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یرمیاہ 26:5 - किताबे-मुक़द्दस

5 नीज़, नबियों के पैग़ामात पर ध्यान दो। अफ़सोस, गो मैं अपने ख़ादिमों को बार बार तुम्हारे पास भेजता रहा तो भी तुमने उनकी न सुनी।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

5 اَور میرے خادِموں یعنی نبیوں کی باتوں پر کان نہ لگاؤگے، جنہیں میں بار بار تمہارے پاس بھیجتا رہا ہُوں جِن کی تُم نہیں سُنتے ہو،

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کِتابِ مُقادّس

5 اور میرے خِدمت گُذار نبِیوں کی باتیں سُنو جِن کو مَیں نے تُمہارے پاس بھیجا۔ مَیں نے اُن کو بر وقت بھیجا پر تُم نے نہ سُنا۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

5 نیز، نبیوں کے پیغامات پر دھیان دو۔ افسوس، گو مَیں اپنے خادموں کو بار بار تمہارے پاس بھیجتا رہا توبھی تم نے اُن کی نہ سنی۔

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یرمیاہ 26:5
20 حوالہ جات  

तुम्हारे बापदादा को मिसर से निकालते वक़्त मैंने उन्हें आगाह किया कि मेरी सुनो। आज तक मैं बार बार यही बात दोहराता रहा,


जब से तुम्हारे बापदादा मिसर से निकल आए आज तक मैं रोज़ बरोज़ और बार बार अपने ख़ादिमों यानी नबियों को तुम्हारे पास भेजता रहा।


रब फ़रमाता है, “तुम यह शरीर हरकतें करते रहे, और मैं बार बार तुमसे हमकलाम होता रहा, लेकिन तुमने मेरी न सुनी। मैं तुम्हें बुलाता रहा, लेकिन तुम जवाब देने के लिए तैयार न हुए।


जो तूने अपने ख़ादिमों यानी नबियों की मारिफ़त दिए थे। तूने फ़रमाया, ‘जिस मुल्क में तुम दाख़िल हो रहे हो ताकि उस पर क़ब्ज़ा करो वह उसमें रहनेवाली क़ौमों के घिनौने रस्मो-रिवाज के सबब से नापाक है। मुल्क एक सिरे से दूसरे सिरे तक उनकी नापाकी से भर गया है।


तुझे अपने मालिक अख़ियब के पूरे ख़ानदान को हलाक करना है। यों मैं उन नबियों का इंतक़ाम लूँगा जो मेरी ख़िदमत करते हुए शहीद हो गए हैं। हाँ, मैं रब के उन तमाम ख़ादिमों का बदला लूँगा जिन्हें ईज़बिल ने क़त्ल किया है।


क़ौमें ग़ुस्से में आईं तो तेरा ग़ज़ब नाज़िल हुआ। अब मुरदों की अदालत करने और अपने ख़ादिमों को अज्र देने का वक़्त आ गया है। हाँ, तेरे नबियों, मुक़द्दसीन और तेरा ख़ौफ़ माननेवालों को अज्र मिलेगा, ख़ाह वह छोटे हों या बड़े। अब वह वक़्त भी आ गया है कि ज़मीन को तबाह करनेवालों को तबाह किया जाए।”


जब सातवाँ फ़रिश्ता अपने तुरम में फूँक मारने को होगा तब अल्लाह का भेद जो उसने अपने नबुव्वत करनेवाले ख़ादिमों को बताया था तकमील तक पहुँचेगा।”


लेकिन तुम्हारे बापदादा के बारे में जितनी भी बातें और फ़ैसले मैंने अपने ख़ादिमों यानी नबियों की मारिफ़त फ़रमाए वह सब पूरे हुए। तब उन्होंने तौबा करके इक़रार किया, ‘रब्बुल-अफ़वाज ने हमारी बुरी राहों और हरकतों के सबब से वह कुछ किया है जो उसने करने को कहा था’।”


यक़ीनन जो भी मनसूबा रब क़ादिरे-मुतलक़ बाँधे उस पर अमल करने से पहले वह उसे अपने ख़ादिमों यानी नबियों पर ज़ाहिर करता है।


रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि तू वही है जिसका ज़िक्र मैंने माज़ी में किया था। क्योंकि माज़ी में मेरे ख़ादिम यानी इसराईल के नबी काफ़ी सालों से पेशगोई करते रहे कि मैं तुझे इसराईल के ख़िलाफ़ भेजूँगा।


तब रब ने बाबल, शाम, मोआब और अम्मोन से डाकुओं के जत्थे भेज दिए ताकि उसे तबाह करें। वैसा ही हुआ जिस तरह रब ने अपने ख़ादिमों यानी नबियों की मारिफ़त फ़रमाया था।


यही वजह है कि जो कुछ रब ने अपने ख़ादिमों यानी नबियों की मारिफ़त फ़रमाया था वह पूरा हुआ। उसने उन्हें अपने हुज़ूर से ख़ारिज कर दिया, और दुश्मन उन्हें क़ैदी बनाकर असूर ले गया जहाँ वह आज तक ज़िंदगी गुज़ारते हैं।


बार बार रब ने अपने नबियों और ग़ैबबीनों को इसराईल और यहूदाह के पास भेजा था ताकि उन्हें आगाह करें, “अपनी शरीर राहों से बाज़ आओ। मेरे अहकाम और क़वायद के ताबे रहो। उस पूरी शरीअत की पैरवी करो जो मैंने तुम्हारे बापदादा को अपने ख़ादिमों यानी नबियों के वसीले से दे दी थी।”


क्यों? इसलिए कि उन्होंने मेरी न सुनी, गो मैं अपने ख़ादिमों यानी नबियों के ज़रीए बार बार उन्हें पैग़ामात भेजता रहा। लेकिन तुमने भी मेरी न सुनी।’ यह रब का फ़रमान है।


उन्होंने अपना मुँह मुझसे फेरकर मेरी तरफ़ रुजू करने से इनकार किया है। गो मैं उन्हें बार बार तालीम देता रहा तो भी वह सुनने या मेरी तरबियत क़बूल करने के लिए तैयार नहीं थे।


बार बार मैं अपने नबियों को तुम्हारे पास भेजता रहा ताकि मेरे ख़ादिम तुम्हें आगाह करते रहें कि हर एक अपनी बुरी राह तर्क करके वापस आए! अपना चाल-चलन दुरुस्त करो और अजनबी माबूदों की पैरवी करके उनकी ख़िदमत मत करो! फिर तुम उस मुल्क में रहोगे जो मैंने तुम्हें और तुम्हारे बापदादा को बख़्श दिया था। लेकिन तुमने न तवज्जुह दी, न मेरी सुनी।


इसलिए रब जो लशकरों का और इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है, ‘सुनो! मैं यहूदाह पर और यरूशलम के हर बाशिंदे पर वह तमाम आफ़त नाज़िल करूँगा जिसका एलान मैंने किया है। गो मैं उनसे हमकलाम हुआ तो भी उन्होंने न सुनी। मैंने उन्हें बुलाया, लेकिन उन्होंने जवाब न दिया’।”


बार बार मैं नबियों को उनके पास भेजता रहा, और बार बार मेरे ख़ादिम कहते रहे कि ऐसी घिनौनी हरकतें मत करना, क्योंकि मुझे इनसे नफ़रत है!


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