लेकिन सीहोन को शक हुआ। उसे यक़ीन नहीं था कि वह मुल्क में से गुज़रकर आगे बढ़ेंगे। उसने न सिर्फ़ इनकार किया बल्कि अपने फ़ौजियों को जमा करके यहज़ शहर में ख़ैमाज़न हुआ और इसराईलियों के साथ लड़ने लगा।
हसबोन और इलियाली मदद के लिए पुकार रहे हैं, और उनकी आवाज़ें यहज़ तक सुनाई दे रही हैं। इसलिए मोआब के मुसल्लह मर्द जंग के नारे लगा रहे हैं, गो वह अंदर ही अंदर काँप रहे हैं।
हसबोन में लोग मदद के लिए पुकार रहे हैं, उनकी आवाज़ इलियाली और यहज़ तक सुनाई दे रही है। इसी तरह ज़ुग़र की चीख़ें होरोनायम और इजलत-शलीशियाह तक पहुँच गई हैं। क्योंकि निमरीम का पानी भी ख़ुश्क हो जाएगा।”