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قضاۃ 6:4 - किताबे-मुक़द्दस

4 मुल्क को घेर लेते और फ़सलों को ग़ज़्ज़ा शहर तक तबाह करते। वह खानेवाली कोई भी चीज़ नहीं छोड़ते थे, न कोई भेड़, न कोई बैल, और न कोई गधा।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

4 وہ آتے اَور مُلک میں ڈیرے لگا کر غزّہؔ تک ساری فصل تباہ کر ڈالتے اَور بنی اِسرائیل کے لیٔے کویٔی بھیڑ بکری، گائے بَیل یا گدھا الغرض کویٔی جاندار شَے باقی نہ چھوڑتے تھے۔

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کِتابِ مُقادّس

4 اور اُن کے مُقابِل ڈیرے لگا کر غزّہ تک کھیتوں کی پَیداوار کو برباد کر ڈالتے اور بنی اِسرائیل کے لِئے نہ تو کُچھ مُعاش نہ بھیڑ بکری نہ گائے بَیل نہ گدھا چھوڑتے تھے۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

4 ملک کو گھیر لیتے اور فصلوں کو غزہ شہر تک تباہ کرتے۔ وہ کھانے والی کوئی بھی چیز نہیں چھوڑتے تھے، نہ کوئی بھیڑ، نہ کوئی بَیل، اور نہ کوئی گدھا۔

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قضاۃ 6:4
12 حوالہ جات  

तो मैं जवाब में तुम पर अचानक दहशत तारी कर दूँगा। जिस्म को ख़त्म करनेवाली बीमारियों और बुख़ार से तुम्हारी आँखें ज़ाया हो जाएँगी और तुम्हारी जान छिन जाएगी। जब तुम बीज बोओगे तो बेफ़ायदा, क्योंकि दुश्मन उस की फ़सल खा जाएगा।


वह तेरे मवेशी और फ़सलें खा जाएगी और तू भूके मर जाएगा। तू हलाक हो जाएगा, क्योंकि तेरे लिए कुछ नहीं बचेगा, न अनाज, न मै, न तेल, न गाय-बैलों या भेड़-बकरियों के बच्चे।


तू बीज बोएगा लेकिन फ़सल नहीं काटेगा, ज़ैतून का तेल निकालेगा लेकिन उसे इस्तेमाल नहीं करेगा, अंगूर का रस निकालेगा लेकिन उसे नहीं पिएगा।


एक अजनबी क़ौम तेरी ज़मीन की पैदावार और तेरी मेहनतो-मशक़्क़त की कमाई ले जाएगी। तुझे उम्र-भर ज़ुल्म और दबाव बरदाश्त करना पड़ेगा।


जो ग़रीब ग़रीबों पर ज़ुल्म करे वह उस मूसलाधार बारिश की मानिंद है जो सैलाब लाकर फ़सलों को तबाह कर देती है।


लूत ने अपनी नज़र उठाकर देखा कि दरियाए-यरदन के पूरे इलाक़े में ज़ुग़र तक पानी की कसरत है। वह रब के बाग़ या मुल्के-मिसर की मानिंद था, क्योंकि उस वक़्त रब ने सदूम और अमूरा को तबाह नहीं किया था।


कि उनकी हुदूद शिमाल में सैदा से जुनूब की तरफ़ जिरार से होकर ग़ज़्ज़ा तक और वहाँ से मशरिक़ की तरफ़ सदूम, अमूरा, अदमा और ज़बोईम से होकर लसा तक थीं।


अगर डाकू रात के वक़्त तुझे लूट लेते तो वह सिर्फ़ उतना ही छीन लेते जितना उठाकर ले जा सकते हैं। अगर तू अंगूर का बाग़ होता और मज़दूर फ़सल चुनने के लिए आते तो थोड़ा-बहुत उनके पीछे रह जाता। लेकिन तेरा अंजाम इससे कहीं ज़्यादा बुरा होगा।


क्योंकि जब भी वह अपनी फ़सलें लगाते तो मिदियानी, अमालीक़ी और मशरिक़ के दीगर फ़ौजी उन पर हमला करके


वह सब कुछ हड़प कर लेंगे : तेरी फ़सलें, तेरी ख़ुराक, तेरे बेटे-बेटियाँ, तेरी भेड़-बकरियाँ, तेरे गाय-बैल, तेरी अंगूर की बेलें और तेरे अंजीर के दरख़्त। जिन क़िलाबंद शहरों पर तुम भरोसा रखते हो उन्हें वह तलवार से ख़ाक में मिला देंगे।


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