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یرمیاہ 9:11 - किताबे-मुक़द्दस

11 “यरूशलम को मैं मलबे का ढेर बना दूँगा, और आइंदा गीदड़ उसमें जा बसेंगे। यहूदाह के शहरों को मैं वीरानो-सुनसान कर दूँगा। एक भी उनमें नहीं बसेगा।”

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

11 ”مَیں یروشلیمؔ کو کھنڈروں کا ڈھیر، اَور گیدڑوں کا بسیرا بنا دُوں گا؛ اَور مَیں یہُودیؔہ کے شہروں کو اُجاڑ دُوں گا تاکہ وہاں کویٔی بُودوباش کرنے نہ پایٔے۔“

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کِتابِ مُقادّس

11 مَیں یروشلیِم کو کھنڈر اور گِیدڑوں کا مسکن بنا دُوں گا اور یہُوداؔہ کے شہروں کو اَیسا وِیران کرُوں گا کہ کوئی باشِندہ نہ رہے گا۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

11 ”یروشلم کو مَیں ملبے کا ڈھیر بنا دوں گا، اور آئندہ گیدڑ اُس میں جا بسیں گے۔ یہوداہ کے شہروں کو مَیں ویران و سنسان کر دوں گا۔ ایک بھی اُن میں نہیں بسے گا۔“

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یرمیاہ 9:11
32 حوالہ جات  

तूने शहर को मलबे का ढेर बनाकर हमलों से महफ़ूज़ आबादी को खंडरात में तबदील कर दिया। ग़ैरमुल्कियों का क़िलाबंद महल यों ख़ाक में मिलाया गया कि आइंदा कभी शहर नहीं कहलाएगा, कभी अज़ सरे-नौ तामीर नहीं होगा।


बाबल मलबे का ढेर बन जाएगा। गीदड़ ही उसमें अपना घर बना लेंगे। उसे देखकर गुज़रनेवालों के रोंगटे खड़े हो जाएंगे, और वह ‘तौबा तौबा’ कहकर आगे निकलेंगे। कोई भी वहाँ नहीं बसेगा।


सुनो! एक ख़बर पहुँच रही है, शिमाली मुल्क से शोरो-ग़ौग़ा सुनाई दे रहा है। यहूदाह के शहर उस की ज़द में आकर बरबाद हो जाएंगे। आइंदा गीदड़ ही उनमें बसेंगे।


काँटेदार पौदे उसके महलों पर छा जाएंगे, ख़ुदरौ पौदे और ऊँटकटारे उसके क़िलाबंद शहरों में फैल जाएंगे। मुल्क गीदड़ और उक़ाबी उल्लू का घर बनेगा।


जंगली कुत्ते उसके महलों में रोएँगे, और गीदड़ ऐशो-इशरत के क़सरों में अपनी दर्द भरी आवाज़ें निकालेंगे। बाबल का ख़ातमा क़रीब ही है, अब देर नहीं लगेगी।


तुम्हारी वजह से सिय्यून पर हल चलाया जाएगा और यरूशलम मलबे का ढेर बन जाएगा। जिस पहाड़ पर रब का घर है उस पर जंगल छा जाएगा।


दहशत और गढ़े हमारे नसीब में हैं, हम धड़ाम से गिरकर तबाह हो गए हैं।”


रब ने बेरहमी से याक़ूब की आबादियों को मिटा डाला, क़हर में यहूदाह बेटी के क़िलों को ढा दिया। उसने यहूदाह की सलतनत और बुज़ुर्गों को ख़ाक में मिलाकर उनकी बेहुरमती की है।


लेकिन मेरे हुक्म पर वह वापस आकर यरूशलम पर हमला करेंगे। और इस मरतबा वह उस पर क़ब्ज़ा करके उसे नज़रे-आतिश कर देंगे। मैं यहूदाह के शहरों को भी यों ख़ाक में मिला दूँगा कि कोई उनमें नहीं रह सकेगा’।” यह रब का फ़रमान है।


“जब हिज़क़ियाह यहूदाह का बादशाह था तो मोरशत के रहनेवाले नबी मीकाह ने नबुव्वत करके यहूदाह के तमाम बाशिंदों से कहा, ‘रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है कि सिय्यून पर खेत की तरह हल चलाया जाएगा, और यरूशलम मलबे का ढेर बन जाएगा। रब के घर की पहाड़ी पर गुंजान जंगल उगेगा।’


पूरा मुल्क वीरानो-सुनसान हो जाएगा, चारों तरफ़ मलबे के ढेर नज़र आएँगे। तब तुम और इर्दगिर्द की क़ौमें 70 साल तक शाहे-बाबल की ख़िदमत करोगे।


आसफ़ का ज़बूर। ऐ अल्लाह, अजनबी क़ौमें तेरी मौरूसी ज़मीन में घुस आई हैं। उन्होंने तेरी मुक़द्दस सुकूनतगाह की बेहुरमती करके यरूशलम को मलबे का ढेर बना दिया है।


तू इसराईल के बादशाहों उमरी और अख़ियब के नमूने पर चल पड़ा है, आज तक उन्हीं के मनसूबों की पैरवी करता आया है। इसलिए मैं तुझे तबाही के हवाले कर दूँगा, तेरे लोगों को मज़ाक़ का निशाना बनाऊँगा। तुझे दीगर अक़वाम की लान-तान बरदाश्त करनी पड़ेगी।”


इसलिए रब फ़रमाता है, “मैं सामरिया को खुले मैदान में मलबे का ढेर बना दूँगा, इतनी ख़ाली जगह कि लोग वहाँ अंगूर के बाग़ लगाएँगे। मैं उसके पत्थर वादी में फेंक दूँगा, उसे इतने धड़ाम से गिरा दूँगा कि उस की बुनियादें ही नज़र आएँगी।


तू रब का नाम लेकर क्यों कह रहा है कि रब का घर सैला की तरह तबाह हो जाएगा, और यरूशलम मलबे का ढेर बनकर ग़ैरआबाद हो जाएगा?” ऐसी बातें कहकर तमाम लोगों ने रब के घर में यरमियाह को घेरे रखा।


पहले यरूशलम और यहूदाह के शहरों को उनके बादशाहों और बुज़ुर्गों समेत ग़ज़ब का प्याला पीना पड़ा। तब मुल्क मलबे का ढेर बन गया जिसे देखकर लोगों के रोंगटे खड़े हो गए। आज तक वह मज़ाक़ और लानत का निशाना है।


मैं ही अपने ख़ादिम का कलाम पूरा होने देता और अपने पैग़ंबरों का मनसूबा तकमील तक पहुँचाता हूँ, मैं ही यरूशलम के बारे में फ़रमाता हूँ, ‘वह दुबारा आबाद हो जाएगा,’ और यहूदाह के शहरों के बारे में, ‘वह नए सिरे से तामीर हो जाएंगे, मैं उनके खंडरात दुबारा खड़े करूँगा।’


उसने अपने हमख़िदमत अफ़सरों और सामरिया के फ़ौजियों की मौजूदगी में कहा, “यह ज़ईफ़ यहूदी क्या कर रहे हैं? क्या यह वाक़ई यरूशलम की क़िलाबंदी करना चाहते हैं? क्या यह समझते हैं कि चंद एक क़ुरबानियाँ पेश करके हम फ़सील को आज ही खड़ा करेंगे? वह इन जले हुए पत्थरों और मलबे के इस ढेर से किस तरह नई दीवार बना सकते हैं?”


उसने ऊँची आवाज़ से पुकारकर कहा, “वह गिर गई है! हाँ, अज़ीम कसबी बाबल गिर गई है! अब वह शयातीन का घर और हर बदरूह का बसेरा बन गई है, हर नापाक और घिनौने परिंदे का बसेरा।


मैं तुम्हारे मुल्क का सत्यानास यों करूँगा कि जो दुश्मन उसमें आबाद हो जाएंगे उनके रोंगटे खड़े हो जाएंगे।


ताहम तूने हमें चूर चूर करके गीदड़ों के दरमियान छोड़ दिया, तूने हमें गहरी तारीकी में डूबने दिया है।


क्योंकि रब फ़रमाता है, “मैं शिमाली ममालिक के तमाम घरानों को बुला लूँगा, और हर एक आकर अपना तख़्त यरूशलम के दरवाज़ों के सामने ही खड़ा करेगा। हाँ, वह उस की पूरी फ़सील को घेरकर उस पर बल्कि यहूदाह के तमाम शहरों पर छापा मारेंगे।


क्योंकि रब फ़रमाता है, “पूरा मुल्क बरबाद हो जाएगा, अगरचे मैं उसे पूरे तौर पर ख़त्म नहीं करूँगा।


“रब्बुल-अफ़वाज जो इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है, ‘तुमने ख़ुद वह बड़ी आफ़त देखी जो मैं यरूशलम और यहूदाह के दीगर तमाम शहरों पर लाया। आज वह वीरानो-सुनसान हैं, और उनमें कोई नहीं बसता।


“हसूर हमेशा तक वीरानो-सुनसान रहेगा, उसमें कोई नहीं बसेगा। गीदड़ ही उसमें अपने घर बना लेंगे।”


क्योंकि शिमाल से एक क़ौम बाबल पर चढ़ आई है जो पूरे मुल्क को बरबाद कर देगी। इनसान और हैवान सब हिजरत कर जाएंगे, मुल्क में कोई नहीं रहेगा।”


सिय्यून की राहें मातमज़दा हैं, क्योंकि कोई ईद मनाने के लिए नहीं आता। शहर के तमाम दरवाज़े वीरानो-सुनसान हैं। उसके इमाम आहें भर रहे, उस की कुँवारियाँ ग़म खा रही हैं और उसे ख़ुद शदीद तलख़ी महसूस हो रही है।


चारों तरफ़ ज़मीन झुलसी हुई और गंधक और नमक से ढकी हुई नज़र आएगी। बीज उसमें बोया नहीं जाएगा, क्योंकि ख़ुदरौ पौदों तक कुछ नहीं उगेगा। तुम्हारा मुल्क सदूम, अमूरा, अदमा और ज़बोईम की मानिंद होगा जिनको रब ने अपने ग़ज़ब में तबाह किया।


कौन दानिशमंद है? वह इस पर ध्यान दे, वह रब की मेहरबानियों पर ग़ौर करे।


क्या जिलियाद में मरहम नहीं? क्या वहाँ डाक्टर नहीं मिलता? मुझे बताओ, मेरी क़ौम का ज़ख़म क्यों नहीं भरता?


जब तू इस क़ौम को यह सब कुछ बताएगा तो लोग पूछेंगे, ‘रब इतनी बड़ी आफ़त हम पर लाने पर क्यों तुला हुआ है? हमसे क्या जुर्म हुआ है? हमने रब अपने ख़ुदा का क्या गुनाह किया है?’


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