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یرمیاہ 14:19 - किताबे-मुक़द्दस

19 ऐ रब, क्या तूने यहूदाह को सरासर रद्द किया है? क्या तुझे सिय्यून से इतनी घिन आती है? तूने हमें इतनी बार क्यों मारा कि हमारा इलाज नामुमकिन हो गया है? हम अमनो-अमान के इंतज़ार में रहे, लेकिन हालात ठीक न हुए। हम शफ़ा पाने की उम्मीद रखते थे, लेकिन इसके बजाए हम पर दहशत छा गई।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

19 اَے یَاہوِہ، کیا آپ نے یہُودیؔہ کو بالکُل ردّ کر دیا ہے؟ کیا آپ کو صِیّونؔ سے نفرت ہے؟ آپ نے ہمیں اَیسی اِیذا کیوں پہُنچائی تاکہ ہمیں شفا نصیب ہی نہ ہو سکے؟ ہم سلامتی کی اُمّید لگائے بیٹھے تھے لیکن کچھ فائدہ نہ ہُوا، شفا کی اُمّید رکھتے تھے مگر صِرف دہشت ہی نصیب ہُوئی۔

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کِتابِ مُقادّس

19 کیا تُو نے یہُوداؔہ کو بِالکُل رَدّ کر دِیا؟ کیا تیری جان کو صِیُّون سے نفرت ہے؟ تُو نے ہم کو کیوں مارا اور ہمارے لِئے شِفا نہیں؟ سلامتی کا اِنتِظار تھا پر کُچھ فائِدہ نہ ہُؤا اور شِفا کے وقت کا پر دیکھو دہشت!

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

19 اے رب، کیا تُو نے یہوداہ کو سراسر رد کیا ہے؟ کیا تجھے صیون سے اِتنی گھن آتی ہے؟ تُو نے ہمیں اِتنی بار کیوں مارا کہ ہمارا علاج ناممکن ہو گیا ہے؟ ہم امن و امان کے انتظار میں رہے، لیکن حالات ٹھیک نہ ہوئے۔ ہم شفا پانے کی اُمید رکھتے تھے، لیکن اِس کے بجائے ہم پر دہشت چھا گئی۔

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یرمیاہ 14:19
26 حوالہ جات  

या क्या तूने हमें हतमी तौर पर मुस्तरद कर दिया है? क्या तेरा हम पर ग़ुस्सा हद से ज़्यादा बढ़ गया है?।


हम सलामती के इंतज़ार में रहे, लेकिन हालात ठीक न हुए। हम शफ़ा पाने की उम्मीद रखते थे, लेकिन इसके बजाए हम पर दहशत छा गई।


जब लोग कहेंगे, “अब अमनो-अमान है,” तो हलाकत अचानक ही उन पर आन पड़ेगी। वह इस तरह मुसीबत में पड़ जाएंगे जिस तरह वह औरत जिसका बच्चा पैदा हो रहा है। वह हरगिज़ नहीं बच सकेंगे।


चुनाँचे उन्हें ‘रद्दी चाँदी’ क़रार दिया जाता है, क्योंकि रब ने उन्हें रद्द कर दिया है।


कोई नहीं है जो तेरे फोड़ की तहक़ीक़ करे, तेरी चोट भर ही नहीं सकती।


क्या वजह है कि मेरा दर्द कभी ख़त्म नहीं होता, कि मेरा ज़ख़म लाइलाज है और कभी नहीं भरता? तू मेरे लिए फ़रेबदेह चश्मा बन गया है, ऐसी नदी जिसके पानी पर एतमाद नहीं किया जा सकता।


क्योंकि मेरी क़ौम जो मेरी मौरूसी मिलकियत है मेरे साथ बुरा सुलूक करती है। जंगल में शेरबबर की तरह वह मेरे ख़िलाफ़ दहाड़ती है, इसलिए मैं उससे नफ़रत करता हूँ।


जब अल्लाह को ख़बर मिली तो वह ग़ज़बनाक हुआ और इसराईल को मुकम्मल तौर पर मुस्तरद कर दिया।


ताहम मुझ पर मुसीबत आई, अगरचे मैं भलाई की उम्मीद रख सकता था। मुझ पर घना अंधेरा छा गया, हालाँकि मैं रौशनी की तवक़्क़ो कर सकता था।


हम चारों तरफ़ आँख दौड़ाते रहे, लेकिन बेफ़ायदा, कोई मदद न मिली। देखते देखते हमारी नज़र धुँधला गई। क्योंकि हम अपने बुर्जों पर खड़े एक ऐसी क़ौम के इंतज़ार में रहे जो हमारी मदद कर ही नहीं सकती थी।


ऐ यरूशलम बेटी, मैं किससे तेरा मुवाज़ना करके तेरी हौसलाअफ़्ज़ाई करूँ? ऐ कुँवारी सिय्यून बेटी, मैं किससे तेरा मुक़ाबला करके तुझे तसल्ली दूँ? क्योंकि तुझे समुंदर जैसा वसी नुक़सान पहुँचा है। कौन तुझे शफ़ा दे सकता है?


फिर रब मुझसे हमकलाम हुआ, “अब से मेरा दिल इस क़ौम की तरफ़ मायल नहीं होगा, ख़ाह मूसा और समुएल मेरे सामने आकर उनकी शफ़ाअत क्यों न करें। उन्हें मेरे हुज़ूर से निकाल दे, वह चले जाएँ!


क्या जिलियाद में मरहम नहीं? क्या वहाँ डाक्टर नहीं मिलता? मुझे बताओ, मेरी क़ौम का ज़ख़म क्यों नहीं भरता?


अपने बालों को काटकर फेंक दे! जा, बंजर टीलों पर मातम का गीत गा, क्योंकि यह नसल रब के ग़ज़ब का निशाना बन गई है, और उसने इसे रद्द करके छोड़ दिया है।”


लेकिन अब तूने अपने मसह किए हुए ख़ादिम को ठुकराकर रद्द किया, तू उससे ग़ज़बनाक हो गया है।


लेकिन लोगों ने अल्लाह के पैग़ंबरों का मज़ाक़ उड़ाया, उनके पैग़ाम हक़ीर जाने और नबियों को लान-तान की। आख़िरकार रब का ग़ज़ब उन पर नाज़िल हुआ, और बचने का कोई रास्ता न रहा।


मैंने अपने घर इसराईल को तर्क कर दिया है। जो मेरी मौरूसी मिलकियत थी उसे मैंने रद्द किया है। मैंने अपने लख़्ते-जिगर को उसके दुश्मनों के हवाले कर दिया है।


मारोत के बसनेवाले अपने माल के लिए पेचो-ताब खा रहे हैं, क्योंकि रब की तरफ़ से आफ़त नाज़िल होकर यरूशलम के दरवाज़े तक पहुँच गई है।


जो मुतअद्दिद नसीहतों के बावुजूद हटधर्म रहे वह अचानक ही बरबाद हो जाएगा, और शफ़ा का इमकान ही नहीं होगा।


क्योंकि रब फ़रमाता है, ‘तेरा ज़ख़म लाइलाज है, तेरी चोट भर ही नहीं सकती।


लेकिन रब्बुल-अफ़वाज ने इसराईल और यहूदाह को अकेला नहीं छोड़ा, उनके ख़ुदा ने उन्हें तर्क नहीं किया हालाँकि इसराईल के क़ुद्दूस के हुज़ूर उनके मुल्क का क़ुसूर संगीन है।


जिनसे मैं दहशत खाता था उन्हें तूने बुलाया। जिस तरह बड़ी ईदों के मौक़े पर हुजूम शहर में जमा होते हैं उसी तरह दुश्मन चारों तरफ़ से मुझ पर टूट पड़े। जब रब का ग़ज़ब नाज़िल हुआ तो न कोई बचा, न कोई बाक़ी रह गया। जिन्हें मैंने पाला और जो मेरे ज़ेरे-निगरानी परवान चढ़े उन्हें दुश्मन ने हलाक कर दिया।


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