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یوحنا 15:4 - किताबे-मुक़द्दस

4 मुझमें क़ायम रहो तो मैं भी तुममें क़ायम रहूँगा। जो शाख़ बेल से कट गई है वह फल नहीं ला सकती। बिलकुल इसी तरह तुम भी अगर तुम मुझमें क़ायम नहीं रहते फल नहीं ला सकते।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

4 تُم مُجھ میں قائِم رہو تو میں بھی تُم میں قائِم رہُوں گا۔ کویٔی شاخ اَپنے آپ پھل نہیں لاتی؛ اُس شاخ کا انگور کی بیل سے پیوستہ رہنا لازِم ہے۔ تُم بھی مُجھ میں قائِم رہے بغیر پھل نہیں لا سکتے۔

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کِتابِ مُقادّس

4 تُم مُجھ میں قائِم رہو اور مَیں تُم میں۔ جِس طرح ڈالی اگر انگُور کے درخت میں قائِم نہ رہے تو اپنے آپ سے پَھل نہیں لا سکتی اُسی طرح تُم بھی اگر مُجھ میں قائِم نہ رہو تو پَھل نہیں لا سکتے۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

4 مجھ میں قائم رہو تو مَیں بھی تم میں قائم رہوں گا۔ جو شاخ بیل سے کٹ گئی ہے وہ پھل نہیں لا سکتی۔ بالکل اِسی طرح تم بھی اگر تم مجھ میں قائم نہیں رہتے پھل نہیں لا سکتے۔

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یوحنا 15:4
29 حوالہ جات  

जो कहता है कि वह उसमें क़ायम है उसके लिए लाज़िम है कि वह यों चले जिस तरह ईसा चलता था।


और यों मैं ख़ुद ज़िंदा न रहा बल्कि मसीह मुझमें ज़िंदा है। अब जो ज़िंदगी मैं इस जिस्म में गुज़ारता हूँ वह अल्लाह के फ़रज़ंद पर ईमान लाने से गुज़ारता हूँ। उसी ने मुझसे मुहब्बत रखकर मेरे लिए अपनी जान दी।


जो यहूदी उसका यक़ीन करते थे ईसा अब उनसे हमकलाम हुआ, “अगर तुम मेरी तालीम के ताबे रहोगे तब ही तुम मेरे सच्चे शागिर्द होगे।


जो भी मसीह की तालीम पर क़ायम नहीं रहता बल्कि इससे आगे निकल जाता है उसके पास अल्लाह नहीं। जो मसीह की तालीम पर क़ायम रहता है उसके पास बाप भी है और फ़रज़ंद भी।


जो मेरा गोश्त खाता और मेरा ख़ून पीता है वह मुझमें क़ायम रहता है और मैं उसमें।


और यों आप उस रास्तबाज़ी के फल से भरे रहेंगे जो आपको ईसा मसीह के वसीले से हासिल होती है। फिर आप अपनी ज़िंदगी से अल्लाह को जलाल देंगे और उस की तमजीद करेंगे।


जब वह दिन आएगा तो तुम जान लोगे कि मैं अपने बाप में हूँ, तुम मुझमें हो और मैं तुममें।


इसके मुक़ाबले में ज़रख़ेज़ ज़मीन में गिरे हुए दाने वह लोग हैं जिनका दिल दियानतदार और अच्छा है। जब वह कलाम सुनते हैं तो वह उसे अपनाते और साबितक़दमी से तरक़्क़ी करते करते फल लाते हैं।


अपने आपको जाँचकर मालूम करें कि क्या आपका ईमान क़ायम है? ख़ुद अपने आपको परखें। क्या आप नहीं जानते कि ईसा मसीह आपमें है? अगर नहीं तो इसका मतलब होता कि आपका ईमान नामक़बूल साबित होता।


आपने ईसा मसीह को ख़ुदावंद के तौर पर क़बूल कर लिया है। अब उसमें ज़िंदगी गुज़ारें।


क्योंकि अल्लाह चाहता था कि वह जान लें कि ग़ैरयहूदियों में यह राज़ कितना बेशक़ीमत और जलाली है। और यह राज़ है क्या? यह कि मसीह आपमें है। वही आपमें है जिसके बाइस हम अल्लाह के जलाल में शरीक होने की उम्मीद रखते हैं।


हर जगह उन्होंने शागिर्दों के दिल मज़बूत करके उनकी हौसलाअफ़्ज़ाई की कि वह ईमान में साबितक़दम रहें। उन्होंने कहा, “लाज़िम है कि हम बहुत-सी मुसीबतों में से गुज़रकर अल्लाह की बादशाही में दाख़िल हों।”


मैं उनमें और तू मुझमें। वह कामिल तौर पर एक हों ताकि दुनिया जान ले कि तूने मुझे भेजा और कि तूने उनसे मुहब्बत रखी है जिस तरह मुझसे रखी है।


तब इसराईल कहेगा, ‘मेरा बुतों से क्या वास्ता?’ मैं ही तेरी सुनकर तेरी देख-भाल करूँगा। मैं जूनीपर का सायादार दरख़्त हूँ, और तू मुझसे ही फल पाएगा।”


कि मसीह ईमान के ज़रीए आपके दिलों में सुकूनत करे। हाँ, मेरी दुआ है कि आप मुहब्बत में जड़ पकड़ें और इस बुनियाद पर ज़िंदगी यों गुज़ारें


जब वह वहाँ पहुँचा और देखा कि अल्लाह के फ़ज़ल से क्या कुछ हुआ है तो वह ख़ुश हुआ। उसने उन सबकी हौसलाअफ़्ज़ाई की कि वह पूरी लग्न से ख़ुदावंद के साथ लिपटे रहें।


बेशक अब ज़रूरी है कि आप ईमान में क़ायम रहें, कि आप ठोस बुनियाद पर मज़बूती से खड़े रहें और उस ख़ुशख़बरी की उम्मीद से हट न जाएँ जो आपने सुन ली है। यह वही पैग़ाम है जिसकी मुनादी दुनिया में हर मख़लूक़ के सामने कर दी गई है और जिसका ख़ादिम मैं पौलुस बन गया हूँ।


यही वजह थी कि मैंने तीमुथियुस को भेज दिया। मैं यह हालात बरदाश्त न कर सका, इसलिए मैंने उसे आपके ईमान को मालूम करने के लिए भेज दिया। ऐसा न हो कि आज़मानेवाले ने आपको यों आज़माइश में डाल दिया हो कि हमारी आप पर मेहनत ज़ाया जाए।


यह कौन है जो अपने महबूब का सहारा लेकर रेगिस्तान से चढ़ी आ रही है? सेब के दरख़्त तले मैंने तुझे जगा दिया, वहाँ जहाँ तेरी माँ ने तुझे जन्म दिया, जहाँ उसने दर्दे-ज़ह में मुब्तला होकर तुझे पैदा किया।


लेकिन हम उनमें से नहीं हैं जो पीछे हटकर तबाह हो जाएंगे बल्कि हम उनमें से हैं जो ईमान रखकर नजात पाते हैं।


अच्छे फल के लिए अच्छे दरख़्त की ज़रूरत होती है। ख़राब दरख़्त से ख़राब फल मिलता है। दरख़्त उसके फल से ही पहचाना जाता है।


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