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یسعیاہ 57:10 - किताबे-मुक़द्दस

10 गो तू सफ़र करते करते बहुत थक गई तो भी तूने कभी न कहा, ‘फ़ज़ूल है!’ अब तक तुझे तक़वियत मिलती रही, इसलिए तू निढाल न हुई।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

10 اَپنی اِن روِشوں کے باعث تُم تھک گئیں، پھر بھی یہ نہ کہا، ’یہ بے فائدہ ہے۔‘ تُجھے اَیسا لگا گویا تیری توانائی لَوٹ آئی، اِس لیٔے تُونے نقاہت محسُوس نہ کی۔

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کِتابِ مُقادّس

10 تُو اپنے سفر کی درازی سے تھک گئی تَو بھی تُو نے نہ کہا کہ اِس سے کُچھ فائِدہ نہیں۔ تُو نے اپنی قُوّت کی تازگی پائی اِس لِئے تُو افسُردہ نہ ہُوئی۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

10 گو تُو سفر کرتے کرتے بہت تھک گئی توبھی تُو نے کبھی نہ کہا، ’فضول ہے!‘ اب تک تجھے تقویت ملتی رہی، اِس لئے تُو نڈھال نہ ہوئی۔

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یسعیاہ 57:10
12 حوالہ جات  

ऐ इसराईल, इतना न दौड़ कि तेरे जूते घिसकर फट जाएँ और तेरा गला ख़ुश्क हो जाए। लेकिन अफ़सोस, तू बज़िद है, ‘नहीं, मुझे छोड़ दे! मैं अजनबी माबूदों को प्यार करती हूँ, और लाज़िम है कि मैं उनके पीछे भागती जाऊँ।’


लेकिन अफ़सोस, यह एतराज़ करेंगे, ‘दफ़ा करो! हम अपने ही मनसूबे जारी रखेंगे। हर एक अपने शरीर दिल की ज़िद के मुताबिक़ ही ज़िंदगी गुज़ारेगा’।”


ऐ रब, तेरी आँखें दियानतदारी देखना चाहती हैं। तूने उन्हें मारा, लेकिन उन्हें दुख न हुआ। तूने उन्हें कुचल डाला, लेकिन वह तरबियत पाने के लिए तैयार नहीं। उन्होंने अपने चेहरे को पत्थर से कहीं ज़्यादा सख़्त बनाकर तौबा करने से इनकार किया है।


एक वक़्त था जब मैं शरीअत के बग़ैर ज़िंदगी गुज़ारता था। लेकिन ज्योंही हुक्म मेरे सामने आया तो गुनाह में जान आ गई


रब्बुल-अफ़वाज ने मुक़र्रर किया है कि जो कुछ क़ौमों ने बड़ी मेहनत-मशक़्क़त से हासिल किया उसे नज़रे-आतिश होना है, जो कुछ पाने के लिए उम्मतें थक जाती हैं वह बेकार ही है।


लेकिन बेफ़ायदा! इतना ज़ंग लगा है कि वह आग में भी नहीं उतरता।


हर एक अपने पड़ोसी को धोका देता है, कोई भी सच नहीं बोलता। उन्होंने अपनी ज़बान को झूट बोलना सिखाया है, और अब वह ग़लत काम करते करते थक गए हैं।


इसी वजह से बहार में बरसात का मौसम रोका गया और बारिश नहीं पड़ी। लेकिन अफ़सोस, तू कसबी की-सी पेशानी रखती है, तू शर्म खाने के लिए तैयार ही नहीं।


तू कभी इधर, कभी इधर जाकर इतनी आसानी से अपना रुख़ क्यों बदलती है? यक़ीन कर कि जिस तरह तू अपने इत्तहादी असूर से मायूस होकर शरमिंदा हुई है उसी तरह तू नए इत्तहादी मिसर से भी नादिम हो जाएगी।


लेकिन दूसरों के बेशुमार मशवरे बेकार हैं, उन्होंने तुझे सिर्फ़ थका दिया है। अब तेरे नजूमी खड़े हो जाएँ, जो सितारों को देख देखकर हर महीने पेशगोइयाँ करते हैं वह सामने आकर तुझे उससे बचाएँ जो तुझ पर आनेवाला है।


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