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یرمیاہ 36:7 - किताबे-मुक़द्दस

7 शायद वह इल्तिजा करें कि रब उन पर रहम करे। शायद हर एक अपनी बुरी राह से बाज़ आकर वापस आए। क्योंकि जो ग़ज़ब इस क़ौम पर नाज़िल होनेवाला है और जिसका एलान रब कर चुका है वह बहुत सख़्त है।”

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

7 شاید وہ اَپنی مناجات یَاہوِہ کے حُضُور میں پیش کریں اَور ہر کویٔی اَپنی بُری روِشوں سے باز آئے کیونکہ جِس قہر اَور غضب کا یَاہوِہ نے اُن لوگوں کے خِلاف اعلان کیا ہے وہ نہایت شدید ہے۔“

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کِتابِ مُقادّس

7 شاید وہ خُداوند کے حضُور مِنّت کریں اور سب کے سب اپنی بُری روِش سے باز آئیں کیونکہ خُداوند کا قہر و غضب جِس کا اُس نے اِن لوگوں کے خِلاف اِعلان کِیا ہے شدِید ہے۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

7 شاید وہ التجا کریں کہ رب اُن پر رحم کرے۔ شاید ہر ایک اپنی بُری راہ سے باز آ کر واپس آئے۔ کیونکہ جو غضب اِس قوم پر نازل ہونے والا ہے اور جس کا اعلان رب کر چکا ہے وہ بہت سخت ہے۔“

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یرمیاہ 36:7
36 حوالہ جات  

शायद यहूदाह के घराने में हर एक अपनी बुरी राह से बाज़ आकर वापस आए अगर उस आफ़त की पूरी ख़बर उन तक पहुँचे जो मैं इस क़ौम पर नाज़िल करने को हूँ। फिर मैं उनकी बेदीनी और गुनाह को मुआफ़ करूँगा।”


फिर मैं अपने घर वापस जाकर उस वक़्त तक उनसे दूर रहूँगा जब तक वह अपना क़ुसूर तसलीम करके मेरे चेहरे को तलाश न करें। क्योंकि जब वह मुसीबत में फँस जाएंगे तब ही मुझे तलाश करेंगे।”


रब ने अपना पूरा ग़ज़ब सिय्यून पर नाज़िल किया, उसे अपने शदीद क़हर का निशाना बनाया। उसने यरूशलम में इतनी ज़बरदस्त आग लगाई कि वह बुनियादों तक भस्म हो गया।


मैं ख़ुद अपना हाथ बढ़ाकर बड़ी क़ुदरत से तुम्हारे साथ लड़ूँगा, मैं अपने ग़ुस्से और तैश का पूरा इज़हार करूँगा, मेरा सख़्त ग़ज़ब तुम पर नाज़िल होगा।


ऐ यहूदाह और यरूशलम के बाशिंदो, अपने आपको रब के लिए मख़सूस करके अपना ख़तना कराओ यानी अपने दिलों का ख़तना कराओ, वरना मेरा क़हर तुम्हारे ग़लत कामों के बाइस कभी न बुझनेवाली आग की तरह तुझ पर नाज़िल होगा।


क्योंकि मेरी क़ौम ने मुझे तर्क करके दीगर माबूदों को क़ुरबानियाँ पेश की हैं और अपने हाथों से बुत बनाकर मुझे तैश दिलाया है। मेरा ग़ज़ब इस मक़ाम पर नाज़िल हो जाएगा और कभी ख़त्म नहीं होगा।’


“जाकर मेरी और क़ौम बल्कि तमाम यहूदाह की ख़ातिर रब से इस किताब में दर्ज बातों के बारे में दरियाफ़्त करें। रब का जो ग़ज़ब हम पर नाज़िल होनेवाला है वह निहायत सख़्त है, क्योंकि हमारे बापदादा न किताब के फ़रमानों के ताबे रहे, न उन हिदायात के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारी है जो उसमें हमारे लिए दर्ज की गई हैं।”


अपने बापदादा की मानिंद न हो जिन्होंने न मेरी सुनी, न मेरी तरफ़ तवज्जुह दी, गो मैंने उस वक़्त के नबियों की मारिफ़त उन्हें आगाह किया था कि अपनी बुरी राहों और शरीर हरकतों से बाज़ आओ।


लाज़िम है कि सब लोग जानवरों समेत टाट ओढ़ लें। हर एक पूरे ज़ोर से अल्लाह से इल्तिजा करे, हर एक अपनी बुरी राहों और अपने ज़ुल्मो-तशद्दुद से बाज़ आए।


मूसा की शरीअत में मज़कूर हर वह लानत हम पर नाज़िल हुई जो नाफ़रमानों पर भेजी गई है। तो भी न हमने अपने गुनाहों को छोड़ा, न तेरी सच्चाई पर ध्यान दिया, हालाँकि इससे हम रब अपने ख़ुदा का ग़ज़ब ठंडा कर सकते थे।


भट्टी में फेंक दूँगा। जिस तरह चाँदी, ताँबे, लोहे, सीसे और टीन की आमेज़िश को तपती भट्टी में फेंका जाता है ताकि पिघल जाए उसी तरह मैं तुम्हें ग़ुस्से में इकट्ठा करूँगा और भट्टी में फेंककर पिघला दूँगा।


रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि मेरी हयात की क़सम, मैं बड़े ग़ुस्से और ज़ोरदार तरीक़े से अपनी क़ुदरत का इज़हार करके तुम पर हुकूमत करूँगा।


रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि मैं तैश में आकर दीवार पर ज़बरदस्त आँधी आने दूँगा, ग़ुस्से में उस पर मूसलाधार बारिश और मोहलक ओले बरसा दूँगा।


चुनाँचे मैं अपना ग़ज़ब उन पर नाज़िल करूँगा। न मैं उन पर तरस खाऊँगा, न रहम करूँगा। ख़ाह वह मदद के लिए कितने ज़ोर से क्यों न चीख़ें मैं उनकी नहीं सुनूँगा।”


यों मेरा क़हर ठंडा हो जाएगा और मैं इंतक़ाम लेकर अपना ग़ुस्सा उतारूँगा। तब वह जान लेंगे कि मैं, रब ग़ैरत में उनसे हमकलाम हुआ हूँ।


शायद वह सुनें और हर एक अपनी बुरी राह से बाज़ आ जाए। इस सूरत में मैं पछताकर उन पर वह सज़ा नाज़िल नहीं करूँगा जिसका मनसूबा मैंने उनके बुरे आमाल देखकर बाँध लिया है।


गो मेरे ख़ादिम तुम्हें बार बार आगाह करते रहे, ‘तौबा करो! हर एक अपनी ग़लत राहों और बुरी हरकतों से बाज़ आकर वापस आए। फिर तुम हमेशा तक उस मुल्क में रहोगे जो रब ने तुम्हें और तुम्हारे बापदादा को अता किया था।


“रब्बुल-अफ़वाज जो इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है कि सुनो! मैं इस शहर और यहूदाह के दीगर शहरों पर वह तमाम मुसीबत लाने को हूँ जिसका एलान मैंने किया है। क्योंकि तुम अड़ गए हो और मेरी बातें सुनने के लिए तैयार ही नहीं।”


जब तू इस क़ौम को यह सब कुछ बताएगा तो लोग पूछेंगे, ‘रब इतनी बड़ी आफ़त हम पर लाने पर क्यों तुला हुआ है? हमसे क्या जुर्म हुआ है? हमने रब अपने ख़ुदा का क्या गुनाह किया है?’


और यरमियाह को यह पैग़ामात यहूयक़ीम बिन यूसियाह के दौरे-हुकूमत से लेकर सिदक़ियाह बिन यूसियाह की हुकूमत के 11वें साल के पाँचवें महीने तक मिलते रहे। उस वक़्त यरूशलम के बाशिंदों को जिलावतन कर दिया गया।


“जाकर मेरी और इसराईल और यहूदाह के बचे हुए अफ़राद की ख़ातिर रब से इस किताब में दर्ज बातों के बारे में दरियाफ़्त करें। रब का जो ग़ज़ब हम पर नाज़िल होनेवाला है वह निहायत सख़्त है, क्योंकि हमारे बापदादा न रब के फ़रमान के ताबे रहे, न उन हिदायात के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारी है जो किताब में दर्ज की गई हैं।”


फिर मेरा ग़ज़ब उन पर भड़केगा। मैं उन्हें छोड़कर अपना चेहरा उनसे छुपा लूँगा। तब उन्हें कच्चा चबा लिया जाएगा और बहुत सारी हैबतनाक मुसीबतें उन पर आएँगी। उस वक़्त वह कहेंगे, ‘क्या यह मुसीबतें इस वजह से हम पर नहीं आईं कि रब हमारे साथ नहीं है?’


उसने मूसा से कहा, “तू जल्द ही मरकर अपने बापदादा से जा मिलेगा। लेकिन यह क़ौम मुल्क में दाख़िल होने पर ज़िना करके उसके अजनबी देवताओं की पैरवी करने लग जाएगी। वह मुझे तर्क करके वह अहद तोड़ देगी जो मैंने उनके साथ बाँधा है।


ऐ मेरे मालिक और बादशाह, मेहरबानी करके मेरी बात सुनें, मेरी गुज़ारिश पूरी करें! मुझे यूनतन मुहर्रिर के घर में वापस न भेजें, वरना मैं मर जाऊँगा।”


यरमियाह नबी के पास आए और कहने लगे, “हमारी मिन्नत क़बूल करें और रब अपने ख़ुदा से हमारे लिए दुआ करें। आप ख़ुद देख सकते हैं कि गो हम पहले मुतअद्दिद लोग थे, लेकिन अब थोड़े ही रह गए हैं।


ऐ आदमज़ाद, अब अपना सामान यों लपेट ले जिस तरह तुझे जिलावतन किया जा रहा हो। फिर दिन के वक़्त और उनके देखते देखते घर से रवाना होकर किसी और जगह चला जा। शायद उन्हें समझ आए कि उन्हें जिलावतन होना है, हालाँकि यह क़ौम सरकश है।


ऐ मेरे ख़ुदा, कान लगाकर मेरी सुन! अपनी आँखें खोल! उस शहर के खंडरात पर नज़र कर जिस पर तेरे ही नाम का ठप्पा लगा है। हम इसलिए तुझसे इल्तिजाएँ नहीं कर रहे कि हम रास्तबाज़ हैं बल्कि इसलिए कि तू निहायत मेहरबान है।


रब फ़रमाता है, “अब भी तुम तौबा कर सकते हो। पूरे दिल से मेरे पास वापस आओ! रोज़ा रखो, आहो-ज़ारी करो, मातम करो!


रंजिश का इज़हार करने के लिए अपने कपड़ों को मत फाड़ो बल्कि अपने दिल को।” रब अपने ख़ुदा के पास वापस आओ, क्योंकि वह मेहरबान और रहीम है। वह तहम्मुल और शफ़क़त से भरपूर है और जल्द ही सज़ा देने से पछताता है।


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