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یسعیاہ 62:6 - किताबे-मुक़द्दस

6 ऐ यरूशलम, मैंने तेरी फ़सील पर पहरेदार लगाए हैं जो दिन-रात आवाज़ दें। उन्हें एक लमहे के लिए भी ख़ामोश रहने की इजाज़त नहीं है। ऐ रब को याद दिलानेवालो, उस वक़्त तक न ख़ुद आराम करो,

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

6 اَے یروشلیمؔ، مَیں نے تیری دیواروں پر نگہبان مُقرّر کئے ہیں؛ وہ دِن رات کبھی خاموش نہ ہوں گے۔ تُم جو یَاہوِہ کو پُکارتے رہتے ہو، خاموش نہ بیٹھو،

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کِتابِ مُقادّس

6 اَے یروشلیِم مَیں نے تیری دِیواروں پر نِگہبان مُقرّر کِئے ہیں۔ وہ دِن رات کبھی خاموش نہ ہوں گے۔ اَے خُداوند کا ذِکر کرنے والو خاموش نہ ہو۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

6 اے یروشلم، مَیں نے تیری فصیل پر پہرے دار لگائے ہیں جو دن رات آواز دیں۔ اُنہیں ایک لمحے کے لئے بھی خاموش رہنے کی اجازت نہیں ہے۔ اے رب کو یاد دلانے والو، اُس وقت تک نہ خود آرام کرو،

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یسعیاہ 62:6
33 حوالہ جات  

सुन! तेरे पहरेदार आवाज़ बुलंद कर रहे हैं, वह मिलकर ख़ुशी के नारे लगा रहे हैं। क्योंकि जब रब कोहे-सिय्यून पर वापस आएगा तो वह अपनी आँखों से इसका मुशाहदा करेंगे।


बिलानाग़ा दुआ करें,


अपने राहनुमाओं की सुनें और उनकी बात मानें। क्योंकि वह आपकी देख-भाल करते करते जागते रहते हैं, और इसमें वह अल्लाह के सामने जवाबदेह हैं। उनकी बात मानें ताकि वह ख़ुशी से अपनी ख़िदमत सरंजाम दें। वरना वह कराहते कराहते अपनी ज़िम्मादारी निभाएँगे, और यह आपके लिए मुफ़ीद नहीं होगा।


देखो, मैंने तुम पर पहरेदार मुक़र्रर किए और कहा, ‘जब नरसिंगा फूँका जाएगा तो ध्यान दो!’ लेकिन तुमने इनकार किया, ‘नहीं, हम तवज्जुह नहीं देंगे।’


इसराईल के पहरेदार अंधे हैं, सबके सब कुछ भी नहीं जानते। सबके सब बहरे कुत्ते हैं जो भौंक ही नहीं सकते। फ़र्श पर लेटे हुए वह अच्छे अच्छे ख़ाब देखते रहते हैं। ऊँघना उन्हें कितना पसंद है!


आगे चलनेवालों ने उसे डाँटकर कहा, “ख़ामोश!” लेकिन वह मज़ीद ऊँची आवाज़ से पुकारता रहा, “ऐ इब्ने-दाऊद, मुझ पर रहम करें।”


सिय्यून की ख़ातिर मैं ख़ामोश नहीं रहूँगा, यरूशलम की ख़ातिर तब तक आराम नहीं करूँगा जब तक उस की रास्ती तुलूए-सुबह की तरह न चमके और उस की नजात मशाल की तरह न भड़के।


अपनी जमात को याद कर जिसे तूने क़दीम ज़माने में ख़रीदा और एवज़ाना देकर छुड़ाया ताकि तेरी मीरास का क़बीला हो। कोहे-सिय्यून को याद कर जिस पर तू सुकूनतपज़ीर रहा है।


सुलेमान ने इमामों के मुख़्तलिफ़ गुरोहों को वह ज़िम्मादारियाँ सौंपीं जो उसके बाप दाऊद ने मुक़र्रर की थीं। लावियों की ज़िम्मादारियाँ भी मुक़र्रर की गईं। उनकी एक ज़िम्मादारी रब की हम्दो-सना करने में परस्तारों की राहनुमाई करनी थी। नीज़, उन्हें रोज़ाना की ज़रूरियात के मुताबिक़ इमामों की मदद करनी थी। रब के घर के दरवाज़ों की पहरादारी भी लावियों की एक ख़िदमत थी। हर दरवाज़े पर एक अलग गुरोह की ड्यूटी लगाई गई। यह भी मर्दे-ख़ुदा दाऊद की हिदायात के मुताबिक़ हुआ।


आदमी ने कहा, “मुझे जाने दे, क्योंकि पौ फटनेवाली है।” याक़ूब ने कहा, “पहले मुझे बरकत दें, फिर ही आपको जाने दूँगा।”


तूने ख़ुद कहा था, ‘मैं तुझे कामयाबी दूँगा और तेरी औलाद इतनी बढ़ाऊँगा कि वह समुंदर की रेत की मानिंद बेशुमार होगी’।”


ऐ रब, दुश्मन की लान-तान याद कर। ख़याल कर कि अहमक़ क़ौम तेरे नाम पर कुफ़र बकती है।


उन्होंने ऊँची आवाज़ से चिल्लाकर कहा, “ऐ क़ादिरे-मुतलक़, क़ुद्दूस और सच्चे रब, कितनी देर और लगेगी? तू कब तक ज़मीन के बाशिंदों की अदालत करके हमारे शहीद होने का इंतक़ाम न लेगा?”


और अल्लाह ने अपनी जमात में पहले रसूल, दूसरे नबी और तीसरे उस्ताद मुक़र्रर किए हैं। फिर उसने ऐसे लोग भी मुक़र्रर किए हैं जो मोजिज़े करते, शफ़ा देते, दूसरों की मदद करते, इंतज़ाम चलाते और मुख़्तलिफ़ क़िस्म की ग़ैरज़बानें बोलते हैं।


उसने कहा, ‘कुरनेलियुस, अल्लाह ने तुम्हारी दुआ सुन ली और तुम्हारी ख़ैरात का ख़याल किया है।


वह घबरा गया और उसे ग़ौर से देखते हुए कहा, “मेरे आक़ा, फ़रमाएँ।” फ़रिश्ते ने कहा, “तुम्हारी दुआओं और ख़ैरात की क़ुरबानी अल्लाह के हुज़ूर पहुँच गई है और मंज़ूर है।


जा, कचहरी में मेरे ख़िलाफ़ मुक़दमा दायर कर! आ, हम दोनों अदालत में हाज़िर हो जाएँ! अपना मामला पेश कर ताकि तू बेक़ुसूर साबित हो।


जो चौकीदार शहर में गश्त करते हैं उनसे मेरा वास्ता पड़ा, उन्होंने मेरी पिटाई करके मुझे ज़ख़मी कर दिया। फ़सील के चौकीदारों ने मेरी चादर भी छीन ली।


जो चौकीदार शहर में गश्त करते हैं उन्होंने मुझे देखा। मैंने पूछा, “क्या आपने उसे देखा है जो मेरी जान का प्यारा है?”


तेरी फ़सील में सलामती और तेरे महलों में सुकून हो।”


देख, मैंने तुझे अपनी दोनों हथेलियों में कंदा कर दिया है, तेरी ज़मीनबोस दीवारें हमेशा मेरे सामने हैं।


अपने नाम की ख़ातिर हमें हक़ीर न जान, अपने जलाली तख़्त की बेहुरमती होने न दे! हमारे साथ अपना अहद याद कर, उसे मनसूख़ न कर।


ऐ रब, याद कर कि हमारे साथ क्या कुछ हुआ! ग़ौर कर कि हमारी कैसी रुसवाई हुई है।


तू हमें हमेशा तक क्यों भूलना चाहता है? तूने हमें इतनी देर तक क्यों तर्क किए रखा है?


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