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یشوع 20:7 - किताबे-मुक़द्दस

7 इसराईलियों ने पनाह के यह शहर चुन लिए : नफ़ताली के पहाड़ी इलाक़े में गलील का क़ादिस, इफ़राईम के पहाड़ी इलाक़े में सिकम और यहूदाह के पहाड़ी इलाक़े में क़िरियत-अरबा यानी हबरून।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

7 چنانچہ اُنہُوں نے نفتالی کے کوہستانی مُلک میں گلِیل کے قِدِشؔ کو اِفرائیمؔ کے کوہستانی مُلک میں شِکیمؔ کو اَور یہُوداہؔ کے کوہستانی مُلک میں قِریت اربعؔ یعنی حِبرونؔ کو الگ کیا۔

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کِتابِ مُقادّس

7 پس اُنہوں نے نفتالی کے کوہِستانی مُلک میں جلِیل کے قادِس کو اور اِفرائِیم کے کوہِستانی مُلک میں سِکم کو اور یہُوداؔہ کے کوہِستانی مُلک میں قریت اؔربع کو جو حبرُوؔن ہے الگ کِیا۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

7 اسرائیلیوں نے پناہ کے یہ شہر چن لئے: نفتالی کے پہاڑی علاقے میں گلیل کا قادس، افرائیم کے پہاڑی علاقے میں سِکم اور یہوداہ کے پہاڑی علاقے میں قِریَت اربع یعنی حبرون۔

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یشوع 20:7
22 حوالہ جات  

पहला शहर अनाक़ियों के बाप का शहर क़िरियत-अरबा था जो यहूदाह के पहाड़ी इलाक़े में है और जिसका मौजूदा नाम हबरून है। उस की चरागाहें भी दी गईं,


उन दिनों में मरियम यहूदिया के पहाड़ी इलाक़े के एक शहर के लिए रवाना हुई। उसने जल्दी जल्दी सफ़र किया।


और नफ़ताली के क़बीले से गलील का क़ादिस, हम्मून और क़िरियतायम।


नफ़ताली के क़बीले ने तीन शहर उनकी चरागाहों समेत दिए : गलील का क़ादिस जिसमें हर वह शख़्स पनाह ले सकता था जिससे कोई ग़ैरइरादी तौर पर हलाक हुआ था, फिर हम्मात-दोर और क़रतान।


इनमें इफ़राईम के पहाड़ी इलाक़े का शहर सिकम शामिल था जिसमें हर वह शख़्स पनाह ले सकता था जिससे कोई ग़ैरइरादी तौर पर हलाक हुआ था, फिर जज़र,


हारून के कुंबे का यह शहर पनाह का शहर भी था जिसमें हर वह शख़्स पनाह ले सकता था जिससे कोई ग़ैरइरादी तौर पर हलाक हुआ था। इसके अलावा हारून के कुंबे को लिबना,


रहुबियाम सिकम गया, क्योंकि वहाँ तमाम इसराईली उसे बादशाह मुक़र्रर करने के लिए जमा हो गए थे।


उस ज़माने में हबरून का नाम क़िरियत-अरबा था, और वह मुल्के-कनान में था। इब्राहीम ने उसके पास आकर मातम किया।


लावियों को कुल 48 शहर देना। इनमें से छः पनाह के शहर मुक़र्रर करना। उनमें ऐसे लोग पनाह ले सकेंगे जिनके हाथों ग़ैरइरादी तौर पर कोई हलाक हुआ हो।


यह कहकर मूसा ने दरियाए-यरदन के मशरिक़ में पनाह के तीन शहर चुन लिए।


अलबत्ता शर्त यह है कि तू एहतियात से उन तमाम अहकाम की पैरवी करे जो मैं तुझे आज दे रहा हूँ। दूसरे अलफ़ाज़ में शर्त यह है कि तू रब अपने ख़ुदा को प्यार करे और हमेशा उस की राहों में चलता रहे। अगर तू ऐसा ही करे और नतीजतन रब का वादा पूरा हो जाए तो लाज़िम है कि तू पनाह के तीन और शहर अलग कर ले।


क़ादिस, करमिल का युक़नियाम,


दरियाए-यरदन के मशरिक़ में उन्होंने बसर को चुन लिया जो यरीहू से काफ़ी दूर मैदाने-मुरतफ़ा में है और रूबिन के क़बीले की मिलकियत है। मुल्के-जिलियाद में रामात जो जद के क़बीले का है और बसन में जौलान जो मनस्सी के क़बीले का है चुना गया।


रब के हुक्म के मुताबिक़ यशुअ ने कालिब बिन यफ़ुन्ना को उसका हिस्सा यहूदाह में दे दिया। वहाँ उसे हबरून शहर मिल गया। उस वक़्त उसका नाम क़िरियत-अरबा था (अरबा अनाक़ का बाप था)।


ज़ैल के फ़सीलदार शहर नफ़ताली की मिलकियत में आए : सद्दीम, सैर, हम्मत, रक़्क़त, किन्नरत,


अदामा, रामा, हसूर,


क़ादिस, इदरई, ऐन-हसूर,


फिर यशुअ ने इसराईल के तमाम क़बीलों को सिकम शहर में जमा किया। उसने इसराईल के बुज़ुर्गों, सरदारों, क़ाज़ियों और निगहबानों को बुलाया, और वह मिलकर अल्लाह के हुज़ूर हाज़िर हुए।


एक दिन यरुब्बाल यानी जिदौन का बेटा अबीमलिक अपने मामुओं और माँ के बाक़ी रिश्तेदारों से मिलने के लिए सिकम गया। उसने उनसे कहा,


रहुबियाम सिकम गया, क्योंकि वहाँ तमाम इसराईली उसे बादशाह मुक़र्रर करने के लिए जमा हो गए थे।


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