15 हर क़िस्म का कौवा,
15 ہر قِسم کے کوّے،
15 اور ہر قِسم کے کوّے۔
15 ہر قسم کا کوّا،
कौवों पर ग़ौर करो। न वह बीज बोते, न फ़सलें काटते हैं। उनके पास न स्टोर होता है, न गोदाम। तो भी अल्लाह ख़ुद उन्हें खाना खिलाता है। और तुम्हारी क़दरो-क़ीमत तो परिंदों से कहीं ज़्यादा है।
जो आँख बाप का मज़ाक़ उड़ाए और माँ की हिदायत को हक़ीर जाने उसे वादी के कौवे अपनी चोंचों से निकालेंगे और गिद्ध के बच्चे खा जाएंगे।
सुबहो-शाम कौवे उसे रोटी और गोश्त पहुँचाते रहे, और पानी वह नदी से पीता था।
पानी तू नदी से पी सकता है, और मैंने कौवों को तुझे वहाँ खाना खिलाने का हुक्म दिया है।”
लाल चील, हर क़िस्म की काली चील,
उक़ाबी उल्लू, छोटे कानवाला उल्लू, बड़े कानवाला उल्लू, हर क़िस्म का बाज़,