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یعقوب 5:11 - किताबे-मुक़द्दस

11 देखें, हम उन्हें मुबारक कहते हैं जो सब्र से दुख बरदाश्त करते थे। आपने अय्यूब की साबितक़दमी के बारे में सुना है और यह भी देख लिया कि रब ने आख़िर में क्या कुछ किया, क्योंकि रब बहुत मेहरबान और रहीम है।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

11 اِس لیٔے ہم اُنہیں مُبارک کہتے ہیں جنہوں نے دُکھوں میں صبر کے ساتھ زندگی گُزاری۔ تُم نے حضرت ایُّوب کے صبر کا حال تو سُنا ہی ہے اَور یہ بھی جانتے ہو کہ خُداوؔند آخِر میں کِس قدر اُن پر مہربان ہُوا کیونکہ خُداوؔند رحم دِل اَور شفقت والا ہے۔

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کِتابِ مُقادّس

11 دیکھو صبر کرنے والوں کو ہم مُبارک کہتے ہیں۔ تُم نے ایُّوب کے صبر کا حال تو سُنا ہی ہے اور خُداوند کی طرف سے جو اِس کا انجام ہُؤا اُسے بھی معلُوم کر لِیا جِس سے خُداوند کا بُہت ترس اور رَحم ظاہِر ہوتا ہے۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

11 دیکھیں، ہم اُنہیں مبارک کہتے ہیں جو صبر سے دُکھ برداشت کرتے تھے۔ آپ نے ایوب کی ثابت قدمی کے بارے میں سنا ہے اور یہ بھی دیکھ لیا کہ رب نے آخر میں کیا کچھ کیا، کیونکہ رب بہت مہربان اور رحیم ہے۔

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یعقوب 5:11
53 حوالہ جات  

मुबारक है वह जो आज़माइश के वक़्त साबितक़दम रहता है, क्योंकि क़ायम रहने पर उसे ज़िंदगी का वह ताज मिलेगा जिसका वादा अल्लाह ने उनसे किया है जो उससे मुहब्बत रखते हैं।


मूसा के सामने से गुज़रते हुए उसने पुकारा, “रब, रब, रहीम और मेहरबान ख़ुदा। तहम्मुल, शफ़क़त और वफ़ा से भरपूर।


सब तुमसे नफ़रत करेंगे, इसलिए कि तुम मेरे पैरोकार हो। लेकिन जो आख़िर तक क़ायम रहेगा उसे नजात मिलेगी।


यों ज़ाहिर है कि रब दीनदार लोगों को आज़माइश से बचाना और बेदीनों को अदालत के दिन तक सज़ा के तहत रखना जानता है,


लेकिन तू, ऐ रब, रहीम और मेहरबान ख़ुदा है। तू तहम्मुल, शफ़क़त और वफ़ा से भरपूर है।


लेकिन उसने जवाब दिया, “तू अहमक़ औरत की-सी बातें कर रही है। अल्लाह की तरफ़ से भलाई तो हम क़बूल करते हैं, तो क्या मुनासिब नहीं कि उसके हाथ से मुसीबत भी क़बूल करें?” इस सारे मामले में अय्यूब ने अपने मुँह से गुनाह न किया।


चुनाँचे ज़हनी तौर पर कमरबस्ता हो जाएँ। होशमंदी से अपनी पूरी उम्मीद उस फ़ज़ल पर रखें जो आपको ईसा मसीह के ज़ुहूर पर बख़्शा जाएगा।


लाज़िम है कि तुम रहमदिल हो क्योंकि तुम्हारा बाप भी रहमदिल है।


रब की मेहरबानी है कि हम नेस्तो-नाबूद नहीं हुए। क्योंकि उस की शफ़क़त कभी ख़त्म नहीं होती


रब रहीम और मेहरबान है, वह तहम्मुल और शफ़क़त से भरपूर है।


‘रब तहम्मुल और शफ़क़त से भरपूर है। वह गुनाह और नाफ़रमानी मुआफ़ करता है, लेकिन हर एक को उस की मुनासिब सज़ा भी देता है। जब वालिदैन गुनाह करें तो उनकी औलाद को भी तीसरी और चौथी पुश्त तक सज़ा के नतायज भुगतने पड़ेंगे।’


लेकिन हम उनमें से नहीं हैं जो पीछे हटकर तबाह हो जाएंगे बल्कि हम उनमें से हैं जो ईमान रखकर नजात पाते हैं।


बात यह है कि हम मसीह के शरीके-कार बन गए हैं। लेकिन इस शर्त पर कि हम आख़िर तक वह एतमाद मज़बूती से क़ायम रखें जो हम आग़ाज़ में रखते थे।


लेकिन अल्लाह का रहम इतना वसी है और वह इतनी शिद्दत से हमसे मुहब्बत रखता है


ऐ रब, तुझ जैसा ख़ुदा कहाँ है? तू ही गुनाहों को मुआफ़ कर देता, तू ही अपनी मीरास के बचे हुओं के जरायम से दरगुज़र करता है। तू हमेशा तक ग़ुस्से नहीं रहता बल्कि शफ़क़त पसंद करता है।


दाऊद ने जवाब दिया, “हाय मैं क्या कहूँ? मैं बहुत परेशान हूँ। लेकिन आदमियों के हाथों में पड़ जाने की निसबत बेहतर है कि हम रब ही के हाथों में पड़ जाएँ, क्योंकि उसका रहम निहायत अज़ीम है।”


मसीह फ़रक़ है। उसे फ़रज़ंद की हैसियत से अल्लाह के घर पर इख़्तियार है और इसी में वह वफ़ादार है। हम उसका घर हैं बशर्तेकि हम अपनी दिलेरी और वह उम्मीद क़ायम रखें जिस पर हम फ़ख़र करते हैं।


ताकि हम उसके जलाली फ़ज़ल की तमजीद करें, उस मुफ़्त नेमत के लिए जो उसने हमें अपने प्यारे फ़रज़ंद में दे दी।


या क्या तू उस की वसी मेहरबानी, तहम्मुल और सब्र को हक़ीर जानता है? क्या तुझे मालूम नहीं कि अल्लाह की मेहरबानी तुझे तौबा तक ले जाना चाहती है?


जो उसका ख़ौफ़ मानते हैं उन पर वह पुश्त-दर-पुश्त अपनी रहमत ज़ाहिर करेगा।


उसने रब से दुआ की, “ऐ रब, क्या यह वही बात नहीं जो मैंने उस वक़्त की जब अभी अपने वतन में था? इसी लिए मैं इतनी तेज़ी से भागकर तरसीस के लिए रवाना हुआ था। मैं जानता था कि तू मेहरबान और रहीम ख़ुदा है। तू तहम्मुल और शफ़क़त से भरपूर है और जल्द ही सज़ा देने से पछताता है।


रंजिश का इज़हार करने के लिए अपने कपड़ों को मत फाड़ो बल्कि अपने दिल को।” रब अपने ख़ुदा के पास वापस आओ, क्योंकि वह मेहरबान और रहीम है। वह तहम्मुल और शफ़क़त से भरपूर है और जल्द ही सज़ा देने से पछताता है।


वह उनकी तमाम मुसीबत में शरीक हुआ, और उसके हुज़ूर के फ़रिश्ते ने उन्हें छुटकारा दिया। वह उन्हें प्यार करता, उन पर तरस खाता था, इसलिए उसने एवज़ाना देकर उन्हें छुड़ाया। हाँ, क़दीम ज़माने से आज तक वह उन्हें उठाए फिरता रहा।


मैं रब की मेहरबानियाँ सुनाऊँगा, उसके क़ाबिले-तारीफ़ कामों की तमजीद करूँगा। जो कुछ रब ने हमारे लिए किया, जो मुतअद्दिद भलाइयाँ उसने अपने रहम और बड़े फ़ज़ल से इसराईल को दिखाई हैं उनकी सताइश करूँगा।


किसी मामले का अंजाम उस की इब्तिदा से बेहतर है, सब्र करना मग़रूर होने से बेहतर है।


मेरी तरफ़ रुजू फ़रमा और मुझ पर वही मेहरबानी कर जो तू उन सब पर करता है जो तेरे नाम से प्यार करते हैं।


रब मेहरबान और रास्त है, हमारा ख़ुदा रहीम है।


जिस तरह बाप अपने बच्चों पर तरस खाता है उसी तरह रब उन पर तरस खाता है जो उसका ख़ौफ़ मानते हैं।


ऐ रब, मुबारक है वह जिसे तू तरबियत देता है, जिसे तू अपनी शरीअत की तालीम देता है


क्योंकि तू ऐ रब भला है, तू मुआफ़ करने के लिए तैयार है। जो भी तुझे पुकारते हैं उन पर तू बड़ी शफ़क़त करता है।


तो भी अल्लाह रहमदिल रहा। उसने उन्हें तबाह न किया बल्कि उनका क़ुसूर मुआफ़ करता रहा। बार बार वह अपने ग़ज़ब से बाज़ आया, बार बार अपना पूरा क़हर उन पर उतारने से गुरेज़ किया।


बेइलज़ाम पर ध्यान दे और दियानतदार पर ग़ौर कर, क्योंकि आख़िरकार उसे अमन और सुकून हासिल होगा।


क्योंकि वह मेरी राह को जानता है। अगर वह मेरी जाँच-पड़ताल करता तो मैं ख़ालिस सोना साबित होता।


उसके सात बेटे और तीन बेटियाँ पैदा हुईं।


उन्होंने तेरी सुनने से इनकार किया और वह मोजिज़ात याद न रखे जो तूने उनके दरमियान किए थे। वह यहाँ तक अड़ गए कि उन्होंने एक राहनुमा को मुक़र्रर किया जो उन्हें मिसर की ग़ुलामी में वापस ले जाए। लेकिन तू मुआफ़ करनेवाला ख़ुदा है जो मेहरबान और रहीम, तहम्मुल और शफ़क़त से भरपूर है। तूने उन्हें तर्क न किया,


अगर आप रब के पास लौट आएँ तो जिन्होंने आपके भाइयों और उनके बाल-बच्चों को क़ैद कर लिया है वह उन पर रहम करके उन्हें इस मुल्क में वापस आने देंगे। क्योंकि रब आपका ख़ुदा मेहरबान और रहीम है। अगर आप उसके पास वापस आएँ तो वह अपना मुँह आपसे नहीं फेरेगा।”


लेकिन रब हमारा ख़ुदा रहीम है और ख़ुशी से मुआफ़ करता है, गो हम उससे सरकश हुए हैं।


रब मेहरबान और रहीम है। वह तहम्मुल और शफ़क़त से भरपूर है।


दाऊद का ज़बूर। मौसीक़ी के राहनुमा के लिए। यह गीत उस वक़्त से मुताल्लिक़ है जब दाऊद के बत-सबा के साथ ज़िना करने के बाद नातन नबी उसके पास आया। ऐ अल्लाह, अपनी शफ़क़त के मुताबिक़ मुझ पर मेहरबानी कर, अपने बड़े रहम के मुताबिक़ मेरी सरकशी के दाग़ मिटा दे।


ताहम तेरा रहम से भरा दिल उन्हें तर्क करके तबाह नहीं करना चाहता था। तू कितना मेहरबान और रहीम ख़ुदा है!


मुल्के-ऊज़ में एक बेइलज़ाम आदमी रहता था जिसका नाम अय्यूब था। वह सीधी राह पर चलता, अल्लाह का ख़ौफ़ मानता और हर बुराई से दूर रहता था।


मेरे भाइयो, जब आपको तरह तरह की आज़माइशों का सामना करना पड़े तो अपने आपको ख़ुशक़िसमत समझें,


लेकिन अगर आपको रास्त काम करने की वजह से दुख भी उठाना पड़े तो आप मुबारक हैं। उनकी धमकियों से मत डरना और मत घबराना


क्योंकि जो भी माँगता है वह पाता है, जो ढूँडता है उसे मिलता है और जो खटखटाता है उसके लिए दरवाज़ा खोल दिया जाता है।


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