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نوحہ یرمیاہ 1:20 - किताबे-मुक़द्दस

20 ऐ रब, मेरी तंगदस्ती पर ध्यान दे! बातिन में मैं तड़प रही हूँ, मेरा दिल तेज़ी से धड़क रहा है, इसलिए कि मैं इतनी ज़्यादा सरकश रही हूँ। बाहर गली में तलवार ने मुझे बच्चों से महरूम कर दिया, घर के अंदर मौत मेरे पीछे पड़ी है।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

20 دیکھیں اَے یَاہوِہ کہ میں کس قدر پریشان ہُوں! مَیں اَندر ہی اَندر پیچ و تاب میں مُبتلا ہُوں، میرا دِل مُضطرب ہے، کیونکہ مَیں نے سخت بغاوت کی ہے۔ باہر تلوار بے اَولاد کرتی ہے؛ اَور گھر میں موت کے سِوا اَور کچھ نہیں۔

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کِتابِ مُقادّس

20 اَے خُداوند دیکھ مَیں تباہ حال ہُوں۔ میرے اندر پیچ و تاب ہے۔ میرا دِل میرے اندر مُضطرِب ہے کیونکہ مَیں نے سخت بغاوت کی ہے باہر تلوار بے اَولاد کرتی ہے اور گھر میں مَوت کا سامنا ہے

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

20 اے رب، میری تنگ دستی پر دھیان دے! باطن میں مَیں تڑپ رہی ہوں، میرا دل تیزی سے دھڑک رہا ہے، اِس لئے کہ مَیں اِتنی زیادہ سرکش رہی ہوں۔ باہر گلی میں تلوار نے مجھے بچوں سے محروم کر دیا، گھر کے اندر موت میرے پیچھے پڑی ہے۔

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نوحہ یرمیاہ 1:20
32 حوالہ جات  

मेरी आँखें रो रोकर थक गई हैं, शदीद दर्द ने मेरे दिल को बेहाल कर दिया है। क्योंकि मेरी क़ौम नेस्त हो गई है। शहर के चौकों में बच्चे पज़मुरदा हालत में फिर रहे हैं, शीरख़ार बच्चे ग़श खा रहे हैं। यह देखकर मेरा कलेजा फट रहा है।


बाहर तलवार, अंदर मोहलक वबा और भूक। क्योंकि देहात में लोग तलवार की ज़द में आ जाएंगे, शहर में काल और मोहलक वबा से हलाक हो जाएंगे।


मेरा दिल सरोद के मातमी सुर निकालकर मोआब के लिए नोहा कर रहा है, मेरी जान क़ीर-हरासत के लिए आहें भर रही है।


बाहर तलवार उन्हें बेऔलाद कर देगी, और घर में दहशत फैल जाएगी। शीरख़ार बच्चे, नौजवान लड़के-लड़कियाँ और बुज़ुर्ग सब उस की गिरिफ़्त में आ जाएंगे।


हाय, मेरी तड़पती जान, मेरी तड़पती जान! मैं दर्द के मारे पेचो-ताब खा रहा हूँ। हाय, मेरा दिल! वह बेकाबू होकर धड़क रहा है। मैं ख़ामोश नहीं रह सकता, क्योंकि नरसिंगे की आवाज़ और जंग के नारे मेरे कान तक पहुँच गए हैं।


मेरे अंदर सब कुछ मुज़तरिब है और कभी आराम नहीं कर सकता, मेरा वास्ता तकलीफ़देह दिनों से पड़ता है।


यह सब कुछ सुनकर मेरा जिस्म लरज़ उठा। इतना शोर था कि मेरे दाँत बजने लगे, मेरी हड्डियाँ सड़ने लगीं, मेरे घुटने काँप उठे। अब मैं उस दिन के इंतज़ार में रहूँगा जब आफ़त उस क़ौम पर आएगी जो हम पर हमला कर रही है।


ऐ इसराईल, मैं तुझे किस तरह छोड़ सकता हूँ? मैं तुझे किस तरह दुश्मन के हवाले कर सकता, किस तरह अदमा की तरह दूसरों के क़ब्ज़े में छोड़ सकता, किस तरह ज़बोईम की तरह तबाह कर सकता हूँ? मेरा इरादा सरासर बदल गया है, मैं तुझ पर शफ़क़त करने के लिए बेचैन हूँ।


“रब हक़-बजानिब है, क्योंकि मैं उसके कलाम से सरकश हुई। ऐ तमाम अक़वाम, सुनो! मेरी ईज़ा पर ग़ौर करो! मेरे नौजवान और कुँवारियाँ जिलावतन हो गए हैं।


तमाम बाशिंदे आहें भर भरकर रोटी की तलाश में रहते हैं। हर एक खाने का कोई न कोई टुकड़ा पाने के लिए अपनी बेशक़ीमत चीज़ें बेच रहा है। ज़हन में एक ही ख़याल है कि अपनी जान को किसी न किसी तरह बचाए। “ऐ रब, मुझ पर नज़र डालकर ध्यान दे कि मेरी कितनी तज़लील हुई है।


गो उसके दामन में बहुत गंदगी थी, तो भी उसने अपने अंजाम का ख़याल तक न किया। अब वह धड़ाम से गिर गई है, और कोई नहीं है जो उसे तसल्ली दे। “ऐ रब, मेरी मुसीबत का लिहाज़ कर! क्योंकि दुश्मन शेख़ी मार रहा है।”


इसलिए मेरा दिल बाँसरी के मातमी सुर निकालकर मोआब और क़ीर-हरासत के लिए नोहा कर रहा है। क्योंकि उनकी हासिलशुदा दौलत जाती रही है।


लेकिन रब फ़रमाता है कि इसराईल मेरा क़ीमती बेटा, मेरा लाडला है। गो मैं बार बार उसके ख़िलाफ़ बातें करता हूँ तो भी उसे याद करता रहता हूँ। इसलिए मेरा दिल उसके लिए तड़पता है, और लाज़िम है कि मैं उस पर तरस खाऊँ।


देहात में जाकर मुझे वह सब नज़र आते हैं जो तलवार से क़त्ल किए गए हैं। जब मैं शहर में वापस आता हूँ तो चारों तरफ़ काल के बुरे असरात दिखाई देते हैं। नबी और इमाम मुल्क में मारे मारे फिर रहे हैं, और उन्हें मालूम नहीं कि क्या करें’।”


लेकिन लाज़िम है कि तू अपना क़ुसूर तसलीम करे। इक़रार कर कि मैं रब अपने ख़ुदा से सरकश हुई। मैं इधर-उधर घूमकर हर घने दरख़्त के साये में अजनबी माबूदों की पूजा करती रही, मैंने रब की न सुनी’।” यह रब का फ़रमान है।


तू बज़िद है कि मैं बेक़ुसूर हूँ, अल्लाह का मुझ पर ग़ुस्सा ठंडा हो गया है। लेकिन मैं तेरी अदालत करूँगा, इसलिए कि तू कहती है, ‘मुझसे गुनाह सरज़द नहीं हुआ।’


मैं बेजान होकर अबाबील या बुलबुल की तरह चीं चीं करने लगा, ग़ूँ ग़ूँ करके कबूतर की-सी आहें भरने लगा। मेरी आँखें निढाल होकर आसमान की तरफ़ तकती रहीं। ऐ रब, मुझ पर ज़ुल्म हो रहा है। मेरी मदद के लिए आ!


जो अपने गुनाह छुपाए वह नाकाम रहेगा, लेकिन जो उन्हें तसलीम करके तर्क करे वह रहम पाएगा।


मुझे पानी की तरह ज़मीन पर उंडेला गया है, मेरी तमाम हड्डियाँ अलग अलग हो गई हैं, जिस्म के अंदर मेरा दिल मोम की तरह पिघल गया है।


ऐसा शख़्स लोगों के सामने गाएगा और कहेगा, ‘मैंने गुनाह करके सीधी राह टेढ़ी-मेढ़ी कर दी, और मुझे कोई फ़ायदा न हुआ।


मैं निढाल और पाश पाश हो गया हूँ। दिल के अज़ाब के बाइस मैं चीख़ता-चिल्लाता हूँ।


ऐ रब, हम अपनी बेदीनी और अपने बापदादा का क़ुसूर तसलीम करते हैं। हमने तेरा ही गुनाह किया है।


यरूशलम बेटी से संगीन गुनाह सरज़द हुआ है, इसी लिए वह लान-तान का निशाना बन गई है। जो पहले उस की इज़्ज़त करते थे वह सब उसे हक़ीर जानते हैं, क्योंकि उन्होंने उस की बरहनगी देखी है। अब वह आहें भर भरकर अपना मुँह दूसरी तरफ़ फेर लेती है।


लेकिन हमने गुनाह और बदी की है। हम बेदीन और बाग़ी होकर तेरे अहकाम और हिदायात से भटक गए हैं।


ताज हमारे सर पर से गिर गया है। हम पर अफ़सोस, हमसे गुनाह सरज़द हुआ है।


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