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یرمیاہ 22:3 - किताबे-मुक़द्दस

3 रब फ़रमाता है कि इनसाफ़ और रास्ती क़ायम रखो। जिसे लूट लिया गया है उसे ज़ालिम के हाथ से छुड़ाओ। परदेसी, यतीम और बेवा को मत दबाना, न उनसे ज़्यादती करना, और इस जगह बेक़ुसूर लोगों की ख़ूनरेज़ी मत करना।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

3 یَاہوِہ فرماتے ہیں، اِنصاف اَور راستبازی کے کام کرو۔ مظلوم کو ظالِم کے ہاتھ سے چھُڑاؤ، اَور پردیسی، یتیم اَور بِیوہ کے ساتھ بدسلُوکی اَور ظُلم نہ کرو، اَور اِس جگہ بےگُناہ کا خُون نہ بہاؤ۔

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کِتابِ مُقادّس

3 خُداوند یُوں فرماتا ہے کہ عدالت اور صداقت کے کام کرو اور مظلُوم کو ظالِم کے ہاتھ سے چُھڑاؤ اور کِسی سے بدسلُوکی نہ کرو اور مُسافِر و یتِیم اور بیوہ پر ظُلم نہ کرو اِس جگہ بے گُناہ کا خُون نہ بہاؤ۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

3 رب فرماتا ہے کہ انصاف اور راستی قائم رکھو۔ جسے لُوٹ لیا گیا ہے اُسے ظالم کے ہاتھ سے چھڑاؤ۔ پردیسی، یتیم اور بیوہ کو مت دبانا، نہ اُن سے زیادتی کرنا، اور اِس جگہ بےقصور لوگوں کی خوں ریزی مت کرنا۔

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یرمیاہ 22:3
49 حوالہ جات  

ऐ दाऊद के घराने, रब फ़रमाता है कि हर सुबह लोगों का इनसाफ़ करो। जिसे लूट लिया गया हो उसे ज़ालिम के हाथ से बचाओ! ऐसा न हो कि मेरा ग़ज़ब तुम्हारी शरीर हरकतों की वजह से तुम पर नाज़िल होकर आग की तरह भड़क उठे और कोई न हो जो उसे बुझा सके।


ऐ इनसान, उसने तुझे साफ़ बताया है कि क्या कुछ अच्छा है। रब तुझसे चाहता है कि तू इनसाफ़ क़ायम रखे, मेहरबानी करने में लगा रहे और फ़रोतनी से अपने ख़ुदा के हुज़ूर चलता रहे।


लेकिन तू फ़रक़ है। तेरी आँखें और दिल नाजायज़ नफ़ा कमाने पर तुले रहते हैं। न तू बेक़ुसूर को क़त्ल करने से, न ज़ुल्म करने या जबरन कुछ लेने से झिजकता है।”


ख़ुदा बाप की नज़र में दीनदारी का पाक और बेदाग़ इज़हार यह है, यतीमों और बेवाओं की देख-भाल करना जब वह मुसीबत में हों और अपने आपको दुनिया की आलूदगी से बचाए रखना।


तेरे बाशिंदे अपने माँ-बाप को हक़ीर जानते हैं। वह परदेसी पर सख़्ती करके यतीमों और बेवाओं पर ज़ुल्म करते हैं।


रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, “मैं तुम्हारी अदालत करने के लिए तुम्हारे पास आऊँगा। जल्द ही मैं उनके ख़िलाफ़ गवाही दूँगा जो मेरा ख़ौफ़ नहीं मानते, जो जादूगर और ज़िनाकार हैं, जो झूटी क़सम खाते, मज़दूरों का हक़ मारते, बेवाओं और यतीमों पर ज़ुल्म करते और अजनबियों का हक़ मारते हैं।


लेकिन मिसर तबाह और अदोम वीरानो-सुनसान हो जाएगा, क्योंकि उन्होंने यहूदाह के बाशिंदों पर ज़ुल्मो-तशद्दुद किया, उनके अपने ही मुल्क में बेक़ुसूर लोगों को क़त्ल किया है।


फ़ख़र करनेवाला फ़ख़र करे कि उसे समझ हासिल है, कि वह रब को जानता है और कि मैं रब हूँ जो दुनिया में मेहरबानी, इनसाफ़ और रास्ती को अमल में लाता हूँ। क्योंकि यही चीज़ें मुझे पसंद हैं।”


और मोटे-ताज़े हो गए हैं। उनके ग़लत कामों की हद नहीं रहती। वह इनसाफ़ करते ही नहीं। न वह यतीमों की मदद करते हैं ताकि उन्हें वह कुछ मिल जाए जो उनका हक़ है, न ग़रीबों के हुक़ूक़ क़ायम रखते हैं।”


तेरे बुज़ुर्ग हटधर्म और चोरों के यार हैं। यह रिश्वतख़ोर सब लोगों के पीछे पड़े रहते हैं ताकि चाय-पानी मिल जाए। न वह परवा करते हैं कि यतीमों को इनसाफ़ मिले, न बेवाओं की फ़रियाद उन तक पहुँचती है।


ज़मीन की जो हुदूद क़दीम ज़माने में मुक़र्रर हुईं उन्हें आगे पीछे मत करना, और यतीमों के खेतों पर क़ब्ज़ा न कर।


अल्लाह अपनी मुक़द्दस सुकूनतगाह में यतीमों का बाप और बेवाओं का हामी है।


वह यह हक़ीक़त भी नज़रंदाज़ न कर सका कि मनस्सी ने यरूशलम को बेक़ुसूर लोगों के ख़ून से भर दिया था। रब यह मुआफ़ करने के लिए तैयार नहीं था।


अगर किसी आदमी को पकड़ा जाए जिसने अपने हमवतन को इग़वा करके ग़ुलाम बना लिया या बेच दिया है तो उसे सज़ाए-मौत देना है। यों तू अपने दरमियान से बुराई मिटा देगा।


यह सुनकर बुज़ुर्गों और अवाम के तमाम लोगों ने इमामों और नबियों से कहा, “यह आदमी सज़ाए-मौत के लायक़ नहीं है! क्योंकि उसने रब हमारे ख़ुदा का नाम लेकर हमसे बात की है।”


वह आँखें जो ग़ुरूर से देखती हैं, वह ज़बान जो झूट बोलती है, वह हाथ जो बेगुनाहों को क़त्ल करते हैं,


वह रास्तबाज़ की जान लेने के लिए आपस में मिल जाते और बेक़ुसूरों को क़ातिल ठहराते हैं।


बेवाओं और अजनबियों को वह मौत के घाट उतार रहे, यतीमों को क़त्ल कर रहे हैं।


बेदीन बाप से महरूम बच्चे को माँ की गोद से छीन लेते हैं बल्कि इस शर्त पर मुसीबतज़दा को क़र्ज़ देते हैं कि वह उन्हें ज़मानत के तौर पर अपना शीरख़ार बच्चा दे।


तूने बेवाओं को ख़ाली हाथ मोड़ दिया होगा, यतीमों की ताक़त पाश पाश की होगी।


इसराईल के ख़ुदा ने फ़रमाया, इसराईल की चट्टान मुझसे हमकलाम हुई, ‘जो इनसाफ़ से हुकूमत करता है, जो अल्लाह का ख़ौफ़ मानकर हुक्मरानी करता है,


‘उस पर लानत जो परदेसियों, यतीमों या बेवाओं के हुक़ूक़ क़ायम न रखे।’ सब लोग कहें, ‘आमीन!’


अगर लोग अपना एक दूसरे के साथ झगड़ा ख़ुद निपटा न सकें तो वह अपना मामला अदालत में पेश करें। क़ाज़ी फ़ैसला करे कि कौन बेक़ुसूर है और कौन मुजरिम।


वह यतीमों और बेवाओं का इनसाफ़ करता है। वह परदेसी से प्यार करता और उसे ख़ुराक और पोशाक मुहैया करता है।


अदालत में किसी की हक़तलफ़ी न करना। फ़ैसला करते वक़्त किसी की भी जानिबदारी न करना, चाहे वह ग़रीब या असरो-रसूख़वाला हो। इनसाफ़ से अपने पड़ोसी की अदालत कर।


यरूशलम के बुज़ुर्ग अदालत करते वक़्त रिश्वत लेते हैं। उसके इमाम तालीम देते हैं लेकिन सिर्फ़ कुछ मिलने के लिए। उसके नबी पेशगोई सुना देते हैं लेकिन सिर्फ़ पैसों के मुआवज़े में। ताहम यह लोग रब पर इनहिसार करके कहते हैं, “हम पर आफ़त आ ही नहीं सकती, क्योंकि रब हमारे दरमियान है।”


किसी बेवा या यतीम से बुरा सुलूक न करना।


शरीअत के आलिमो और फ़रीसियो, तुम पर अफ़सोस! रियाकारो! गो तुम बड़ी एहतियात से पौदीने, अजवायन और ज़ीरे का दसवाँ हिस्सा हदिये के लिए मख़सूस करते हो, लेकिन तुमने शरीअत की ज़्यादा अहम बातों को नज़रंदाज़ कर दिया है यानी इनसाफ़, रहम और वफ़ादारी को। लाज़िम है कि तुम यह काम भी करो और पहला भी न छोड़ो।


जो परदेसी तेरे मुल्क में मेहमान है उसे न दबाना और न उससे बुरा सुलूक करना, क्योंकि तुम भी मिसर में परदेसी थे।


यह किस तरह हो सकता है? जो रोज़ा मैं पसंद करता हूँ वह फ़रक़ है। हक़ीक़ी रोज़ा यह है कि तू बेइनसाफ़ी की ज़ंजीरों में जकड़े हुओं को रिहा करे, मज़लूमों का जुआ हटाए, कुचले हुओं को आज़ाद करे, हर जुए को तोड़े,


भूके को अपने खाने में शरीक करे, बेघर मुसीबतज़दा को पनाह दे, बरहना को कपड़े पहनाए और अपने रिश्तेदार की मदद करने से गुरेज़ न करे!


मैंने उन्हें सिर्फ़ यह हुक्म दिया कि मेरी सुनो! तब ही मैं तुम्हारा ख़ुदा हूँगा और तुम मेरी क़ौम होगे। पूरे तौर पर उस राह पर चलते रहो जो मैं तुम्हें दिखाता हूँ। तब ही तुम्हारी ख़ैर होगी।


क्योंकि उन्होंने मुझे तर्क करके इस मक़ाम को अजनबी माबूदों के हवाले कर दिया है। जिन बुतों से न उनके बापदादा और न यहूदाह के बादशाह कभी वाक़िफ़ थे उनके हुज़ूर उन्होंने क़ुरबानियाँ पेश कीं। नीज़, उन्होंने इस जगह को बेक़ुसूरों के ख़ून से भर दिया है।


अदालत में लोगों का हक़ मारा जा रहा है। लेकिन रब को यह सब कुछ नज़र आता है।


ग़रीबों और ज़रूरतमंदों पर ज़ुल्म करता और चोरी करता है। जब क़र्ज़दार क़र्ज़ा अदा करे तो वह उसे ज़मानत वापस नहीं देता। वह बुतों की पूजा बल्कि कई क़िस्म की मकरूह हरकतें करता है।


रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि ऐ इसराईली हुक्मरानो, अब बस करो! अपनी ग़लत हरकतों से बाज़ आओ। अपना ज़ुल्मो-तशद्दुद छोड़कर इनसाफ़ और रास्तबाज़ी क़ायम करो। मेरी क़ौम को उस की मौरूसी ज़मीन से भगाने से बाज़ आओ। यह रब क़ादिरे-मुतलक़ का फ़रमान है।


इन चीज़ों की बजाए इनसाफ़ का चश्मा फूट निकले और रास्ती की कभी बंद न होनेवाली नहर बह निकले।


परदेसियों और यतीमों के हुक़ूक़ क़ायम रखना। उधार देते वक़्त ज़मानत के तौर पर बेवा की चादर न लेना।


पस्तहालों और ग़रीबों को बचाकर बेदीनों के हाथ से छुड़ाओ।”


वह किसी पर ज़ुल्म नहीं करता। अगर कोई ज़मानत देकर उससे क़र्ज़ा ले तो पैसे वापस मिलने पर वह ज़मानत वापस कर देता है। वह चोरी नहीं करता बल्कि भूकों को खाना खिलाता और नंगों को कपड़े पहनाता है।


बुराई से नफ़रत करो और जो कुछ अच्छा है उसे प्यार करो। अदालतों में इनसाफ़ क़ायम रखो, शायद रब जो लशकरों का ख़ुदा है यूसुफ़ के बचे-खुचे हिस्से पर रहम करे।


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