یرمیاہ 7:24 - किताबे-मुक़द्दस24 लेकिन उन्होंने मेरी न सुनी, न ध्यान दिया बल्कि अपने शरीर दिल की ज़िद के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारने लगे। उन्होंने मेरी तरफ़ रुजू न किया बल्कि अपना मुँह मुझसे फेर लिया। باب دیکھیںاُردو ہم عصر ترجُمہ24 پھر بھی اُنہُوں نے نہ تو میرے حُکموں پر عَمل کیا اَور نہ ہی اُن کی طرف غور کیا؛ بَلکہ اَپنی مصلحتوں اَور بُرے دِلوں کی ضِد پر چلے اَور آگے بڑھنے کی بجائے برگشتہ ہو گئے۔ باب دیکھیںکِتابِ مُقادّس24 لیکن اُنہوں نے نہ سُنا نہ کان لگایا بلکہ اپنی مصلحتوں اور اپنے بُرے دِل کی سختی پر چلے اور برگشتہ ہُوئے اور آگے نہ بڑھے۔ باب دیکھیںہولی بائبل کا اردو جیو ورژن24 لیکن اُنہوں نے میری نہ سنی، نہ دھیان دیا بلکہ اپنے شریر دل کی ضد کے مطابق زندگی گزارنے لگے۔ اُنہوں نے میری طرف رجوع نہ کیا بلکہ اپنا منہ مجھ سے پھیر لیا۔ باب دیکھیں |
लेकिन रेगिस्तान में भी इसराईली मुझसे बाग़ी हुए। उन्होंने मेरी हिदायात के मुताबिक़ ज़िंदगी न गुज़ारी बल्कि मेरे अहकाम को मुस्तरद कर दिया, हालाँकि इनसान उनकी पैरवी करने से ही जीता रहता है। उन्होंने सबत की भी बड़ी बेहुरमती की। यह देखकर मैं अपना ग़ज़ब उन पर नाज़िल करके उन्हें वहीं रेगिस्तान में हलाक करना चाहता था।
लेकिन यह बच्चे भी मुझसे बाग़ी हुए। न उन्होंने मेरी हिदायात के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारी, न एहतियात से मेरे अहकाम पर अमल किया, हालाँकि इनसान उनकी पैरवी करने से ही जीता रहता है। उन्होंने मेरे सबत के दिनों की भी बेहुरमती की। यह देखकर मैं अपना ग़ुस्सा उन पर नाज़िल करके उन्हें वहीं रेगिस्तान में तबाह करना चाहता था।
तू उन्हें समझाता रहा ताकि वह दुबारा तेरी शरीअत की तरफ़ रुजू करें, लेकिन वह मग़रूर थे और तेरे अहकाम के ताबे न हुए। उन्होंने तेरी हिदायात की ख़िलाफ़वरज़ी की, हालाँकि इन्हीं पर चलने से इनसान को ज़िंदगी हासिल होती है। लेकिन उन्होंने परवा न की बल्कि अपना मुँह तुझसे फेरकर अड़ गए और सुनने के लिए तैयार न हुए।
बार बार मैं अपने नबियों को तुम्हारे पास भेजता रहा ताकि मेरे ख़ादिम तुम्हें आगाह करते रहें कि हर एक अपनी बुरी राह तर्क करके वापस आए! अपना चाल-चलन दुरुस्त करो और अजनबी माबूदों की पैरवी करके उनकी ख़िदमत मत करो! फिर तुम उस मुल्क में रहोगे जो मैंने तुम्हें और तुम्हारे बापदादा को बख़्श दिया था। लेकिन तुमने न तवज्जुह दी, न मेरी सुनी।