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قضاۃ 19:1 - किताबे-मुक़द्दस

1 उस ज़माने में जब इसराईल का कोई बादशाह नहीं था एक लावी ने अपने घर में दाश्ता रखी जो यहूदाह के शहर बैत-लहम की रहनेवाली थी। आदमी इफ़राईम के पहाड़ी इलाक़े के किसी दूर-दराज़ कोने में आबाद था।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

1 اُن دِنوں اِسرائیل کا کویٔی بادشاہ نہ تھا۔ تَب ایک لیوی نے جو اِفرائیمؔ کے کوہستانی مُلک کے دُور کے علاقہ میں رہتا تھا یہُوداہؔ کے بیت لحمؔ کی ایک عورت کو اَپنی داشتہ بنا لیا۔

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کِتابِ مُقادّس

1 اور اُن دِنوں میں جب اِسرائیلؔ میں کوئی بادشاہ نہ تھا اَیسا ہُؤا کہ ایک شخص نے جو لاوی تھا اور اِفراؔئِیم کے کوہِستانی مُلک کے پرلے سِرے پر رہتا تھا بَیت لحم یہُوداؔہ سے ایک حَرم اپنے لِئے کر لی۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

1 اُس زمانے میں جب اسرائیل کا کوئی بادشاہ نہیں تھا ایک لاوی نے اپنے گھر میں داشتہ رکھی جو یہوداہ کے شہر بیت لحم کی رہنے والی تھی۔ آدمی افرائیم کے پہاڑی علاقے کے کسی دُوردراز کونے میں آباد تھا۔

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قضاۃ 19:1
29 حوالہ جات  

उन दिनों में इसराईल का बादशाह नहीं था। और अब तक दान के क़बीले को अपना कोई क़बायली इलाक़ा नहीं मिला था, इसलिए उसके लोग कहीं आबाद होने की तलाश में रहे।


अब वह शहर को छोड़कर रिहाइश की कोई और जगह तलाश करने लगा। इफ़राईम के पहाड़ी इलाक़े में से सफ़र करते करते वह मीकाह के घर पहुँच गया।


‘ऐ मुल्के-यहूदिया में वाक़े बैत-लहम, तू यहूदिया के हुक्मरानों में हरगिज़ सबसे छोटा नहीं। क्योंकि तुझमें से एक हुक्मरान निकलेगा जो मेरी क़ौम इसराईल की गल्लाबानी करेगा’।”


क्या रब ने शौहर और बीवी को एक नहीं बनाया, एक जिस्म जिसमें रूह है? और यह एक जिस्म क्या चाहता है? अल्लाह की तरफ़ से औलाद। चुनाँचे अपनी रूह में ख़बरदार रहो! अपनी बीवी से बेवफ़ा न हो जा!


उस ज़माने में इसराईल में कोई बादशाह नहीं था। हर एक वही कुछ करता जो उसे मुनासिब लगता था।


उस ज़माने में इसराईल का कोई बादशाह नहीं था बल्कि हर कोई वही कुछ करता जो उसे दुरुस्त लगता था।


इलियज़र बिन हारून भी फ़ौत हुआ। उसे जिबिया में दफ़नाया गया। इफ़राईम के पहाड़ी इलाक़े का यह शहर उसके बेटे फ़ीनहास को दिया गया था।


उसे उस की मौरूसी ज़मीन में दफ़नाया गया, यानी तिमनत-सिरह में जो इफ़राईम के पहाड़ी इलाक़े में जास पहाड़ के शिमाल में है।


चुनाँचे यरूशलम में वाक़े अल्लाह के घर से लूटे हुए प्याले उसके पास लाए गए, और सब उनसे मै पी कर


शाम के वक़्त वह महल में जाती और अगले दिन उसे सुबह के वक़्त दूसरे ज़नानख़ाने में लाया जाता जहाँ बादशाह की दाश्ताएँ शाशजज़ ख़्वाजासरा की निगरानी में रहती थीं। इसके बाद वह फिर कभी बादशाह के पास न आती। उसे सिर्फ़ इसी सूरत में वापस लाया जाता कि वह बादशाह को ख़ास पसंद आती और वह उसका नाम लेकर उसे बुलाता।


रहुबियाम की 18 बीवियाँ और 60 दाश्ताएँ थीं। इनके कुल 28 बेटे और 60 बेटियाँ पैदा हुईं। लेकिन माका बिंत अबीसलूम रहुबियाम को सबसे ज़्यादा प्यारी थी।


उस की शाही ख़ानदानों से ताल्लुक़ रखनेवाली 700 बीवियाँ और 300 दाश्ताएँ थीं। इन औरतों ने आख़िरकार उसका दिल रब से दूर कर दिया।


जब दाऊद अपने महल में दाख़िल हुआ तो उसने उन दस दाश्ताओं का बंदोबस्त कराया जिनको उसने महल को सँभालने के लिए पीछे छोड़ दिया था। वह उन्हें एक ख़ास घर में अलग रखकर उनकी तमाम ज़रूरियात पूरी करता रहा लेकिन उनसे कभी हमबिसतर न हुआ। वह कहीं जा न सकीं, और उन्हें ज़िंदगी के आख़िरी लमहे तक बेवा की-सी ज़िंदगी गुज़ारनी पड़ी।


तब योआब उसके पास जाकर उसे समझाने लगा, “आज आपके ख़ादिमों ने न सिर्फ़ आपकी जान बचाई है बल्कि आपके बेटों, बेटियों, बीवियों और दाश्ताओं की जान भी। तो भी आपने उनका मुँह काला कर दिया है।


अबीसलूम मान गया, और महल की छत पर उसके लिए ख़ैमा लगाया गया। उसमें वह पूरे इसराईल के देखते देखते अपने बाप की दाश्ताओं से हमबिसतर हुआ।


हबरून से यरूशलम में मुंतक़िल होने के बाद दाऊद ने मज़ीद बीवियों और दाश्ताओं से शादी की। नतीजे में यरूशलम में उसके कई बेटे-बेटियाँ पैदा हुए।


लेकिन एक दिन इशबोसत अबिनैर से नाराज़ हुआ, क्योंकि वह साऊल मरहूम की एक दाश्ता से हमबिसतर हो गया था। औरत का नाम रिसफ़ा बिंत ऐयाह था। इशबोसत ने शिकायत की, “आपने मेरे बाप की दाश्ता से ऐसा सुलूक क्यों किया?”


इफ़राईम के पहाड़ी इलाक़े में एक आदमी रहता था जिसका नाम मीकाह था।


राख़िल फ़ौत हुई, और वह इफ़राता के रास्ते में दफ़न हुई। आजकल इफ़राता को बैत-लहम कहा जाता है।


अपनी मौत से पहले उसने अपनी दूसरी बीवियों के बेटों को तोह्फ़े देकर अपने बेटे से दूर मशरिक़ की तरफ़ भेज दिया।


नहूर की हरम का नाम रूमा था। उसके हाँ भी बेटे पैदा हुए जिनके नाम तिबख़, जाहम, तख़स और माका हैं।


उन दिनों में लावी के क़बीले का एक जवान आदमी यहूदाह के क़बीले के शहर बैत-लहम में आबाद था।


लेकिन एक दिन औरत मर्द से नाराज़ हुई और मैके वापस चली गई। चार माह के बाद


फिर अंधेरे में एक बूढ़ा आदमी वहाँ से गुज़रा। असल में वह इफ़राईम के पहाड़ी इलाक़े का रहनेवाला था और जिबिया में अजनबी था, क्योंकि बाक़ी बाशिंदे बिनयमीनी थे। अब वह खेत में अपने काम से फ़ारिग़ होकर शहर में वापस आया था।


वहाँ इफ़राईम के पहाड़ी इलाक़े में उसने नरसिंगा फूँक दिया ताकि इसराईली लड़ने के लिए जमा हो जाएँ। वह इकट्ठे हुए और उस की राहनुमाई में वादीए-यरदन में उतर गए।


इफ़ताह के बाद इबज़ान इसराईल का क़ाज़ी बना। वह बैत-लहम में आबाद था,


वहाँ से वह इफ़राईम के पहाड़ी इलाक़े में दाख़िल हुए और चलते चलते मीकाह के घर पहुँच गए।


दर्जे-ज़ैल इन अफ़सरों और उनके इलाक़ों की फ़हरिस्त है। बिन-हूर : इफ़राईम का पहाड़ी इलाक़ा,


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