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یوحنا 7:28 - किताबे-मुक़द्दस

28 ईसा बैतुल-मुक़द्दस में तालीम दे रहा था। अब वह पुकार उठा, “तुम मुझे जानते हो और यह भी जानते हो कि मैं कहाँ से हूँ। लेकिन मैं अपनी तरफ़ से नहीं आया। जिसने मुझे भेजा है वह सच्चा है और उसे तुम नहीं जानते।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

28 پھر، یِسوعؔ نے بیت المُقدّس میں تعلیم دیتے وقت، پُکار کر فرمایا، ”ہاں، تُم مُجھے جانتے ہو، اَور یہ بھی جانتے ہو کہ میں کہاں سے ہُوں۔ میں اَپنی مرضی سے نہیں آیا، لیکن جِس نے مُجھے بھیجا ہے وہ سچّا ہے۔ تُم اُنہیں نہیں جانتے ہو،

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کِتابِ مُقادّس

28 پس یِسُوع نے ہَیکل میں تعلِیم دیتے وقت پُکار کر کہا کہ تُم مُجھے بھی جانتے ہو اور یہ بھی جانتے ہو کہ مَیں کہاں کا ہُوں اور مَیں آپ سے نہیں آیا مگر جِس نے مُجھے بھیجا ہے وہ سچّا ہے۔ اُس کو تُم نہیں جانتے۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

28 عیسیٰ بیت المُقدّس میں تعلیم دے رہا تھا۔ اب وہ پکار اُٹھا، ”تم مجھے جانتے ہو اور یہ بھی جانتے ہو کہ مَیں کہاں سے ہوں۔ لیکن مَیں اپنی طرف سے نہیں آیا۔ جس نے مجھے بھیجا ہے وہ سچا ہے اور اُسے تم نہیں جانتے۔

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یوحنا 7:28
46 حوالہ جات  

ईसा ने उनसे कहा, “अगर अल्लाह तुम्हारा बाप होता तो तुम मुझसे मुहब्बत रखते, क्योंकि मैं अल्लाह में से निकल आया हूँ। मैं अपनी तरफ़ से नहीं आया बल्कि उसी ने मुझे भेजा है।


उन्होंने पूछा, “आपका बाप कहाँ है?” ईसा ने जवाब दिया, “तुम न मुझे जानते हो, न मेरे बाप को। अगर तुम मुझे जानते तो फिर मेरे बाप को भी जानते।”


मैं तुम्हारे बारे में बहुत कुछ कह सकता हूँ। बहुत-सी ऐसी बातें हैं जिनकी बिना पर मैं तुमको मुजरिम ठहरा सकता हूँ। लेकिन जिसने मुझे भेजा है वही सच्चा और मोतबर है और मैं दुनिया को सिर्फ़ वह कुछ सुनाता हूँ जो मैंने उससे सुना है।”


ईसा ने जवाब दिया, “अगरचे मैं अपने बारे में ही गवाही दे रहा हूँ तो भी वह मोतबर है। क्योंकि मैं जानता हूँ कि मैं कहाँ से आया हूँ और कहाँ को जा रहा हूँ। लेकिन तुमको तो मालूम नहीं कि मैं कहाँ से आया हूँ और कहाँ जा रहा हूँ।


ऐ यरमियाह, तू फ़रेब से घिरा रहता है, और यह लोग फ़रेब के बाइस ही मुझे जानने से इनकार करते हैं।”


और अबदी ज़िंदगी यह है कि वह तुझे जान लें जो वाहिद और सच्चा ख़ुदा है और ईसा मसीह को भी जान लें जिसे तूने भेजा है।


क्योंकि जो कुछ मैंने बयान किया है वह मेरी तरफ़ से नहीं है। मेरे भेजनेवाले बाप ही ने मुझे हुक्म दिया कि क्या कहना और क्या सुनाना है।


अगरचे मैं अपने बाप के नाम में आया हूँ तो भी तुम मुझे क़बूल नहीं करते। इसके मुक़ाबले में अगर कोई अपने नाम में आएगा तो तुम उसे क़बूल करोगे।


मेरे बाप ने सब कुछ मेरे सुपुर्द कर दिया है। कोई भी फ़रज़ंद को नहीं जानता सिवाए बाप के। और कोई बाप को नहीं जानता सिवाए फ़रज़ंद के और उन लोगों के जिन पर फ़रज़ंद बाप को ज़ाहिर करना चाहता है।


जो अल्लाह के फ़रज़ंद पर ईमान रखता है उसके दिल में यह गवाही है। और जो अल्लाह पर ईमान नहीं रखता उसने उसे झूटा क़रार दिया है। क्योंकि उसने वह गवाही न मानी जो अल्लाह ने अपने फ़रज़ंद के बारे में दी।


ग़रज़, यह दो बातें क़ायम रही हैं, अल्लाह का वादा और उस की क़सम। वह इन्हें न तो बदल सकता न इनके बारे में झूट बोल सकता है। यों हम जिन्होंने उसके पास पनाह ली है बड़ी तसल्ली पाकर उस उम्मीद को मज़बूती से थामे रख सकते हैं जो हमें पेश की गई है।


क्योंकि उससे उन्हें अबदी ज़िंदगी की उम्मीद दिलाई जाती है, ऐसी ज़िंदगी की जिसका वादा अल्लाह ने दुनिया के ज़मानों से पेशतर ही किया था। और वह झूट नहीं बोलता।


क्योंकि जिस ख़ुदा ने फ़रमाया, “अंधेरे में से रौशनी चमके,” उसने हमारे दिलों में अपनी रौशनी चमकने दी ताकि हम अल्लाह का वह जलाल जान लें जो ईसा मसीह के चेहरे से चमकता है।


लेकिन अल्लाह वफ़ादार है और वह मेरा गवाह है कि हम आपके साथ बात करते वक़्त “नहीं” को “हाँ” के साथ नहीं मिलाते।


कभी नहीं! लाज़िम है कि अल्लाह सच्चा ठहरे गो हर इनसान झूटा है। यों कलामे-मुक़द्दस में लिखा है, “लाज़िम है कि तू बोलते वक़्त रास्त ठहरे और अदालत करते वक़्त ग़ालिब आए।”


और चूँकि उन्होंने अल्लाह को जानने से इनकार कर दिया इसलिए उसने उन्हें उनकी मकरूह सोच में छोड़ दिया। और इसलिए वह ऐसी हरकतें करते रहते हैं जो कभी नहीं करनी चाहिएँ।


क्योंकि जब मैं शहर में से गुज़र रहा था तो उन चीज़ों पर ग़ौर किया जिनकी पूजा आप करते हैं। चलते चलते मैंने एक ऐसी क़ुरबानगाह भी देखी जिस पर लिखा था, ‘नामालूम ख़ुदा की क़ुरबानगाह।’ अब मैं आपको उस ख़ुदा की ख़बर देता हूँ जिसकी पूजा आप करते तो हैं मगर आप उसे जानते नहीं।


ऐ रास्त बाप, दुनिया तुझे नहीं जानती, लेकिन मैं तुझे जानता हूँ। और यह शागिर्द जानते हैं कि तूने मुझे भेजा है।


वह इस क़िस्म की हरकतें इसलिए करेंगे कि उन्होंने न बाप को जाना है, न मुझे।


लेकिन दुनिया यह जान ले कि मैं बाप को प्यार करता हूँ और वही कुछ करता हूँ जिसका हुक्म वह मुझे देता है। अब उठो, हम यहाँ से चलें।


क्या तू ईमान नहीं रखता कि मैं बाप में हूँ और बाप मुझमें है? जो बातें में तुमको बताता हूँ वह मेरी नहीं बल्कि मुझमें रहनेवाले बाप की तरफ़ से हैं। वही अपना काम कर रहा है।


तो फिर तुम कुफ़र बकने की बात क्यों करते हो जब मैं कहता हूँ कि मैं अल्लाह का फ़रज़ंद हूँ? आख़िर बाप ने ख़ुद मुझे मख़सूस करके दुनिया में भेजा है।


और अगर फ़ैसला करूँ भी तो मेरा फ़ैसला दुरुस्त है, क्योंकि मैं अकेला नहीं हूँ। बाप जिसने मुझे भेजा है मेरे साथ है।


लेकिन एक और है जो मेरे बारे में गवाही दे रहा है और मैं जानता हूँ कि मेरे बारे में उस की गवाही सच्ची और मोतबर है।


लेकिन जिसने उसे क़बूल किया उसने इसकी तसदीक़ की है कि अल्लाह सच्चा है।


वह रात के वक़्त ईसा के पास आया और कहा, “उस्ताद, हम जानते हैं कि आप ऐसे उस्ताद हैं जो अल्लाह की तरफ़ से आए हैं, क्योंकि जो इलाही निशान आप दिखाते हैं वह सिर्फ़ ऐसा शख़्स ही दिखा सकता है जिसके साथ अल्लाह हो।”


नतनेल ने कहा, “नासरत? क्या नासरत से कोई अच्छी चीज़ निकल सकती है?” फ़िलिप्पुस ने जवाब दिया, “आ और ख़ुद देख ले।”


मेरे बाप ने सब कुछ मेरे सुपुर्द कर दिया है। कोई नहीं जानता कि फ़रज़ंद कौन है सिवाए बाप के। और कोई नहीं जानता कि बाप कौन है सिवाए फ़रज़ंद के और उन लोगों के जिन पर फ़रज़ंद यह ज़ाहिर करना चाहता है।”


फिर वह उनके साथ रवाना होकर नासरत वापस आया और उनके ताबे रहा। लेकिन उस की माँ ने यह तमाम बातें अपने दिल में महफ़ूज़ रखें।


जब ईसा के वालिदैन ने रब की शरीअत में दर्ज तमाम फ़रायज़ अदा कर लिए तो वह गलील में अपने शहर नासरत को लौट गए।


आज ही दाऊद के शहर में तुम्हारे लिए नजातदहिंदा पैदा हुआ है यानी मसीह ख़ुदावंद।


चुनाँचे यूसुफ़ गलील के शहर नासरत से रवाना होकर यहूदिया के शहर बैत-लहम पहुँचा। वजह यह थी कि वह दाऊद बादशाह के घराने और नसल से था, और बैत-लहम दाऊद का शहर था।


वहाँ वह एक शहर में जा बसा जिसका नाम नासरत था। यों नबियों की बात पूरी हुई कि ‘वह नासरी कहलाएगा।’


उनकी बुरी हरकतें उन्हें उनके ख़ुदा के पास वापस आने नहीं देतीं। क्योंकि उनके अंदर ज़िनाकारी की रूह है, और वह रब को नहीं जानते।


ऐ इसराईलियो, रब का कलाम सुनो! क्योंकि रब का मुल्क के बाशिंदों से मुक़दमा है। “इलज़ाम यह है कि मुल्क में न वफ़ादारी, न मेहरबानी और न अल्लाह का इरफ़ान है।


उस वक़्त से इसकी ज़रूरत नहीं रहेगी कि कोई अपने पड़ोसी या भाई को तालीम देकर कहे, ‘रब को जान लो।’ क्योंकि छोटे से लेकर बड़े तक सब मुझे जानेंगे। क्योंकि मैं उनका क़ुसूर मुआफ़ करूँगा और आइंदा उनके गुनाहों को याद नहीं करूँगा।” यह रब का फ़रमान है।


ऐ रब, जो तेरा नाम जानते वह तुझ पर भरोसा रखते हैं। क्योंकि जो तेरे तालिब हैं उन्हें तूने कभी तर्क नहीं किया।


लेकिन एली के बेटे बदमाश थे। न वह रब को जानते थे,


ईद का आधा हिस्सा गुज़र चुका था जब ईसा बैतुल-मुक़द्दस में जाकर तालीम देने लगा।


उस वक़्त ईसा ने हुजूम से कहा, “क्या मैं डाकू हूँ कि तुम तलवारें और लाठियाँ लिए मुझे गिरिफ़्तार करने निकले हो? मैं तो रोज़ाना बैतुल-मुक़द्दस में बैठकर तालीम देता रहा, मगर तुमने मुझे गिरिफ़्तार नहीं किया।


उन्होंने एतराज़ किया, “क्या यह ईसा बिन यूसुफ़ नहीं, जिसके बाप और माँ से हम वाक़िफ़ हैं? वह क्योंकर कह सकता है कि ‘मैं आसमान से उतरा हूँ’?”


हम तो जानते हैं कि अल्लाह ने मूसा से बात की है, लेकिन इसके बारे में हम यह भी नहीं जानते कि वह कहाँ से आया है।”


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