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یرمیاہ 37:21 - किताबे-मुक़द्दस

21 तब सिदक़ियाह बादशाह ने हुक्म दिया कि यरमियाह को शाही मुहाफ़िज़ों के सहन में रखा जाए। उसने यह हिदायत भी दी कि जब तक शहर में रोटी दस्तयाब हो यरमियाह को नानबाई-गली से हर रोज़ एक रोटी मिलती रहे। चुनाँचे यरमियाह मुहाफ़िज़ों के सहन में रहने लगा।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

21 تَب صِدقیاہؔ بادشاہ نے حُکم دیا کہ یرمیاہؔ کو پہرے والے قَیدخانہ کے صحن میں رکھا جائے اَور جَب تک شہر کی تمام روٹی ختم نہ ہو جائے اُسے روزانہ نانبائی کے محلّہ سے روٹی لاکر دی جائے۔ چنانچہ یرمیاہؔ پہرے کے قَیدخانہ کے صحن میں رہنے لگا۔

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کِتابِ مُقادّس

21 تب صِدقیاہ بادشاہ نے حُکم دِیا اور اُنہوں نے یَرمِیاؔہ کو قَید خانہ کے صحن میں رکھّا اور ہر روز اُسے نانبائِیوں کے محلّہ سے ایک روٹی لے کر دیتے رہے جب تک کہ شہر میں روٹی مِل سکتی تھی۔ پس یَرمِیاؔہ قَید خانہ کے صحن میں رہا۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

21 تب صِدقیاہ بادشاہ نے حکم دیا کہ یرمیاہ کو شاہی محافظوں کے صحن میں رکھا جائے۔ اُس نے یہ ہدایت بھی دی کہ جب تک شہر میں روٹی دست یاب ہو یرمیاہ کو نان بائی گلی سے ہر روز ایک روٹی ملتی رہے۔ چنانچہ یرمیاہ محافظوں کے صحن میں رہنے لگا۔

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یرمیاہ 37:21
35 حوالہ جات  

इसके बाद यरमियाह यरूशलम की शिकस्त तक शाही मुहाफ़िज़ों के सहन में क़ैदी रहा।


तो वह उसे रस्सों से खींचकर हौज़ से निकाल लाए। इसके बाद यरमियाह शाही मुहाफ़िज़ों के सहन में रहा।


लेकिन फिर काल ने शहर में ज़ोर पकड़ा, और अवाम के लिए खाने की चीज़ें न रहीं। चौथे महीने के नवें दिन


“मेरे आक़ा और बादशाह, जो सुलूक इन आदमियों ने यरमियाह के साथ किया है वह निहायत बुरा है। उन्होंने उसे एक हौज़ में फेंक दिया है जहाँ वह भूका मरने को है। क्योंकि शहर में रोटी ख़त्म हो गई है।”


अपनी फ़ौज के साथ यरूशलम का मुहासरा कर रहा था। यरमियाह उन दिनों में शाही महल के मुहाफ़िज़ों के सहन में क़ैद था।


वही बुलंदियों पर बसेगा और पहाड़ के क़िले में महफ़ूज़ रहेगा। उसे रोटी मिलती रहेगी, और पानी की कभी कमी न होगी।


लेकिन फिर काल ने शहर में ज़ोर पकड़ा, और अवाम के लिए खाने की चीज़ें न रहीं। चौथे महीने के नवें दिन


अगर काल पड़े तो वह फ़िद्या देकर तुझे मौत से बचाएगा, जंग में तुझे तलवार की ज़द में आने नहीं देगा।


जिसकी ख़ातिर मैं दुख उठा रहा हूँ, यहाँ तक कि मुझे आम मुजरिम की तरह ज़ंजीरों से बाँधा गया है। लेकिन अल्लाह का कलाम ज़ंजीरों से बाँधा नहीं जा सकता।


इसलिए हमारे ख़ुदावंद के बारे में गवाही देने से न शर्माएँ, न मुझसे जो मसीह की ख़ातिर क़ैदी हूँ। इसके बजाए मेरे साथ अल्लाह की क़ुव्वत से मदद लेकर उस की ख़ुशख़बरी की ख़ातिर दुख उठाएँ।


क्योंकि मैं इसी पैग़ाम की ख़ातिर क़ैदी, हाँ ज़ंजीरों में जकड़ा हुआ मसीह का एलची हूँ। दुआ करें कि मैं मसीह में उतनी दिलेरी से यह पैग़ाम सुनाऊँ जितना मुझे करना चाहिए।


चुनाँचे मैं जो ख़ुदावंद में क़ैदी हूँ आपको ताकीद करता हूँ कि उस ज़िंदगी के मुताबिक़ चलें जिसके लिए ख़ुदा ने आपको बुलाया है।


पौलुस पूरे दो साल अपने किराए के घर में रहा। जो भी उसके पास आया उसका उसने इस्तक़बाल करके


हमारे रोम में पहुँचने पर पौलुस को अपने किराए के मकान में रहने की इजाज़त मिली, गो एक फ़ौजी उस की पहरादारी करने के लिए उसके साथ रहा।


दो साल गुज़र गए तो फ़ेलिक्स की जगह पुरकियुस फ़ेस्तुस आ गया। ताहम उसने पौलुस को क़ैदख़ाने में छोड़ दिया, क्योंकि वह यहूदियों के साथ रिआयत बरतना चाहता था।


यों पतरस क़ैदख़ाने में रहा। लेकिन ईमानदारों की जमात लगातार उसके लिए दुआ करती रही।


पहले अल्लाह की बादशाही और उस की रास्तबाज़ी की तलाश में रहो। फिर यह तमाम चीज़ें भी तुमको मिल जाएँगी।


भूक के मारे हमारी जिल्द तनूर जैसी गरम होकर चुरमुर हो गई है।


ऐसा ही हुआ जिस तरह रब ने फ़रमाया था। मेरा चचाज़ाद भाई हनमेल शाही मुहाफ़िज़ों के सहन में आया और मुझसे कहा, ‘बिनयमीन के क़बीले के शहर अनतोत में मेरा खेत ख़रीद लें। यह खेत ख़रीदना आपका मौरूसी हक़ बल्कि फ़र्ज़ भी है ताकि ज़मीन हमारे ख़ानदान की मिलकियत रहे। आएँ, उसे ख़रीद लें!’ तब मैंने जान लिया कि यह वही बात है जो रब ने फ़रमाई थी।


बादशाह का दिल रब के हाथ में नहर की मानिंद है। वह जिधर चाहे उसका रुख़ फेर देता है।


अगर रब किसी इनसान की राहों से ख़ुश हो तो वह उसके दुश्मनों को भी उससे सुलह कराने देता है।


मुसीबत के वक़्त वह शर्मसार नहीं होंगे, काल भी पड़े तो सेर होंगे।


रब पर भरोसा रखकर भलाई कर, मुल्क में रहकर वफ़ादारी की परवरिश कर।


यरमियाह अब तक शाही मुहाफ़िज़ों के सहन में गिरिफ़्तार था कि रब एक बार फिर उससे हमकलाम हुआ,


तब उन्होंने यरमियाह को पकड़कर मलकियाह शाहज़ादा के हौज़ में डाल दिया। यह हौज़ शाही मुहाफ़िज़ों के सहन में था। रस्सों के ज़रीए उन्होंने यरमियाह को उतार दिया। हौज़ में पानी नहीं था बल्कि सिर्फ़ कीचड़, और यरमियाह कीचड़ में धँस गया।


तो उसने यरमियाह नबी की पिटाई करवाकर उसके पाँव काठ में ठोंक दिए। यह काठ रब के घर से मुलहिक़ शहर के ऊपरवाले दरवाज़े बनाम बिनयमीन में था।


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