یرمیاہ 7:26 - किताबे-मुक़द्दस26 तो भी उन्होंने न मेरी सुनी, न तवज्जुह दी। वह बज़िद रहे बल्कि अपने बापदादा की निसबत ज़्यादा बुरे थे। باب دیکھیںاُردو ہم عصر ترجُمہ26 لیکن اُنہُوں نے میری نہ سُنی اَور نہ ہی میرے پیغام کی طرف غور کیا۔ بَلکہ وہ اَور بھی باغی ہو گئے اَور اَپنے آباؤاَجداد سے بھی زِیادہ بدکاریاں کرتے رہے۔‘ باب دیکھیںکِتابِ مُقادّس26 لیکن اُنہوں نے میری نہ سُنی اور کان نہ لگایا بلکہ اپنی گردن سخت کی۔ اُنہوں نے اپنے باپ دادا سے بڑھ کر بُرائی کی۔ باب دیکھیںہولی بائبل کا اردو جیو ورژن26 توبھی اُنہوں نے نہ میری سنی، نہ توجہ دی۔ وہ بضد رہے بلکہ اپنے باپ دادا کی نسبت زیادہ بُرے تھے۔ باب دیکھیں |
तू उन्हें समझाता रहा ताकि वह दुबारा तेरी शरीअत की तरफ़ रुजू करें, लेकिन वह मग़रूर थे और तेरे अहकाम के ताबे न हुए। उन्होंने तेरी हिदायात की ख़िलाफ़वरज़ी की, हालाँकि इन्हीं पर चलने से इनसान को ज़िंदगी हासिल होती है। लेकिन उन्होंने परवा न की बल्कि अपना मुँह तुझसे फेरकर अड़ गए और सुनने के लिए तैयार न हुए।
बार बार मैं अपने नबियों को तुम्हारे पास भेजता रहा ताकि मेरे ख़ादिम तुम्हें आगाह करते रहें कि हर एक अपनी बुरी राह तर्क करके वापस आए! अपना चाल-चलन दुरुस्त करो और अजनबी माबूदों की पैरवी करके उनकी ख़िदमत मत करो! फिर तुम उस मुल्क में रहोगे जो मैंने तुम्हें और तुम्हारे बापदादा को बख़्श दिया था। लेकिन तुमने न तवज्जुह दी, न मेरी सुनी।