Biblia Todo Logo
آن لائن بائبل

- اشتہارات -




نوحہ یرمیاہ 2:18 - किताबे-मुक़द्दस

18 लोगों के दिल रब को पुकारते हैं। ऐ सिय्यून बेटी की फ़सील, तेरे आँसू दिन-रात बहते बहते नदी बन जाएँ। न इससे बाज़ आ, न अपनी आँखों को रोने से रुकने दे!

باب دیکھیں کاپی

اُردو ہم عصر ترجُمہ

18 لوگوں کے دِلوں نے خُداوؔند سے فریاد کی۔ اَے صِیّونؔ کی بیٹی کی فصیل، شب و روز تیرے آنسُو نہر کی طرح بہتے رہیں؛ تُو بالکُل آرام نہ کر، نہ تیری آنکھوں کو راحت ملے۔

باب دیکھیں کاپی

کِتابِ مُقادّس

18 اُن کے دِلوں نے خُداوند سے فریاد کی۔ اَے دُخترِ صِیُّون کی فصِیل شب و روز آنسُو نہر کی طرح جاری رہیں۔ تُو بِالکُل آرام نہ لے۔ تیری آنکھ کی پُتلی آرام نہ کرے۔

باب دیکھیں کاپی

ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

18 لوگوں کے دل رب کو پکارتے ہیں۔ اے صیون بیٹی کی فصیل، تیرے آنسو دن رات بہتے بہتے ندی بن جائیں۔ نہ اِس سے باز آ، نہ اپنی آنکھوں کو رونے سے رُکنے دے!

باب دیکھیں کاپی




نوحہ یرمیاہ 2:18
14 حوالہ جات  

मैं पूरे दिल से पुकारता हूँ, “ऐ रब, मेरी सुन! मैं तेरे आईन के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारूँगा।”


रब ने फ़ैसला किया कि सिय्यून बेटी की फ़सील को गिरा दिया जाए। उसने फ़ीते से दीवारों को नाप नापकर अपने हाथ को न रोका जब तक सब कुछ तबाह न हो गया। तब क़िलाबंदी के पुश्ते और फ़सील मातम करते करते ज़ाया हो गए।


इसलिए मैं रो रही हूँ, मेरी आँखों से आँसू टपकते रहते हैं। क्योंकि क़रीब कोई नहीं है जो मुझे तसल्ली देकर मेरी जान को तरो-ताज़ा करे। मेरे बच्चे तबाह हैं, क्योंकि दुश्मन ग़ालिब आ गया है।”


काश मेरा सर पानी का मंबा और मेरी आँखें आँसुओं का चश्मा हों ताकि मैं दिन-रात अपनी क़ौम के मक़तूलों पर आहो-ज़ारी कर सकूँ।


मेरी आँखों से आँसुओं की नदियाँ बह रही हैं, क्योंकि लोग तेरी शरीअत के ताबे नहीं रहते।


यक़ीनन दीवारों के पत्थर चीख़कर इल्तिजा करेंगे और लकड़ी के शहतीर जवाब में आहो-ज़ारी करेंगे।


वह ख़ुलूसदिली से मुझसे इल्तिजा नहीं करते। वह बिस्तर पर लेटे लेटे ‘हाय हाय’ करते और ग़ल्ला और अंगूर को हासिल करने के लिए अपने आपको ज़ख़मी करते हैं। लेकिन मुझसे वह दूर रहते हैं।


रात को वह रो रोकर गुज़ारती है, उसके गाल आँसुओं से तर रहते हैं। आशिक़ों में से कोई नहीं रहा जो उसे तसल्ली दे। दोस्त सबके सब बेवफ़ा होकर उसके दुश्मन बन गए हैं।


ऐ यरमियाह, उन्हें यह कलाम सुना, ‘दिन-रात मेरे आँसू बह रहे हैं। वह रुक नहीं सकते, क्योंकि मेरी क़ौम, मेरी कुँवारी बेटी को गहरी चोट लग गई है, ऐसा ज़ख़म जो भर नहीं सकता।


लेकिन अगर तुम न सुनो तो मैं तुम्हारे तकब्बुर को देखकर पोशीदगी में गिर्याओ-ज़ारी करूँगा। मैं ज़ार ज़ार रोऊँगा, मेरी आँखों से आँसू ज़ोर से टपकेंगे, क्योंकि दुश्मन रब के रेवड़ को पकड़कर जिलावतन कर देगा।


क्योंकि मुझे दर्दे-ज़ह में मुब्तला औरत की आवाज़, पहली बार जन्म देनेवाली की आहो-ज़ारी सुनाई दे रही है। सिय्यून बेटी कराह रही है, वह अपने हाथ फैलाए हुए कह रही है, “हाय, मुझ पर अफ़सोस! मेरी जान क़ातिलों के हाथ में आकर निकल रही है।”


ہمیں فالو کریں:

اشتہارات


اشتہارات