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احبار 1:3 - किताबे-मुक़द्दस

3 अगर वह अपने गाय-बैलों में से भस्म होनेवाली क़ुरबानी चढ़ाना चाहे तो वह बेऐब बैल चुनकर उसे मुलाक़ात के ख़ैमे के दरवाज़े पर पेश करे ताकि रब उसे क़बूल करे।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

3 ” ’اگر وہ نذر گلّہ کا جانور ہو تو وہ بے عیب نر ہو اَور لازِم ہے کہ نذر لانے والا اُسے خیمہ اِجتماع کے مدخل پر سوختنی نذر کے طور پر نذر کرے تاکہ وہ یَاہوِہ کے حُضُور مقبُول ٹھہرے۔

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کِتابِ مُقادّس

3 اگر اُس کا چڑھاوا گائے بَیل کی سوختنی قُربانی ہو تو وہ بے عَیب نر کو لا کر اُسے خَیمۂِ اِجتماع کے دروازہ پر چڑھائے تاکہ وہ خُود خُداوند کے حضُور مقبُول ٹھہرے۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

3 اگر وہ اپنے گائےبَیلوں میں سے بھسم ہونے والی قربانی چڑھانا چاہے تو وہ بےعیب بَیل چن کر اُسے ملاقات کے خیمے کے دروازے پر پیش کرے تاکہ رب اُسے قبول کرے۔

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احبار 1:3
79 حوالہ جات  

अगर ऐसे जानवर में कोई ख़राबी हो, वह अंधा या लँगड़ा हो या उसमें कोई और नुक़्स हो तो उसे रब अपने ख़ुदा के लिए क़ुरबान न करना।


अगर इन चीज़ों का यह असर था तो फिर मसीह के ख़ून का क्या ज़बरदस्त असर होगा! अज़ली रूह के ज़रीए उसने अपने आपको बेदाग़ क़ुरबानी के तौर पर पेश किया। यों उसका ख़ून हमारे ज़मीर को मौत तक पहुँचानेवाले कामों से पाक-साफ़ करता है ताकि हम ज़िंदा ख़ुदा की ख़िदमत कर सकें।


इसके लिए एक साल का नर बच्चा चुन लेना जिसमें नुक़्स न हो। वह भेड़ या बकरी का बच्चा हो सकता है।


ताकि अपने आपको एक ऐसी जमात पेश करे जो जलाली, मुक़द्दस और बेइलज़ाम हो, जिसमें न कोई दाग़ हो, न कोई झुर्री, न किसी और क़िस्म का नुक़्स।


रब अपने ख़ुदा को नाक़िस गाय-बैल या भेड़-बकरी पेश न करना, क्योंकि वह ऐसी क़ुरबानी से नफ़रत रखता है।


हमें ऐसे ही इमामे-आज़म की ज़रूरत थी। हाँ, ऐसा इमाम जो मुक़द्दस, बेक़ुसूर, बेदाग़, गुनाहगारों से अलग और आसमानों से बुलंद हुआ है।


अब हम दोनों मसीह के ज़रीए एक ही रूह में बाप के हुज़ूर आ सकते हैं।


इब्राहीम ने जवाब दिया, “अल्लाह ख़ुद क़ुरबानी के लिए जानवर मुहैया करेगा, बेटा।” वह आगे बढ़ गए।


उसने ईसा को वहाँ से गुज़रते हुए देखा तो कहा, “देखो, यह अल्लाह का लेला है!”


हर एक उतना दे जितना देने के लिए उसने पहले अपने दिल में ठहरा लिया है। वह इसमें तकलीफ़ या मजबूरी महसूस न करे, क्योंकि अल्लाह उससे मुहब्बत रखता है जो ख़ुशी से देता है।


उस धोकेबाज़ पर लानत जो मन्नत मानकर कहे, ‘मैं रब को अपने रेवड़ का अच्छा मेंढा क़ुरबान करूँगा’ लेकिन इसके बजाए नाक़िस जानवर पेश करे।” क्योंकि रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, “मैं अज़ीम बादशाह हूँ, और अक़वाम में मेरे नाम का ख़ौफ़ माना जाता है।


क्योंकि रब फ़रमाता है कि आइंदा पूरी इसराईली क़ौम मेरे मुक़द्दस पहाड़ यानी इसराईल के बुलंद पहाड़ सिय्यून पर मेरी ख़िदमत करेगी। वहाँ मैं ख़ुशी से उन्हें क़बूल करूँगा, और वहाँ मैं तुम्हारी क़ुरबानियाँ, तुम्हारे पहले फल और तुम्हारे तमाम मुक़द्दस हदिये तलब करूँगा।


जिस दिन तू अपनी फ़ौज को खड़ा करेगा तेरी क़ौम ख़ुशी से तेरे पीछे हो लेगी। तू मुक़द्दस शानो-शौकत से आरास्ता होकर तुलूए-सुबह के बातिन से अपनी जवानी की ओस पाएगा।


ऐ मेरे ख़ुदा, मैं ख़ुशी से तेरी मरज़ी पूरी करता हूँ, तेरी शरीअत मेरे दिल में टिक गई है।”


ईद के पहले दिन रब को 13 जवान बैल, 2 मेंढे और 14 भेड़ के यकसाला बच्चे भस्म होनेवाली क़ुरबानी के तौर पर पेश करना। इनकी ख़ुशबू उसे पसंद है। सब नुक़्स के बग़ैर हों।


अगर कोई रब को सलामती की क़ुरबानी पेश करने के लिए गाय या बैल चढ़ाना चाहे तो वह जानवर बेऐब हो।


फिर उसने कुछ इसराईली नौजवानों को क़ुरबानी पेश करने के लिए बुलाया ताकि वह रब की ताज़ीम में भस्म होनेवाली क़ुरबानियाँ चढ़ाएँ और जवान बैलों को सलामती की क़ुरबानी के तौर पर पेश करें।


अचानक इब्राहीम को एक मेंढा नज़र आया जिसके सींग गुंजान झाड़ियों में फँसे हुए थे। इब्राहीम ने उसे ज़बह करके अपने बेटे की जगह क़ुरबानी के तौर पर जला दिया।


मैं ही दरवाज़ा हूँ। जो भी मेरे ज़रीए अंदर आए उसे नजात मिलेगी। वह आता जाता और हरी चरागाहें पाता रहेगा।


फ़रिश्ते ने जवाब दिया, “रूहुल-क़ुद्स तुझ पर नाज़िल होगा, अल्लाह तआला की क़ुदरत का साया तुझ पर छा जाएगा। इसलिए यह बच्चा क़ुद्दूस होगा और अल्लाह का फ़रज़ंद कहलाएगा।


रब फ़रमाता है, “अगर तुम बेशुमार क़ुरबानियाँ पेश करो तो मुझे क्या? मैं तो भस्म होनेवाले मेंढों और मोटे-ताज़े बछड़ों की चरबी से उकता गया हूँ। बैलों, लेलों और बकरों का जो ख़ून मुझे पेश किया जाता है वह मुझे पसंद नहीं।


अगले दिन लोग सुबह-सवेरे उठे और भस्म होनेवाली क़ुरबानियाँ और सलामती की क़ुरबानियाँ चढ़ाईं। वह खाने-पीने के लिए बैठ गए और फिर उठकर रंगरलियों में अपने दिल बहलाने लगे।


लाज़िम है कि आनेवाली तमाम नसलें भस्म होनेवाली यह क़ुरबानी बाक़ायदगी से मुक़द्दस ख़ैमे के दरवाज़े पर रब के हुज़ूर चढ़ाएँ। वहाँ मैं तुमसे मिला करूँगा और तुमसे हमकलाम हूँगा।


पूरे मेंढे को क़ुरबानगाह पर जला देना। जलनेवाली यह क़ुरबानी रब के लिए भस्म होनेवाली क़ुरबानी है, और उस की ख़ुशबू रब को पसंद है।


अल्लाह ने कहा, “अपने इकलौते बेटे इसहाक़ को जिसे तू प्यार करता है साथ लेकर मोरियाह के इलाक़े में चला जा। वहाँ मैं तुझे एक पहाड़ दिखाऊँगा। उस पर अपने बेटे को क़ुरबान कर दे। उसे ज़बह करके क़ुरबानगाह पर जला देना।”


उस वक़्त नूह ने रब के लिए क़ुरबानगाह बनाई। उसने तमाम फिरने और उड़नेवाले पाक जानवरों में से कुछ चुनकर उन्हें ज़बह किया और क़ुरबानगाह पर पूरी तरह जला दिया।


रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, “ऐ तलवार, जाग उठ! मेरे गल्लाबान पर हमला कर, उस पर जो मेरे क़रीब है। गल्लाबान को मार डाल ताकि भेड़-बकरियाँ तित्तर-बित्तर हो जाएँ। मैं ख़ुद अपने हाथ को छोटों के ख़िलाफ़ उठाऊँगा।”


फिर बिलाम ने बलक़ से कहा, “यहाँ अपनी क़ुरबानी के पास खड़े रहें। मैं कुछ फ़ासले पर जाता हूँ, शायद रब मुझसे मिलने आए। जो कुछ वह मुझ पर ज़ाहिर करे मैं आपको बता दूँगा।” यह कहकर वह एक ऊँचे मक़ाम पर चला गया जो हरियाली से बिलकुल महरूम था।


क्योंकि अगर आप देने का शौक़ रखते हैं तो फिर अल्लाह आपका हदिया उस बिना पर क़बूल करेगा जो आप दे सकते हैं, उस बिना पर नहीं जो आप नहीं दे सकते।


इसलिए ईसा दुबारा इस पर बात करने लगा, “मैं तुमको सच बताता हूँ कि भेड़ों के लिए दरवाज़ा मैं हूँ।


अल्लाह आदमी नहीं जो झूट बोलता है। वह इनसान नहीं जो कोई फ़ैसला करके बाद में पछताए। क्या वह कभी अपनी बात पर अमल नहीं करता? क्या वह कभी अपनी बात पूरी नहीं करता?


मुलाक़ात के ख़ैमे के दरवाज़े पर लाकर रब को पेश करे। वरना उसे उस की क़ौम में से मिटाया जाएगा।


जब भी उसे पता लगे कि मुझसे गुनाह हुआ है तो वह क़ुरबानी के लिए एक बेऐब बकरा ले आए।


कि जो कुछ तुम्हारे पास है उसमें से हदिये लाकर रब को उठानेवाली क़ुरबानी के तौर पर पेश करो। जो भी दिली ख़ुशी से देना चाहे वह इन चीज़ों में से कुछ दे : सोना, चाँदी, पीतल;


फिर हारून और उसके बेटों को मुलाक़ात के ख़ैमे के दरवाज़े पर लाकर ग़ुस्ल कराना।


फिर वह दोनों बकरों को मुलाक़ात के ख़ैमे के दरवाज़े पर रब के सामने ले आए।


उसने अंतड़ियाँ और पिंडलियाँ पानी से साफ़ करके पूरे मेंढे को क़ुरबानगाह पर जला दिया। सब कुछ उस हुक्म के ऐन मुताबिक़ हुआ जो रब ने मूसा को दिया था। रब के लिए जलनेवाली यह क़ुरबानी भस्म होनेवाली क़ुरबानी थी, और उस की ख़ुशबू रब को पसंद थी।


इसके बाद उसने भस्म होनेवाली क़ुरबानी के लिए पहला मेंढा पेश किया। हारून और उसके बेटों ने अपने हाथ उसके सर पर रख दिए।


इस क़ुरबानी का गोश्त सिर्फ़ इस सूरत में अगले दिन खाया जा सकता है जब किसी ने मन्नत मानकर या अपनी ख़ुशी से उसे पेश किया है।


बज़लियेल ने कीकर की लकड़ी की एक और क़ुरबानगाह बनाई जो भस्म होनेवाली क़ुरबानियों के लिए थी। उस की ऊँचाई साढ़े चार फ़ुट, उस की लंबाई और चौड़ाई साढ़े सात सात फ़ुट थी।


उन्हें मूसा से तमाम हदिये मिले जो इसराईली मक़दिस की तामीर के लिए लाए थे। इसके बाद भी लोग रोज़ बरोज़ सुबह के वक़्त हदिये लाते रहे।


यों इसराईल के तमाम मर्द और ख़वातीन जो दिली ख़ुशी से रब को कुछ देना चाहते थे उस सारे काम के लिए हदिये ले आए जो रब ने मूसा की मारिफ़त करने को कहा था।


और जो जो दिली ख़ुशी से देना चाहता था वह मुलाक़ात के ख़ैमे, उसके सामान या इमामों के कपड़ों के लिए कोई हदिया लेकर वापस आया।


बलक़ ने ऐसा ही किया। उसने हर एक क़ुरबानगाह पर एक बैल और एक मेंढा क़ुरबान किया।


वहीं, रब अपने ख़ुदा की क़ुरबानगाह पर अपनी भस्म होनेवाली क़ुरबानियाँ गोश्त और ख़ून समेत चढ़ा। ज़बह की क़ुरबानियों का ख़ून क़ुरबानगाह पर उंडेल देना, लेकिन उनका गोश्त तू खा सकता है।


तब बलक़ ने बिलाम से कहा, “आएँ, मैं आपको एक और जगह ले जाऊँ। शायद अल्लाह राज़ी हो जाए कि आप मेरे लिए वहाँ से उन पर लानत भेजें।”


अगर भस्म होनेवाली क़ुरबानी भेड़-बकरियों में से चुनी जाए तो वह बेऐब नर हो।


जमात के बुज़ुर्ग रब के सामने अपने हाथ उसके सर पर रखें, और वह वहीं ज़बह किया जाए।


रब ने मूसा से कहा,


लाज़िम है कि हर इसराईली और तुम्हारे दरमियान रहनेवाला परदेसी अपनी भस्म होनेवाली क़ुरबानी या कोई और क़ुरबानी


तो जलनेवाली क़ुरबानियाँ यों पेश करना : अगर तुम अपने गाय-बैलों या भेड़-बकरियों में से ऐसी क़ुरबानी पेश करना चाहो जिसकी ख़ुशबू रब को पसंद हो तो साथ साथ डेढ़ किलोग्राम बेहतरीन मैदा भी पेश करो जो एक लिटर ज़ैतून के तेल के साथ मिलाया गया हो। इसमें कोई फ़रक़ नहीं कि यह भस्म होनेवाली क़ुरबानी, मन्नत की क़ुरबानी, दिली ख़ुशी की क़ुरबानी या किसी ईद की क़ुरबानी हो।


अगर तू रब को भस्म होनेवाली क़ुरबानी, मन्नत की क़ुरबानी या सलामती की क़ुरबानी के तौर पर जवान बैल पेश करना चाहे


बरामदे में चार मेज़ें थीं, कमरे के दोनों तरफ़ दो दो मेज़ें। इन मेज़ों पर उन जानवरों को ज़बह किया जाता था जो भस्म होनेवाली क़ुरबानियों, गुनाह की क़ुरबानियों और क़ुसूर की क़ुरबानियों के लिए मख़सूस थे।


अगर इमामे-आज़म गुनाह करे और नतीजे में पूरी क़ौम क़ुसूरवार ठहरे तो फिर वह रब को एक बेऐब जवान बैल लेकर गुनाह की क़ुरबानी के तौर पर पेश करे।


अगर वह गुनाह की क़ुरबानी के लिए भेड़ का बच्चा लाना चाहे तो वह बेऐब मादा हो।


“अगर किसी ने बेईमानी करके ग़ैरइरादी तौर पर रब की मख़सूस और मुक़द्दस चीज़ों के सिलसिले में गुनाह किया हो, ऐसा शख़्स क़ुसूर की क़ुरबानी के तौर पर रब को बेऐब और क़ीमत के लिहाज़ से मुनासिब मेंढा या बकरा पेश करे। उस की क़ीमत मक़दिस की शरह के मुताबिक़ मुक़र्रर की जाए।


वह क़ुसूर की क़ुरबानी के तौर पर इमाम के पास एक बेऐब और क़ीमत के लिहाज़ से मुनासिब मेंढा ले आए। उस की क़ीमत मक़दिस की शरह के मुताबिक़ मुक़र्रर की जाए। फिर इमाम यह क़ुरबानी उस गुनाह के लिए चढ़ाए जो क़ुसूरवार शख़्स ने ग़ैरइरादी तौर पर किया है। यों उसे मुआफ़ी मिल जाएगी।


“हो सकता है किसी ने गुनाह करके बेईमानी की है, मसलन उसने अपने पड़ोसी की कोई चीज़ वापस नहीं की जो उसके सुपुर्द की गई थी या जो उसे गिरवी के तौर पर मिली थी, या उसने उस की कोई चीज़ चोरी की, या उसने किसी से कोई चीज़ छीन ली,


उसने हारून से कहा, “एक बेऐब बछड़ा और एक बेऐब मेंढा चुनकर रब को पेश कर। बछड़ा गुनाह की क़ुरबानी के लिए और मेंढा भस्म होनेवाली क़ुरबानी के लिए हो।


आठवें दिन वह दो भेड़ के नर बच्चे और एक यकसाला भेड़ चुन ले जो बेऐब हों। साथ ही वह ग़ल्ला की नज़र के लिए तेल के साथ मिलाया गया साढ़े 4 किलोग्राम बेहतरीन मैदा और 300 मिलीलिटर तेल ले।


उस दिन भेड़ का एक यकसाला बेऐब बच्चा भी रब को पेश करना। उसे क़ुरबानगाह पर भस्म होनेवाली क़ुरबानी के तौर पर चढ़ाना।


इन रोटियों के साथ एक जवान बैल, दो मेंढे और भेड़ के सात बेऐब और यकसाला बच्चे पेश करो। उन्हें रब के हुज़ूर भस्म होनेवाली क़ुरबानी के तौर पर चढ़ाना। इसके अलावा ग़ल्ला की नज़र और मै की नज़र भी पेश करनी है। जलनेवाली इस क़ुरबानी की ख़ुशबू रब को पसंद है।


“इसराईलियों को बताना कि वह तुम्हारे पास सुर्ख़ रंग की जवान गाय लेकर आएँ। उसमें नुक़्स न हो और उस पर कभी जुआ न रखा गया हो।


हर माह के शुरू में रब को भस्म होनेवाली क़ुरबानी के तौर पर दो जवान बैल, एक मेंढा और भेड़ के सात यकसाला बच्चे पेश करना। सब बग़ैर नुक़्स के हों।


रब के हुज़ूर भस्म होनेवाली क़ुरबानी के तौर पर दो जवान बैल, एक मेंढा और भेड़ के सात यकसाला बच्चे पेश करना। सब बग़ैर नुक़्स के हों।


यह तमाम क़ुरबानियाँ रोज़मर्रा की भस्म होनेवाली क़ुरबानियों और उनके साथवाली ग़ल्ला और मै की नज़रों के अलावा हैं। वह बेऐब हों।


रब को भस्म होनेवाली क़ुरबानी पेश की जाए जिसकी ख़ुशबू उसे पसंद हो यानी एक जवान बैल, एक मेंढा और भेड़ के सात यकसाला बच्चे। सब नुक़्स के बग़ैर हों।


इस तरह भस्म होनेवाली क़ुरबानी के लिए 70 बैल, 100 मेंढे और भेड़ के 200 बच्चे जमा करके रब को पेश किए गए।


जो कुछ भस्म होनेवाली क़ुरबानियों के लिए मुक़र्रर था उसे क़ौम के मुख़्तलिफ़ ख़ानदानों के लिए एक तरफ़ रख दिया गया ताकि वह उसे बाद में रब को क़ुरबानी के तौर पर पेश कर सकें, जिस तरह मूसा की शरीअत में लिखा है। बैलों के साथ भी ऐसा ही किया गया।


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