8 मुझे अपने हाथों के काम से तैश क्यों दिलाते हो? यहाँ मिसर में पनाह लेकर तुम अजनबी माबूदों के लिए बख़ूर क्यों जलाते हो? इससे तुम अपने आपको नेस्तो-नाबूद कर रहे हो, तुम दुनिया की तमाम क़ौमों के लिए लानत और मज़ाक़ का निशाना बनोगे।
8 کیونکہ اِس مِصر میں جہاں کہ تُم آباد ہونے کے لیٔے آئے ہو، یہاں تُم اَپنے ہاتھوں سے بنائی ہُوئی اَشیا سے اَور غَیر معبُودوں کے آگے بخُور جَلا کے میرا غُصّہ کیوں بھڑکاتے ہو؟ کیا تُم اَپنے آپ کو ہلاک کرکے دُنیا کی تمام قوموں کے درمیان خُود کو لعنت اَور ملامت کا باعث بناؤگے۔
8 کہ تُم مُلکِ مِصرؔ میں جہاں تُم بسنے کو گئے ہو اپنے اَعمال سے اور غَیر معبُودوں کے آگے بخُور جلا کر مُجھ کو غضب ناک کرتے ہو کہ نیست کِئے جاؤ اور رُویِ زمِین کی سب قَوموں کے درمِیان لَعنت و ملامت کا باعِث بنو؟
8 مجھے اپنے ہاتھوں کے کام سے طیش کیوں دلاتے ہو؟ یہاں مصر میں پناہ لے کر تم اجنبی معبودوں کے لئے بخور کیوں جلاتے ہو؟ اِس سے تم اپنے آپ کو نیست و نابود کر رہے ہو، تم دنیا کی تمام قوموں کے لئے لعنت اور مذاق کا نشانہ بنو گے۔
क्योंकि रब्बुल-अफ़वाज जो इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है, ‘पहले मेरा सख़्त ग़ज़ब यरूशलम के बाशिंदों पर नाज़िल हुआ। अगर तुम मिसर जाओ तो मेरा ग़ज़ब तुम पर भी नाज़िल होगा। तुम्हें देखकर लोगों के रोंगटे खड़े हो जाएंगे, और तुम उनकी लान-तान और हिक़ारत का निशाना बनोगे। लानत करनेवाला अपने दुश्मनों के लिए तुम्हारे जैसा अंजाम चाहेगा। जहाँ तक तुम्हारे वतन का ताल्लुक़ है, तुम उसे आइंदा कभी नहीं देखोगे।’
यों उन्हें उनकी बुरी हरकतों का अज्र मिला। क्योंकि अजनबी माबूदों के लिए बख़ूर जलाकर उनकी ख़िदमत करने से उन्होंने मुझे तैश दिलाया। और यह ऐसे देवता थे जिनसे पहले न वह, न तुम और न तुम्हारे बापदादा वाक़िफ़ थे।
इसलिए उनका मुल्क वीरान हो जाएगा, एक ऐसी जगह जिसे दूसरे अपने मज़ाक़ का निशाना बनाएँगे। जो भी गुज़रे उसके रोंगटे खड़े हो जाएंगे, वह अफ़सोस से अपना सर हिलाएगा।
तो मैं इसराईल को जड़ से उखाड़कर उस मुल्क से निकाल दूँगा जो मैंने उनको दे दिया है। न सिर्फ़ यह बल्कि मैं इस घर को भी रद्द कर दूँगा जो मैंने अपने नाम के लिए मख़सूसो-मुक़द्दस कर लिया है। उस वक़्त मैं इसराईल को तमाम अक़वाम में मज़ाक़ और लान-तान का निशाना बना दूँगा।
मैं यहूदाह के उस बचे हुए हिस्से को सफ़हाए-हस्ती से मिटा दूँगा जो मिसर में जाकर पनाह लेने पर तुला हुआ था। सब मिसर में हलाक हो जाएंगे, ख़ाह तलवार से, ख़ाह काल से। छोटे से लेकर बड़े तक सबके सब तलवार या काल की ज़द में आकर मर जाएंगे। उन्हें देखकर लोगों के रोंगटे खड़े हो जाएंगे, और वह दूसरों की लान-तान और हिक़ारत का निशाना बनेंगे। लानत करनेवाला अपने दुश्मनों के लिए उन्हीं का-सा अंजाम चाहेगा।
अब रब्बुल-अफ़वाज जो इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है, ‘तुम अपना सत्यानास क्यों कर रहे हो? ऐसे क़दम उठाने से तुम यहूदाह से आए हुए मर्दों और औरतों को बच्चों और शीरख़ारों समेत हलाकत की तरफ़ ला रहे हो। इस सूरत में एक भी नहीं बचेगा।
मैं तलवार, काल और मोहलक बीमारियों से उनका यों ताक़्क़ुब करूँगा कि दुनिया के तमाम ममालिक उनकी हालत देखकर घबरा जाएंगे। जिस क़ौम में भी मैं उन्हें मुंतशिर करूँगा वहाँ लोगों के रोंगटे खड़े हो जाएंगे। किसी पर लानत भेजते वक़्त लोग कहेंगे कि उसे यहूदाह के बाशिंदों का-सा अंजाम नसीब हो। हर जगह वह मज़ाक़ और रुसवाई का निशाना बन जाएंगे।
अगर तुम आइंदा भी न सुनो तो मैं इस घर को यों तबाह करूँगा जिस तरह मैंने सैला का मक़दिस तबाह किया था। मैं इस शहर को भी यों ख़ाक में मिला दूँगा कि इबरतअंगेज़ मिसाल बन जाएगा। दुनिया की तमाम क़ौमों में जब कोई अपने दुश्मन पर लानत भेजना चाहे तो वह कहेगा कि उसका यरूशलम का-सा अंजाम हो’।”
मैं होने दूँगा कि वह दुनिया के तमाम ममालिक के लिए दहशत और आफ़त की अलामत बन जाएंगे। जहाँ भी मैं उन्हें मुंतशिर करूँगा वहाँ वह इबरतअंगेज़ मिसाल बन जाएंगे। हर जगह लोग उनकी बेइज़्ज़ती, उन्हें लान-तान और उन पर लानत करेंगे।
आख़िरकार तुम्हारा नाम ही मेरे बरगुज़ीदों के पास बाक़ी रहेगा, और वह भी सिर्फ़ लानत के तौर पर इस्तेमाल होगा। क़सम खाते वक़्त वह कहेंगे, ‘रब क़ादिरे-मुतलक़ तुम्हें इसी तरह क़त्ल करे।’ लेकिन मेरे ख़ादिमों का एक और नाम रखा जाएगा।
यरूशलम डगमगा रहा है, यहूदाह धड़ाम से गिर गया है। और वजह यह है कि वह अपनी बातों और हरकतों से रब की मुख़ालफ़त करते हैं। उसके जलाली हुज़ूर ही में वह सरकशी का इज़हार करते हैं।
तुम चोर, क़ातिल और ज़िनाकार हो। नीज़ तुम झूटी क़सम खाते, बाल देवता के हुज़ूर बख़ूर जलाते और अजनबी माबूदों के पीछे लग जाते हो, ऐसे देवताओं के पीछे जिनसे तुम पहले वाक़िफ़ नहीं थे।
फिर यहूदाह और यरूशलम के बाशिंदे अपने शहरों से निकलकर चीख़ते-चिल्लाते उन देवताओं से मिन्नत करेंगे जिनके सामने बख़ूर जलाते रहे हैं। लेकिन अब जब वह मुसीबत में मुब्तला होंगे तो यह उन्हें नहीं बचाएँगे।
ऐ इसराईल और यहूदाह, रब्बुल-अफ़वाज ने ख़ुद तुम्हें ज़मीन में लगाया। लेकिन अब उसने तुम पर आफ़त लाने का फ़ैसला किया है। क्यों? तुम्हारे ग़लत काम की वजह से, और इसलिए कि तुमने बाल देवता को बख़ूर की क़ुरबानियाँ पेश करके मुझे तैश दिलाया है।”
वह पहाड़ों की चोटियों पर अपने जानवरों को क़ुरबान करते हैं और पहाड़ियों पर चढ़कर बलूत, सफ़ेदा या किसी और दरख़्त के ख़ुशगवार साये में बख़ूर की क़ुरबानियाँ पेश करते हैं। इसी लिए तुम्हारी बेटियाँ इसमतफ़रोश बन गई हैं, और तुम्हारी बहुएँ ज़िना करती हैं।
रब फ़रमाता है, “इसराईल और यहूदाह के क़बीले जवानी से लेकर आज तक वही कुछ करते आए हैं जो मुझे नापसंद है। अपने हाथों के काम से वह मुझे बार बार ग़ुस्सा दिलाते रहे हैं।
बल्कि बुज़ुर्गों को कुँवारे-कुँवारियों और बाल-बच्चों समेत मौत के घाट उतारो। सिर्फ़ उन्हें छोड़ना जिनके माथे पर निशान है। मेरे मक़दिस से शुरू करो!” चुनाँचे आदमियों ने उन बुज़ुर्गों से शुरू किया जो रब के घर के सामने खड़े थे।
लेकिन रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है, ‘मेरी हयात की क़सम, मैं बेदीन की मौत से ख़ुश नहीं होता बल्कि मैं चाहता हूँ कि वह अपनी ग़लत राह से हटकर ज़िंदा रहे। चुनाँचे तौबा करो! अपनी ग़लत राहों को तर्क करके वापस आओ! ऐ इसराईली क़ौम, क्या ज़रूरत है कि तू मर जाए?’