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یشوع 15:41 - किताबे-मुक़द्दस

41 जदीरोत, बैत-दजून, नामा और मक़्क़ेदा। इन शहरों की तादाद 16 थी। हर शहर के गिर्दो-नवाह की आबादियाँ उसके साथ गिनी जाती थीं।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

41 گِدیروتؔ، بیت دگونؔ، نعمہؔ اَور مقّیدہؔ؛ یہ سولہ شہر ہیں اَور اُن کے ساتھ دیہات بھی ہیں۔

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کِتابِ مُقادّس

41 اور جدِیروؔت اور بَیت دؔجون اور نعمہ اور مقّیدہ۔ یہ سولہ شہر ہیں اور اِن کے گاؤں بھی ہیں۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

41 جدیروت، بیت دجون، نعمہ اور مقیدہ۔ اِن شہروں کی تعداد 16 تھی۔ ہر شہر کے گرد و نواح کی آبادیاں اُس کے ساتھ گنی جاتی تھیں۔

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یشوع 15:41
10 حوالہ جات  

इसके बाद पूरी फ़ौज सहीह-सलामत यशुअ के पास मक़्क़ेदा की लशकरगाह में वापस पहुँच गई। अब से किसी में भी इसराईलियों को धमकी देने की जुर्रत न रही।


मक़्क़ेदा, बैतेल,


उस दिन मक़्क़ेदा यशुअ के क़ब्ज़े में आ गया। उसने पूरे शहर को तलवार से रब के लिए मख़सूस करके तबाह कर दिया। बादशाह समेत सब हलाक हुए और एक भी न बचा। शहर के बादशाह के साथ उसने वह सुलूक किया जो उसने यरीहू के बादशाह के साथ किया था।


उस वक़्त रब ने इसराईलियों के देखते देखते दुश्मन में अबतरी पैदा कर दी, और उन्होंने जिबऊन के क़रीब दुश्मन को ज़बरदस्त शिकस्त दी। इसराईली बैत-हौरून तक पहुँचानेवाले रास्ते पर अमोरियों का ताक़्क़ुब करते करते उन्हें अज़ीक़ा और मक़्क़ेदा तक मौत के घाट उतारते गए।


कब्बून, लहमास, कितलीस,


इस इलाक़े में यह शहर भी थे : लिबना, इतर, असन,


वहाँ वह मशरिक़ में बैत-दजून की तरफ़ मुड़कर ज़बूलून के इलाक़े तक पहुँची और उस की मग़रिबी सरहद के साथ चलती चलती शिमाल में वादीए-इफ़ताहेल तक पहुँची। आगे बढ़ती हुई वह बैत-इमक़ और नइयेल से होकर शिमाल की तरफ़ मुड़ी जहाँ काबूल था।


बाल-हनान जदीरी ज़ैतून और अंजीर-तूत के उन बाग़ों पर मुक़र्रर था जो मग़रिब के नशेबी पहाड़ी इलाक़े में थे। युआस ज़ैतून के तेल के गोदामों की निगरानी करता था।


साथ साथ फ़िलिस्ती मग़रिबी यहूदाह के नशेबी पहाड़ी इलाक़े और जुनूबी इलाक़े में घुस आए थे और ज़ैल के शहरों पर क़ब्ज़ा करके उनमें रहने लगे थे : बैत-शम्स, ऐयालोन, जदीरोत, नीज़ सोका, तिमनत और जिमज़ू गिर्दो-नवाह की आबादियों समेत।


अय्यूब के तीन दोस्त थे। उनके नाम इलीफ़ज़ तेमानी, बिलदद सूख़ी और ज़ूफ़र नामाती थे। जब उन्हें इत्तला मिली कि अय्यूब पर यह तमाम आफ़त आ गई है तो हर एक अपने घर से रवाना हुआ। उन्होंने मिलकर फ़ैसला किया कि इकट्ठे अफ़सोस करने और अय्यूब को तसल्ली देने जाएंगे।


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