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یرمیاہ 31:34 - किताबे-मुक़द्दस

34 उस वक़्त से इसकी ज़रूरत नहीं रहेगी कि कोई अपने पड़ोसी या भाई को तालीम देकर कहे, ‘रब को जान लो।’ क्योंकि छोटे से लेकर बड़े तक सब मुझे जानेंगे। क्योंकि मैं उनका क़ुसूर मुआफ़ करूँगा और आइंदा उनके गुनाहों को याद नहीं करूँगा।” यह रब का फ़रमान है।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

34 اَور ہر شخص اَپنے ہمسایہ کو یا اَپنے بھایٔی کو یہ تعلیم نہ دے گا، ’تُم یَاہوِہ کو پہچانو،‘ کیونکہ وہ سَب مُجھے نزدیکی سے جان لیں گے، چُھوٹے سے لے کر بڑے تک،“ یہ یَاہوِہ کا فرمان ہے ”اِس لیٔے کہ مَیں اُن کی بدکاریوں کو مُعاف کر دُوں گا، اَور اُن کے گُناہوں کو پھر کبھی یاد نہ کروں گا۔“

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کِتابِ مُقادّس

34 اور وہ پِھر اپنے اپنے پڑوسی اور اپنے اپنے بھائی کو یہ کہہ کر تعلِیم نہیں دیں گے کہ خُداوند کو پہچانو کیونکہ چھوٹے سے بڑے تک وہ سب مُجھے جانیں گے خُداوند فرماتا ہے اِس لِئے کہ مَیں اُن کی بدکرداری کو بخش دُوں گا اور اُن کے گُناہ کو یاد نہ کرُوں گا۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

34 اُس وقت سے اِس کی ضرورت نہیں رہے گی کہ کوئی اپنے پڑوسی یا بھائی کو تعلیم دے کر کہے، ’رب کو جان لو۔‘ کیونکہ چھوٹے سے لے کر بڑے تک سب مجھے جانیں گے۔ کیونکہ مَیں اُن کا قصور معاف کروں گا اور آئندہ اُن کے گناہوں کو یاد نہیں کروں گا۔“ یہ رب کا فرمان ہے۔

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یرمیاہ 31:34
42 حوالہ جات  

ताहम मैं, हाँ मैं ही अपनी ख़ातिर तेरे जरायम को मिटा देता और तेरे गुनाहों को ज़हन से निकाल देता हूँ।


क्योंकि मैं उनका क़ुसूर मुआफ़ करूँगा और आइंदा उनके गुनाहों को याद नहीं करूँगा।”


लेकिन आपको उससे रूह का मसह मिल गया है। वह आपके अंदर बसता है, इसलिए आपको इसकी ज़रूरत ही नहीं कि कोई आपको तालीम दे। क्योंकि मसीह का रूह आपको सब बातों के बारे में तालीम देता है और जो कुछ भी वह सिखाता है वह सच है, झूट नहीं। चुनाँचे जिस तरह उसने आपको तालीम दी है, उसी तरह मसीह में रहें।


तेरे तमाम फ़रज़ंद रब से तालीम पाएँगे, और तेरी औलाद की सलामती अज़ीम होगी।


मैं उन्हें उनकी तमाम बेदीनी से पाक-साफ़ करके उनकी तमाम सरकशी और तमाम गुनाहों को मुआफ़ कर दूँगा।


रब फ़रमाता है, “उन दिनों में जो इसराईल का क़ुसूर ढूँड निकालने की कोशिश करे उसे कुछ नहीं मिलेगा। यही यहूदाह की हालत भी होगी। उसके गुनाह पाए नहीं जाएंगे, क्योंकि जिन लोगों को मैं ज़िंदा छोड़ूँगा उन्हें मैं मुआफ़ कर दूँगा।”


नबियों के सहीफ़ों में लिखा है, ‘सब अल्लाह से तालीम पाएँगे।’ जो भी अल्लाह की सुनकर उससे सीखता है वह मेरे पास आ जाता है।


लेकिन आप फ़रक़ हैं। आपको उससे जो क़ुद्दूस है रूह का मसह मिल गया है, और आप पूरी सच्चाई को जानते हैं।


और अबदी ज़िंदगी यह है कि वह तुझे जान लें जो वाहिद और सच्चा ख़ुदा है और ईसा मसीह को भी जान लें जिसे तूने भेजा है।


ऐ रब, तुझ जैसा ख़ुदा कहाँ है? तू ही गुनाहों को मुआफ़ कर देता, तू ही अपनी मीरास के बचे हुओं के जरायम से दरगुज़र करता है। तू हमेशा तक ग़ुस्से नहीं रहता बल्कि शफ़क़त पसंद करता है।


मैं उन्हें समझदार दिल अता करूँगा ताकि वह मुझे जान लें, वह पहचान लें कि मैं रब हूँ। तब वह मेरी क़ौम होंगे और मैं उनका ख़ुदा हूँगा, क्योंकि वह पूरे दिल से मेरे पास वापस आएँगे।


हम जानते हैं कि अल्लाह का फ़रज़ंद आ गया है और हमें समझ अता की है ताकि हम उसे जान लें जो हक़ीक़ी है। और हम उसमें हैं जो हक़ीक़ी है यानी उसके फ़रज़ंद ईसा मसीह में। वही हक़ीक़ी ख़ुदा और अबदी ज़िंदगी है।


तमाम नबी उस की गवाही देते हैं कि जो भी उस पर ईमान लाए उसे उसके नाम के वसीले से गुनाहों की मुआफ़ी मिल जाएगी।”


क्योंकि जिस तरह समुंदर पानी से भरा हुआ है, उसी तरह दुनिया एक दिन रब के जलाल के इरफ़ान से भर जाएगी।


मैंने तेरे जरायम और गुनाहों को मिटा डाला है, वह धूप में धुंध या तेज़ हवा से बिखरे बादलों की तरह ओझल हो गए हैं। अब मेरे पास वापस आ, क्योंकि मैंने एवज़ाना देकर तुझे छुड़ाया है।”


असल में इतना वक़्त गुज़र गया है कि अब आपको ख़ुद उस्ताद होना चाहिए। अफ़सोस कि ऐसा नहीं है बल्कि आपको इसकी ज़रूरत है कि कोई आपके पास आकर आपको अल्लाह के कलाम की बुनियादी सच्चाइयाँ दुबारा सिखाए। आप अब तक ठोस खाना नहीं खा सकते बल्कि आपको दूध की ज़रूरत है।


यह लिखने की ज़रूरत नहीं कि आप दूसरे ईमानदारों से मुहब्बत रखें। अल्लाह ने ख़ुद आपको एक दूसरे से मुहब्बत रखना सिखाया है।


क्योंकि उसने मसीह के ख़ून से हमारा फ़िद्या देकर हमें आज़ाद और हमारे गुनाहों को मुआफ़ कर दिया है। अल्लाह का यह फ़ज़ल कितना वसी है


क्योंकि जिस ख़ुदा ने फ़रमाया, “अंधेरे में से रौशनी चमके,” उसने हमारे दिलों में अपनी रौशनी चमकने दी ताकि हम अल्लाह का वह जलाल जान लें जो ईसा मसीह के चेहरे से चमकता है।


मेरे तमाम मुक़द्दस पहाड़ पर न ग़लत और न तबाहकुन काम किया जाएगा। क्योंकि मुल्क रब के इरफ़ान से यों मामूर होगा जिस तरह समुंदर पानी से भरा रहता है।


जिसे आप कुछ मुआफ़ करते हैं उसे मैं भी मुआफ़ करता हूँ। और जो कुछ मैंने मुआफ़ किया, अगर मुझे कुछ मुआफ़ करने की ज़रूरत थी, वह मैंने आपकी ख़ातिर मसीह के हुज़ूर मुआफ़ किया है


मेरे बाप ने सब कुछ मेरे सुपुर्द कर दिया है। कोई भी फ़रज़ंद को नहीं जानता सिवाए बाप के। और कोई बाप को नहीं जानता सिवाए फ़रज़ंद के और उन लोगों के जिन पर फ़रज़ंद बाप को ज़ाहिर करना चाहता है।


सिय्यून का कोई भी फ़रद नहीं कहेगा, “मैं कमज़ोर हूँ,” क्योंकि उसके बाशिंदों के गुनाह बख़्शे गए होंगे।


चाँद सूरज की मानिंद चमकेगा जबकि सूरज की रौशनी सात गुना ज़्यादा तेज़ होगी। एक दिन की रौशनी सात आम दिनों की रौशनी के बराबर होगी। उस दिन रब अपनी क़ौम के ज़ख़मों पर मरहम-पट्टी करके उसे शफ़ा देगा।


ऐ सुलेमान मेरे बेटे, अपने बाप के ख़ुदा को तसलीम करके पूरे दिलो-जान और ख़ुशी से उस की ख़िदमत करें। क्योंकि रब तमाम दिलों की तहक़ीक़ कर लेता है, और वह हमारे ख़यालों के तमाम मनसूबों से वाक़िफ़ है। उसके तालिब रहें तो आप उसे पा लेंगे। लेकिन अगर आप उसे तर्क करें तो वह आपको हमेशा के लिए रद्द कर देगा।


लेकिन एली के बेटे बदमाश थे। न वह रब को जानते थे,


मैंने तेरा नाम उन लोगों पर ज़ाहिर किया जिन्हें तूने दुनिया से अलग करके मुझे दिया है। वह तेरे ही थे। तूने उन्हें मुझे दिया और उन्होंने तेरे कलाम के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारी है।


तू उस की क़ौम को नजात का रास्ता दिखाएगा, कि वह किस तरह अपने गुनाहों की मुआफ़ी पाएगी।


उस वक़्त से इसकी ज़रूरत नहीं रहेगी कि कोई अपने पड़ोसी या भाई को तालीम देकर कहे, ‘रब को जान लो।’ क्योंकि छोटे से लेकर बड़े तक सब मुझे जानेंगे,


यक़ीनन यह तलख़ तजरबा मेरी बरकत का बाइस बन गया। तेरी मुहब्बत ने मेरी जान को क़ब्र से महफ़ूज़ रखा, तूने मेरे तमाम गुनाहों को अपनी पीठ के पीछे फेंक दिया है।


मैं उनके साथ अबदी अहद बाँधकर वादा करूँगा कि उन पर शफ़क़त करने से बाज़ नहीं आऊँगा। साथ साथ मैं अपना ख़ौफ़ उनके दिलों में डाल दूँगा ताकि वह मुझसे दूर न हो जाएँ।


हाँ, जो रिश्ता मैं तेरे साथ बाँधूँगा उस की बुनियाद वफ़ादारी होगी। तब तू रब को जान लेगी।”


ऐ रब, मेरी जवानी के गुनाहों और मेरी बेवफ़ा हरकतों को याद न कर बल्कि अपनी भलाई की ख़ातिर और अपनी शफ़क़त के मुताबिक़ मेरा ख़याल रख।


उस वक़्त जिनकी रूह आवारा है वह समझ हासिल करेंगे, और बुड़बुड़ानेवाले तालीम क़बूल करेंगे।”


उन दिनों में वह तेरी हिफ़ाज़त की ज़मानत होगा। तुझे नजात, हिकमत और दानाई का ज़ख़ीरा हासिल होगा, और रब का ख़ौफ़ तेरा ख़ज़ाना होगा।


चुनाँचे मेरी क़ौम मेरे नाम को जान लेगी, उस दिन वह पहचान लेगी कि मैं ही वही हूँ जो फ़रमाता है, ‘मैं हाज़िर हूँ’!”


रब फ़रमाता है, “न दानिशमंद अपनी हिकमत पर फ़ख़र करे, न ज़ोरावर अपने ज़ोर पर या अमीर अपनी दौलत पर।


तू दुबारा हम पर रहम करेगा, दुबारा हमारे गुनाहों को पाँवों तले कुचलकर समुंदर की गहराइयों में फेंक देगा।


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