तुम्हारा ताक़्क़ुब नहीं करेगा तुम भाग जाओगे।
मैंने तलवार को उनके शहरों के हर दरवाज़े पर खड़ा कर दिया है ताकि आने जानेवालों को मार डाले, हर दिल हिम्मत हारे और मुतअद्दिद अफ़राद हलाक हो जाएँ। अफ़सोस! उसे बिजली की तरह चमकाया गया है, वह क़त्लो-ग़ारत के लिए तैयार है।
उसे बता कि मुहतात रहकर सुकून का दामन मत छोड़। मत डर। तेरा दिल रज़ीन, शाम और बिन रमलियाह का तैश देखकर हिम्मत न हारे। यह बस जली हुई लकड़ी के दो बचे हुए टुकड़े हैं जो अब तक कुछ धुआँ छोड़ रहे हैं।
जब दाऊद के शाही घराने को इत्तला मिली कि शाम की फ़ौज ने इफ़राईम के इलाक़े में अपनी लशकरगाह लगाई है तो आख़ज़ बादशाह और उस की क़ौम लरज़ उठे। उनके दिल आँधी के झोंकों से हिलनेवाले दरख़्तों की तरह थरथराने लगे।
वह जिरार के इर्दगिर्द के शहरों पर भी क़ब्ज़ा करने में कामयाब हुए, क्योंकि मक़ामी लोगों में रब की दहशत फैल गई थी। नतीजे में इन शहरों से भी बहुत-सा माल छीन लिया गया।
यह ख़बर दरियाए-यरदन के मग़रिब में आबाद तमाम अमोरी बादशाहों और साहिली इलाक़े में आबाद तमाम कनानी बादशाहों तक पहुँच गई कि रब ने इसराईलियों के सामने दरिया को उस वक़्त तक ख़ुश्क कर दिया जब तक सबने पार न कर लिया था। तब उनकी हिम्मत टूट गई और उनमें इसराईलियों का सामना करने की जुर्रत न रही।
वहाँ के अमोरी बाशिंदे तुम्हारा सामना करने निकले। वह शहद की मक्खियों के ग़ोल की तरह तुम पर टूट पड़े और तुम्हारा ताक़्क़ुब करके तुम्हें सईर से हुरमा तक मारते गए।
और उनके 36 अफ़राद शहीद हुए। अई के आदमियों ने शहर के दरवाज़े से लेकर शबरीम तक उनका ताक़्क़ुब करके वहाँ की ढलान पर उन्हें मार डाला। तब इसराईली सख़्त घबरा गए, और उनकी हिम्मत जवाब दे गई।
तब उन पर सख़्त दहशत वहाँ छा गई जहाँ पहले दहशत का सबब नहीं था। जिन्होंने तुझे घेर रखा था अल्लाह ने उनकी हड्डियाँ बिखेर दीं। तूने उनको रुसवा किया, क्योंकि अल्लाह ने उन्हें रद्द किया है।
ख़ाह तुम हमलाआवर पूरी बाबली फ़ौज को शिकस्त क्यों न देते और सिर्फ़ ज़ख़मी आदमी बचे रहते तो भी तुम नाकाम रहते, तो भी यह बाज़ एक आदमी अपने ख़ैमों में से निकलकर यरूशलम को नज़रे-आतिश करते।”
उसने मुतअद्दिद अफ़राद को ठोकर खाने दिया, और वह एक दूसरे पर गिर गए। उन्होंने कहा, ‘आओ, हम अपनी ही क़ौम और अपने वतन में वापस चले जाएँ जहाँ ज़ालिम की तलवार हम तक नहीं पहुँच सकती।’
पहले भी यहूदाह बेटी बड़ी मुसीबत में फँसी हुई थी, पहले भी उसे सख़्त मज़दूरी करनी पड़ी। लेकिन अब वह जिलावतन होकर दीगर अक़वाम के बीच में रहती है, अब उसे कहीं भी ऐसी जगह नहीं मिलती जहाँ सुकून से रह सके। क्योंकि जब वह बड़ी तकलीफ़ में मुब्तला थी तो दुश्मन ने उसका ताक़्क़ुब करके उसे घेर लिया।
जिस तरह आसमान पर मँडलानेवाला उक़ाब एकदम शिकार पर झपट पड़ता है उसी तरह हमारा ताक़्क़ुब करनेवाले हम पर टूट पड़े, और वह भी कहीं ज़्यादा तेज़ी से। वह पहाड़ों पर हमारे पीछे पीछे भागे और रेगिस्तान में हमारी घात में रहे।