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احبار 26:14 - किताबे-मुक़द्दस

14 लेकिन अगर तुम मेरी नहीं सुनोगे और इन तमाम अहकाम पर नहीं चलोगे,

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

14 ” ’لیکن اگر تُم میری نہ سنوگے اَور اِن سَب اَحکام پر عَمل نہ کروگے،

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کِتابِ مُقادّس

14 لیکن اگر تُم میری نہ سُنو اور اِن سب حُکموں پر عمل نہ کرو۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

14 لیکن اگر تم میری نہیں سنو گے اور اِن تمام احکام پر نہیں چلو گے،

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احبار 26:14
23 حوالہ جات  

अब रब ने अपनी मरज़ी पूरी की है। अब उसने सब कुछ पूरा किया है जो बड़ी देर से फ़रमाता आया है। बेरहमी से उसने तुझे ख़ाक में मिला दिया। उसी ने होने दिया कि दुश्मन तुझ पर शादियाना बजाता, कि तेरे मुख़ालिफ़ों की ताक़त तुझ पर ग़ालिब आ गई है।


लेकिन अगर तुम मेरी न सुनो और सबत का दिन मख़सूसो-मुक़द्दस न मानो तो फिर तुम्हें सख़्त सज़ा मिलेगी। अगर तुम सबत के दिन अपना मालो-असबाब शहर में लाओ तो मैं इन्हीं दरवाज़ों में एक न बुझनेवाली आग लगा दूँगा जो जलती जलती यरूशलम के महलों को भस्म कर देगी’।”


अगर तुम इसके बाद भी मेरी न सुनो तो मैं तुम्हारे गुनाहों के सबब से तुम्हें सात गुना ज़्यादा सज़ा दूँगा।


चुनाँचे ख़बरदार रहें कि आप उस की सुनने से इनकार न करें जो इस वक़्त आपसे हमकलाम हो रहा है। क्योंकि अगर इसराईली न बचे जब उन्होंने दुनियावी पैग़ंबर मूसा की सुनने से इनकार किया तो फिर हम किस तरह बचेंगे अगर हम उस की सुनने से इनकार करें जो आसमान से हमसे हमकलाम होता है।


जो नहीं सुनेगा उसे मिटाकर क़ौम से निकाल दिया जाएगा।’


रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, “मेरी सुनो, पूरे दिल से मेरे नाम का एहतराम करो, वरना मैं तुम पर लानत भेजूँगा, मैं तुम्हारी बरकतों को लानतों में तबदील कर दूँगा। बल्कि मैं यह कर भी चुका हूँ, क्योंकि तुमने पूरे दिल से मेरे नाम का एहतराम नहीं किया।


“रब हक़-बजानिब है, क्योंकि मैं उसके कलाम से सरकश हुई। ऐ तमाम अक़वाम, सुनो! मेरी ईज़ा पर ग़ौर करो! मेरे नौजवान और कुँवारियाँ जिलावतन हो गए हैं।


लेकिन जिस तरह रब ने हर वादा पूरा किया है बिलकुल उसी तरह वह तमाम आफ़तें आप पर नाज़िल करेगा जिनके बारे में उसने आपको ख़बरदार किया है अगर आप उसके ताबे न रहें। फिर वह आपको उस अच्छे मुल्क में से मिटा देगा जो उसने आपको दे दिया है।


जब भी इसराईली लड़ने के लिए निकले तो रब का हाथ उनके ख़िलाफ़ था। नतीजतन वह हारते गए जिस तरह उसने क़सम खाकर फ़रमाया था। जब वह इस तरह बड़ी मुसीबत में थे


लेकिन अगर आप उसके ताबे न रहें और सरकश होकर उसके अहकाम की ख़िलाफ़वरज़ी करें तो वह आपकी मुख़ालफ़त करेगा, जिस तरह उसने आपके बापदादा की भी मुख़ालफ़त की।


लेकिन ख़बरदार! अगर तू मुझसे दूर होकर मेरे दिए गए अहकाम और हिदायात को तर्क करे बल्कि दीगर माबूदों की तरफ़ रुजू करके उनकी ख़िदमत और परस्तिश करे


बेदीन के घर पर रब की लानत आती जबकि रास्तबाज़ के घर को वह बरकत देता है।


लेकिन उन्होंने न मेरी सुनी, न ध्यान दिया बल्कि हर एक अपने शरीर दिल की ज़िद के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारता रहा। अहद की जिन बातों पर मैंने उन्हें अमल करने का हुक्म दिया था उन पर उन्होंने अमल न किया। नतीजे में मैं उन पर वह तमाम लानतें लाया जो अहद में बयान की गई हैं।”


उन्हें बता, ‘रब फ़रमाता है कि मेरी सुनो और मेरी उस शरीअत पर अमल करो जो मैंने तुम्हें दी है।


क़दीम ज़माने से लेकर आज तक जितने नबी मुझसे और तुझसे पहले ख़िदमत करते आए हैं उन्होंने मुतअद्दिद मुल्कों और बड़ी बड़ी सलतनतों के बारे में नबुव्वत की थी कि उन पर जंग, आफ़त और मोहलक बीमारियाँ नाज़िल होंगी।


तब नबूज़रादान ने यरमियाह को बुलाकर उससे कहा, “रब आपके ख़ुदा ने एलान किया था कि इस जगह पर आफ़त आएगी।


मूसा की शरीअत में मज़कूर हर वह लानत हम पर नाज़िल हुई जो नाफ़रमानों पर भेजी गई है। तो भी न हमने अपने गुनाहों को छोड़ा, न तेरी सच्चाई पर ध्यान दिया, हालाँकि इससे हम रब अपने ख़ुदा का ग़ज़ब ठंडा कर सकते थे।


लेकिन ज्योंही वह कभी इधर कभी इधर दौड़ेंगे तो मैं उन पर अपना जाल डालूँगा, उन्हें उड़ते हुए परिंदों की तरह नीचे उतारूँगा। मैं उनकी यों तादीब करूँगा जिस तरह उनकी जमात को आगाह किया गया है।


“जाकर मेरी और क़ौम बल्कि तमाम यहूदाह की ख़ातिर रब से इस किताब में दर्ज बातों के बारे में दरियाफ़्त करें। रब का जो ग़ज़ब हम पर नाज़िल होनेवाला है वह निहायत सख़्त है, क्योंकि हमारे बापदादा न किताब के फ़रमानों के ताबे रहे, न उन हिदायात के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारी है जो उसमें हमारे लिए दर्ज की गई हैं।”


चुनाँचे मैंने उन्हें उनके दिलों की ज़िद के हवाले कर दिया, और वह अपने ज़ाती मशवरों के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारने लगे।


लेकिन जब हमारे बापदादा ने मुल्क में दाख़िल होकर उस पर क़ब्ज़ा किया तो उन्होंने न तेरी सुनी, न तेरी शरीअत के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारी। जो कुछ भी तूने उन्हें करने को कहा था उस पर उन्होंने अमल न किया। नतीजे में तू उन पर यह आफ़त लाया।


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