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یرمیاہ 26:19 - किताबे-मुक़द्दस

19 क्या यहूदाह के बादशाह हिज़क़ियाह या यहूदाह के किसी और शख़्स ने मीकाह को सज़ाए-मौत दी? हरगिज़ नहीं, बल्कि हिज़क़ियाह ने रब का ख़ौफ़ मानकर उसका ग़ुस्सा ठंडा करने की कोशिश की। नतीजे में रब ने पछताकर वह सज़ा उन पर नाज़िल न की जिसका एलान वह कर चुका था। सुनें, अगर हम यरमियाह को सज़ाए-मौत दें तो अपने आप पर सख़्त सज़ा लाएँगे।”

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

19 ”کیا شاہِ یہُودیؔہ حِزقیاہؔ یا تمام یہُودیؔہ نے اُسے قتل کیا؟ کیا حِزقیاہؔ یَاہوِہ سے نہ ڈرا اَور اُس سے مِنّت نہ کی؟ اَور کیا یَاہوِہ نے رحم کرکے جِس عذاب کا اُن کے خِلاف اعلان کیا تھا اُسے ٹال نہ دیا؟ چنانچہ اِس شخص کو قتل کرکے ہم خُود پر ایک خطرناک عذاب لانے کو ہیں!“

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کِتابِ مُقادّس

19 کیا شاہِ یہُوداؔہ حِزقِیّاہ اور تمام یہُوداؔہ نے اُس کو قتل کِیا؟ کیا وہ خُداوند سے نہ ڈرا اور خُداوند سے مُناجات نہ کی اور خُداوند نے اُس عذاب کو جِس کا اُن کے خِلاف اِعلان کِیا تھا باز نہ رکھّا؟ پس یُوں ہم اپنی جانوں پر بڑی آفت لائیں گے۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

19 کیا یہوداہ کے بادشاہ حِزقیاہ یا یہوداہ کے کسی اَور شخص نے میکاہ کو سزائے موت دی؟ ہرگز نہیں، بلکہ حِزقیاہ نے رب کا خوف مان کر اُس کا غصہ ٹھنڈا کرنے کی کوشش کی۔ نتیجے میں رب نے پچھتا کر وہ سزا اُن پر نازل نہ کی جس کا اعلان وہ کر چکا تھا۔ سنیں، اگر ہم یرمیاہ کو سزائے موت دیں تو اپنے آپ پر سخت سزا لائیں گے۔“

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یرمیاہ 26:19
26 حوالہ جات  

लेकिन जब वबा का फ़रिश्ता चलते चलते यरूशलम तक पहुँच गया और उस पर हाथ उठाने लगा तो रब ने लोगों की मुसीबत को देखकर तरस खाया और तबाह करनेवाले फ़रिश्ते को हुक्म दिया, “बस कर! अब बाज़ आ।” उस वक़्त रब का फ़रिश्ता वहाँ खड़ा था जहाँ अरौनाह यबूसी अपना अनाज गाहता था।


मूसा के कहने पर रब ने वह नहीं किया जिसका एलान उसने कर दिया था बल्कि वह अपनी क़ौम से बुरा सुलूक करने से बाज़ रहा।


लेकिन अगर यह अल्लाह की तरफ़ से है तो आप इन्हें ख़त्म नहीं कर सकेंगे। ऐसा न हो कि आख़िरकार आप अल्लाह ही के ख़िलाफ़ लड़ रहे हों।” हाज़िरीन ने उस की बात मान ली।


लेकिन शायद रब आपके ख़ुदा ने रबशाक़ी की वह बातें सुनी हों जो उसके आक़ा असूर के बादशाह ने ज़िंदा ख़ुदा की तौहीन में भेजी हैं। हो सकता है रब आपका ख़ुदा उस की बातें सुनकर उसे सज़ा दे। बराहे-करम हमारे लिए जो अब तक बचे हुए हैं दुआ करें।”


यह बातें सुनकर हिज़क़ियाह ने अपने कपड़े फाड़े और टाट का मातमी लिबास पहनकर रब के घर में गया।


चूँकि उन्होंने तेरे मुक़द्दसीन और नबियों की ख़ूनरेज़ी की है, इसलिए तूने उन्हें वह कुछ दे दिया जिसके लायक़ वह हैं। तूने उन्हें ख़ून पिला दिया।”


नतीजे में तुम तमाम रास्तबाज़ों के क़त्ल के ज़िम्मादार ठहरोगे—रास्तबाज़ हाबील के क़त्ल से लेकर ज़करियाह बिन बरकियाह के क़त्ल तक जिसे तुमने बैतुल-मुक़द्दस के दरवाज़े और उसके सहन में मौजूद क़ुरबानगाह के दरमियान मार डाला।


तेरे मनसूबों से मुतअद्दिद क़ौमें तबाह हुई हैं, लेकिन यह तेरे ही घराने के लिए शर्म का बाइस बन गया है। इस गुनाह से तू अपने आप पर मौत की सज़ा लाया है।


अब रब्बुल-अफ़वाज जो इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है, ‘तुम अपना सत्यानास क्यों कर रहे हो? ऐसे क़दम उठाने से तुम यहूदाह से आए हुए मर्दों और औरतों को बच्चों और शीरख़ारों समेत हलाकत की तरफ़ ला रहे हो। इस सूरत में एक भी नहीं बचेगा।


लेकिन एक बात जान लें। अगर आप मुझे सज़ाए-मौत दें तो आप बेक़ुसूर के क़ातिल ठहरेंगे। आप और यह शहर उसके तमाम बाशिंदों समेत क़ुसूरवार ठहरेंगे। क्योंकि रब ही ने मुझे आपके पास भेजा ताकि आपके सामने ही यह बातें करूँ।”


शायद वह सुनें और हर एक अपनी बुरी राह से बाज़ आ जाए। इस सूरत में मैं पछताकर उन पर वह सज़ा नाज़िल नहीं करूँगा जिसका मनसूबा मैंने उनके बुरे आमाल देखकर बाँध लिया है।


क्योंकि देख, रब अपनी सुकूनतगाह से निकलने को है ताकि दुनिया के बाशिंदों को सज़ा दे। तब ज़मीन अपने आप पर बहाया हुआ ख़ून फ़ाश करेगी और अपने मक़तूलों को मज़ीद छुपाए नहीं रखेगी।


“जाकर मेरी और इसराईल और यहूदाह के बचे हुए अफ़राद की ख़ातिर रब से इस किताब में दर्ज बातों के बारे में दरियाफ़्त करें। रब का जो ग़ज़ब हम पर नाज़िल होनेवाला है वह निहायत सख़्त है, क्योंकि हमारे बापदादा न रब के फ़रमान के ताबे रहे, न उन हिदायात के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारी है जो किताब में दर्ज की गई हैं।”


फिर हिज़क़ियाह बादशाह और आमूस के बेटे यसायाह नबी ने चिल्लाते हुए आसमान पर तख़्तनशीन ख़ुदा से इलतमास की।


लोग उन आदमियों के यह बख़ूरदान ले लें जो अपने गुनाह के बाइस जान-बहक़ हो गए। वह उन्हें कूटकर उनसे चादरें बनाएँ और उन्हें जलनेवाली क़ुरबानियों की क़ुरबानगाह पर चढ़ाएँ। क्योंकि वह रब को पेश किए गए हैं, इसलिए वह मख़सूसो-मुक़द्दस हैं। यों वह इसराईलियों के लिए एक निशान रहेंगे।”


तब रब पछताया और फ़रमाया, “जो कुछ तूने देखा वह पेश नहीं आएगा।”


उस वक़्त बैतेल शहर ने सराज़र और रजम-मलिक को उसके आदमियों समेत यरूशलम भेजा था ताकि रब से इलतमास करें।


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