आदमी ने कहा, “नहीं, मैं रब के लशकर का सरदार हूँ और अभी अभी तेरे पास पहुँचा हूँ।” यह सुनकर यशुअ ने गिरकर उसे सिजदा किया और पूछा, “मेरे आक़ा अपने ख़ादिम को क्या फ़रमाना चाहते हैं?”
लेकिन अगर उसने उसे जान-बूझकर न मारा बल्कि यह इत्तफ़ाक़ से हुआ और अल्लाह ने यह होने दिया, तो मारनेवाला एक ऐसी जगह पनाह ले सकता है जो मैं मुक़र्रर करूँगा। वहाँ उसे क़त्ल किए जाने की इजाज़त नहीं होगी।
ग़रज़ यह वह तमाम ज़मीनें हैं जो इलियज़र इमाम, यशुअ बिन नून और क़बीलों के आबाई घरानों के सरबराहों ने सैला में मुलाक़ात के ख़ैमे के दरवाज़े पर क़ुरा डालकर तक़सीम की थीं। यों तक़सीम करने का यह काम मुकम्मल हुआ।