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قضاۃ 6:10 - किताबे-मुक़द्दस

10 उस वक़्त मैंने तुम्हें बताया, ‘मैं रब तुम्हारा ख़ुदा हूँ। जिन अमोरियों के मुल्क में तुम रह रहे हो उनके देवताओं का ख़ौफ़ मत मानना। लेकिन तुमने मेरी न सुनी’।”

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

10 مَیں نے تُم سے کہاتھا، ’مَیں یَاہوِہ تمہارا خُدا ہُوں؛ لہٰذا اِن امُوریوں کے معبُودوں کی عبادت نہ کرنا جِن کے مُلک میں تُم رہتے ہو۔‘ لیکن تُم نے میری بات نہ مانی۔“

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کِتابِ مُقادّس

10 اور مَیں نے تُم سے کہا تھا کہ خُداوند تُمہارا خُدا مَیں ہُوں۔ سو تُم اُن امورِیوں کے دیوتاؤں سے جِن کے مُلک میں بستے ہو مت ڈرنا پر تُم نے میری بات نہ مانی۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

10 اُس وقت مَیں نے تمہیں بتایا، ’مَیں رب تمہارا خدا ہوں۔ جن اموریوں کے ملک میں تم رہ رہے ہو اُن کے دیوتاؤں کا خوف مت ماننا۔‘ لیکن تم نے میری نہ سنی۔“

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قضاۃ 6:10
23 حوالہ جات  

रब फ़रमाता है, “दीगर अक़वाम की बुतपरस्ती मत अपनाना। यह लोग इल्मे-नुजूम से मुस्तक़बिल जान लेने की कोशिश करते करते परेशान हो जाते हैं, लेकिन तुम उनकी बातों से परेशान न हो जाओ।


रब ने फ़रमाया, “वजह यह है कि उन्होंने मेरी शरीअत को तर्क किया, वह हिदायत जो मैंने ख़ुद उन्हें दी थी। न उन्होंने मेरी सुनी, न मेरी शरीअत की पैरवी की।


यों वह रब की हिदायत रद्द करके रवाना हुए और चलते चलते मिसरी सरहद के शहर तहफ़नहीस तक पहुँचे।


ऐसी बातें करते करते यूहनान बिन क़रीह, दीगर फ़ौजी अफ़सरों और बाक़ी तमाम लोगों ने रब का हुक्म रद्द किया। वह मुल्के-यहूदाह में न रहे


आज मैंने यह किया है, लेकिन आप रब अपने ख़ुदा की सुनने के लिए तैयार नहीं हैं। जो कुछ भी उसने मुझे आपको सुनाने को कहा है उस पर आप अमल नहीं करना चाहते।


आओ, हम अपनी शर्म के बिस्तर पर लेट जाएँ और अपनी बेइज़्ज़ती की रज़ाई में छुप जाएँ। क्योंकि हमने अपने बापदादा समेत रब अपने ख़ुदा का गुनाह किया है। अपनी जवानी से लेकर आज तक हमने रब अपने ख़ुदा की नहीं सुनी।”


लेकिन लाज़िम है कि तू अपना क़ुसूर तसलीम करे। इक़रार कर कि मैं रब अपने ख़ुदा से सरकश हुई। मैं इधर-उधर घूमकर हर घने दरख़्त के साये में अजनबी माबूदों की पूजा करती रही, मैंने रब की न सुनी’।” यह रब का फ़रमान है।


और मैंने हुक्म दिया, ‘इस मुल्क की क़ौमों के साथ अहद मत बाँधना बल्कि उनकी क़ुरबानगाहों को गिरा देना।’ लेकिन तुमने मेरी न सुनी। यह तुमने क्या किया?


जब वह कामिलियत तक पहुँच गया तो वह उन सबकी अबदी नजात का सरचश्मा बन गया जो उस की सुनते हैं।


लेकिन सबने अल्लाह की यह ख़ुशख़बरी क़बूल नहीं की। यों यसायाह नबी फ़रमाता है, “ऐ रब, कौन हमारे पैग़ाम पर ईमान लाया?”


न वह सुनता, न तरबियत क़बूल करता है। न वह रब पर भरोसा रखता, न अपने ख़ुदा के क़रीब आता है।


हिदायत करनेवालों की मैंने न सुनी, अपने उस्तादों की बातों पर कान न धरा।


वह रब की इबादत भी करते और साथ साथ अपने देवताओं की उन क़ौमों के रिवाजों के मुताबिक़ इबादत भी करते थे जिनमें से उन्हें यहाँ लाया गया था।


लेकिन अगर रब की ख़िदमत करना आपको बुरा लगे तो आज ही फ़ैसला करें कि किसकी ख़िदमत करेंगे, उन देवताओं की जिनकी पूजा आपके बापदादा ने दरियाए-फ़ुरात के पार की या अमोरियों के देवताओं की जिनके मुल्क में आप रह रहे हैं। लेकिन जहाँ तक मेरा और मेरे ख़ानदान का ताल्लुक़ है हम रब ही की ख़िदमत करेंगे।”


मैंने तुम्हें मिसर के हाथ से और उन तमाम ज़ालिमों के हाथ से बचा लिया जो तुम्हें दबा रहे थे। मैं उन्हें तुम्हारे आगे आगे निकालता गया और उनकी ज़मीन तुम्हें दे दी।


यह सब कुछ इसलिए हुआ कि इसराईलियों ने रब अपने ख़ुदा का गुनाह किया था, हालाँकि वह उन्हें मिसरी बादशाह फ़िरौन के क़ब्ज़े से रिहा करके मिसर से निकाल लाया था। वह दीगर माबूदों की पूजा करते


ख़बरदार, जो उस मुल्क में रहते हैं जहाँ तू जा रहा है उनसे अहद न बाँधना। वरना वह तेरे दरमियान रहते हुए तुझे गुनाहों में फँसाते रहेंगे।


किसी और माबूद की परस्तिश न करना, क्योंकि रब का नाम ग़यूर है, अल्लाह ग़ैरतमंद है।


बार बार रब ने अपने नबियों और ग़ैबबीनों को इसराईल और यहूदाह के पास भेजा था ताकि उन्हें आगाह करें, “अपनी शरीर राहों से बाज़ आओ। मेरे अहकाम और क़वायद के ताबे रहो। उस पूरी शरीअत की पैरवी करो जो मैंने तुम्हारे बापदादा को अपने ख़ादिमों यानी नबियों के वसीले से दे दी थी।”


तू उन्हें समझाता रहा ताकि वह दुबारा तेरी शरीअत की तरफ़ रुजू करें, लेकिन वह मग़रूर थे और तेरे अहकाम के ताबे न हुए। उन्होंने तेरी हिदायात की ख़िलाफ़वरज़ी की, हालाँकि इन्हीं पर चलने से इनसान को ज़िंदगी हासिल होती है। लेकिन उन्होंने परवा न की बल्कि अपना मुँह तुझसे फेरकर अड़ गए और सुनने के लिए तैयार न हुए।


लेकिन उन्होंने मेरी न सुनी, न तवज्जुह दी बल्कि अपने मौक़िफ़ पर अड़े रहे और न मेरी सुनी, न मेरी तरबियत क़बूल की।


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