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احبار 23:24 - किताबे-मुक़द्दस

24 “इसराईलियों को बताना कि सातवें महीने का पहला दिन आराम का दिन है। उस दिन मुक़द्दस इजतिमा हो जिस पर याद दिलाने के लिए नरसिंगा फूँका जाए।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

24 ”بنی اِسرائیل کو حُکم دو، ’ساتویں مہینے کی پہلی تاریخ کو تمہارا یَومِ آرام ہوگا۔ اِس مُقدّس موقع پر اِجتماع کیا جائے اَور یادگاری کے لیٔے زور زور سے نرسنگے پھُونکے جایٔیں۔

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کِتابِ مُقادّس

24 بنی اِسرائیل سے کہہ کہ ساتویں مہِینے کی پہلی تارِیخ تُمہارے لِئے خاص آرام کا دِن ہو۔ اُس میں یادگاری کے لِئے نرسِنگے پُھونکے جائیں اور مُقدّس مجمع ہو۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

24 ”اسرائیلیوں کو بتانا کہ ساتویں مہینے کا پہلا دن آرام کا دن ہے۔ اُس دن مُقدّس اجتماع ہو جس پر یاد دلانے کے لئے نرسنگا پھونکا جائے۔

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احبار 23:24
14 حوالہ جات  

और यह अचानक, आँख झपकते में, आख़िरी बिगुल बजते ही रूनुमा होगा। क्योंकि बिगुल बजने पर मुरदे लाफ़ानी हालत में जी उठेंगे और हम बदल जाएंगे।


उस वक़्त ऊँची आवाज़ से हुक्म दिया जाएगा, फ़रिश्ताए-आज़म की आवाज़ सुनाई देगी, अल्लाह का तुरम बजेगा और ख़ुदावंद ख़ुद आसमान पर से उतर आएगा। तब पहले वह जी उठेंगे जो मसीह में मर गए थे।


पचासवें साल के सातवें महीने के दसवें दिन यानी कफ़्फ़ारा के दिन अपने मुल्क की हर जगह नरसिंगा बजाना।


तुरम और नरसिंगा फूँककर रब बादशाह के हुज़ूर ख़ुशी के नारे लगाओ!


गानेवाले और तुरम बजानेवाले मिलकर रब की सताइश कर रहे थे। तुरमों, झाँझों और बाक़ी साज़ों के साथ उन्होंने बुलंद आवाज़ से रब की तमजीद में गीत गाया, “वह भला है, और उस की शफ़क़त अबदी है।” तब रब का घर एक बादल से भर गया।


उस दिन नरसिंगा बुलंद आवाज़ से बजेगा। तब असूर में तबाह होनेवाले और मिसर में भगाए हुए लोग वापस आकर यरूशलम के मुक़द्दस पहाड़ पर रब को सिजदा करेंगे।


गो रब के घर की बुनियाद अभी डाली नहीं गई थी तो भी इसराईली सातवें महीने के पहले दिन से रब को भस्म होनेवाली क़ुरबानियाँ पेश करने लगे।


तमाम इसराईली ख़ुशी के नारे लगा लगाकर, नरसिंगे और तुरम फूँक फूँककर और झाँझ, सितार और सरोद बजा बजाकर रब के अहद का संदूक़ यरूशलम लाए।


रब ने मूसा से कहा,


चुनाँचे अज़रा ने हाज़िरीन के सामने शरीअत की तिलावत की। सातवें महीने का पहला दिन था। न सिर्फ़ मर्द बल्कि औरतें और शरीअत की बातें समझने के क़ाबिल तमाम बच्चे भी जमा हुए थे।


मुबारक है वह क़ौम जो तेरी ख़ुशी के नारे लगा सके। ऐ रब, वह तेरे चेहरे के नूर में चलेंगे।


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