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یسعیاہ 56:11 - किताबे-मुक़द्दस

11 लेकिन यह कुत्ते लालची भी हैं और कभी सेर नहीं होते, हालाँकि गल्लाबान कहलाते हैं। वह समझ से ख़ाली हैं, और हर एक अपनी अपनी राह पर ध्यान देकर अपने ही नफ़ा की तलाश में रहता है।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

11 وہ بھُوکے کُتّے ہیں؛ جو کبھی سیر نہیں ہوتے۔ وہ نادان چرواہے ہیں؛ وہ سَب اَپنی اَپنی راہ کو پھر گیٔے، اَور ہر ایک اَپنا ہی نفع ڈھونڈتا ہے۔

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کِتابِ مُقادّس

11 اور وہ لالچی کُتّے ہیں جو کبھی سیر نہیں ہوتے۔ وہ نادان چرواہے ہیں۔ وہ سب اپنی اپنی راہ کو پِھر گئے۔ ہر ایک ہر طرف سے اپنا ہی نفع ڈُھونڈتا ہے۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

11 لیکن یہ کُتے لالچی بھی ہیں اور کبھی سیر نہیں ہوتے، حالانکہ گلہ بان کہلاتے ہیں۔ وہ سمجھ سے خالی ہیں، اور ہر ایک اپنی اپنی راہ پر دھیان دے کر اپنے ہی نفع کی تلاش میں رہتا ہے۔

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یسعیاہ 56:11
36 حوالہ جات  

यरूशलम के बुज़ुर्ग अदालत करते वक़्त रिश्वत लेते हैं। उसके इमाम तालीम देते हैं लेकिन सिर्फ़ कुछ मिलने के लिए। उसके नबी पेशगोई सुना देते हैं लेकिन सिर्फ़ पैसों के मुआवज़े में। ताहम यह लोग रब पर इनहिसार करके कहते हैं, “हम पर आफ़त आ ही नहीं सकती, क्योंकि रब हमारे दरमियान है।”


मेरी क़ौम के दरमियान ही तुमने मेरी बेहुरमती की, और यह सिर्फ़ चंद एक मुट्ठी-भर जौ और रोटी के दो-चार टुकड़ों के लिए। अफ़सोस, मेरी क़ौम झूट सुनना पसंद करती है। इससे फ़ायदा उठाकर तुमने उसे झूट पेश करके उन्हें मार डाला जिन्हें मरना नहीं था और उन्हें ज़िंदा छोड़ा जिन्हें ज़िंदा नहीं रहना था।


लेकिन बाक़ी सब शहर के बाहर रहेंगे। कुत्ते, ज़िनाकार, क़ातिल, बुतपरस्त और तमाम वह लोग जो झूट को प्यार करते और उस पर अमल करते हैं सबके सब बाहर रहेंगे।


निगरान को तो अल्लाह का घराना सँभालने की ज़िम्मादारी दी गई है, इसलिए लाज़िम है कि वह बेइलज़ाम हो। वह ख़ुदसर, ग़ुसीला, शराबी, लड़ाका या लालची न हो।


तुम मेरी ज़बान क्यों नहीं समझते? इसलिए कि तुम मेरी बात सुन नहीं सकते।


मैं इसराईल का नाजायज़ मनाफ़े देखकर तैश में आया और उसे सज़ा देकर अपना मुँह छुपाए रखा। तो भी वह अपने दिल की बरगश्ता राहों पर चलता रहा।


बैल अपने मालिक को जानता और गधा अपने आक़ा की चरनी को पहचानता है, लेकिन इसराईल इतना नहीं जानता, मेरी क़ौम समझ से ख़ाली है।”


यह लोग बुड़बुड़ाते और शिकायत करते रहते हैं। यह सिर्फ़ अपनी ज़ाती ख़ाहिशात पूरी करने के लिए ज़िंदगी गुज़ारते हैं। यह अपने बारे में शेख़ी मारते और अपने फ़ायदे के लिए दूसरों की ख़ुशामद करते हैं।


उन पर अफ़सोस! उन्होंने क़ाबील की राह इख़्तियार की है। पैसों के लालच में उन्होंने अपने आपको पूरे तौर पर उस ग़लती के हवाले कर दिया है जो बिलाम ने की। वह क़ोरह की तरह बाग़ी होकर हलाक हुए हैं।


लालच के सबब से यह उस्ताद आपको फ़रज़ी कहानियाँ सुनाकर आपकी लूट-खसोट करेंगे। लेकिन अल्लाह ने बड़ी देर से उन्हें मुजरिम ठहराया, और उसका फ़ैसला सुस्तरफ़्तार नहीं है। हाँ, उनका मुंसिफ़ ऊँघ नहीं रहा बल्कि उन्हें हलाक करने के लिए तैयार खड़ा है।


गल्लाबान होते हुए अल्लाह के उस गल्ले की देख-भाल करें जो आपके सुपुर्द किया गया है। यह ख़िदमत मजबूरन न करें बल्कि ख़ुशी से, क्योंकि यह अल्लाह की मरज़ी है। लालच के बग़ैर पूरी लग्न से यह ख़िदमत सरंजाम दें।


लाज़िम है कि उन्हें चुप करा दिया जाए, क्योंकि यह लालच में आकर कई लोगों के पूरे घर अपनी ग़लत तालीम से ख़राब कर रहे हैं।


इसी तरह जमात के मददगार भी शरीफ़ हों। वह रियाकार न हों, न हद से ज़्यादा मै पिएँ। वह लालची भी न हों।


वह शराबी न हो, न लड़ाका बल्कि नरमदिल और अमनपसंद। वह पैसों का लालच करनेवाला न हो।


ऐसे लोगों का अंजाम हलाकत है। खाने-पीने की पाबंदियाँ और ख़तने पर फ़ख़र उनका ख़ुदा बन गया है। हाँ, वह सिर्फ़ दुनियावी सोच रखते हैं।


इस जहान के शरीर ख़ुदा ने उनके ज़हनों को अंधा कर दिया है जो ईमान नहीं रखते। इसलिए वह अल्लाह की ख़ुशख़बरी की जलाली रौशनी नहीं देख सकते। वह यह पैग़ाम नहीं समझ सकते जो मसीह के जलाल के बारे में है, उसके बारे में जो अल्लाह की सूरत है।


मैंने किसी के भी सोने, चाँदी या कपड़ों का लालच न किया।


मुझे मालूम है कि मेरे जाने के बाद वहशी भेड़िये आपमें घुस आएँगे जो गल्ले को नहीं छोड़ेंगे।


काश तुममें से कोई मेरे घर के दरवाज़ों को बंद करे ताकि मेरी क़ुरबानगाह पर बेफ़ायदा आग न लगा सको! मैं तुमसे ख़ुश नहीं, और तुम्हारे हाथों से क़ुरबानियाँ मुझे बिलकुल पसंद नहीं।” यह रब्बुल-अफ़वाज का फ़रमान है।


लेकिन तू फ़रक़ है। तेरी आँखें और दिल नाजायज़ नफ़ा कमाने पर तुले रहते हैं। न तू बेक़ुसूर को क़त्ल करने से, न ज़ुल्म करने या जबरन कुछ लेने से झिजकता है।”


जिसे पैसे प्यारे हों वह कभी मुतमइन नहीं होगा, ख़ाह उसके पास कितने ही पैसे क्यों न हों। जो ज़रदोस्त हो वह कभी आसूदा नहीं होगा, ख़ाह उसके पास कितनी ही दौलत क्यों न हो। यह भी बातिल ही है।


तो फिर तुम लोग ज़बह और ग़ल्ला की वह क़ुरबानियाँ हक़ीर क्यों जानते हो जो मुझे ही पेश की जाती हैं और जो मैंने अपनी सुकूनतगाह के लिए मुक़र्रर की थीं? एली, तू अपने बेटों का मुझसे ज़्यादा एहतराम करता है। तुम तो मेरी क़ौम इसराईल की हर क़ुरबानी के बेहतरीन हिस्से खा खाकर मोटे हो गए हो।’


लेकिन अदालत में किसी ग़रीब की तरफ़दारी भी न करना।


कुत्तों से ख़बरदार! उन शरीर मज़दूरों से होशियार रहना जो जिस्म की काँट-छाँट यानी ख़तना करवाते हैं।


लेकिन यह लोग भी मै के असर से डगमगा रहे और शराब पी पीकर लड़खड़ा रहे हैं। इमाम और नबी नशे में झूम रहे हैं। मै पीने से उनके दिमाग़ों में ख़लल आ गया है, शराब पी पीकर वह चक्कर खा रहे हैं। रोया देखते वक़्त वह झूमते, फ़ैसले करते वक़्त झूलते हैं।


“छोटे से लेकर बड़े तक सब ग़लत नफ़ा के पीछे पड़े हैं, नबी से लेकर इमाम तक सब धोकेबाज़ हैं।


इसलिए मैं उनकी बीवियों को परदेसियों के हवाले कर दूँगा और उनके खेतों को ऐसे लोगों के सुपुर्द जो उन्हें निकाल देंगे। क्योंकि छोटे से लेकर बड़े तक सबके सब नाजायज़ नफ़ा के पीछे पड़े हैं, नबियों से लेकर इमामों तक सब धोकेबाज़ हैं।


मेरी क़ौम के गुनाह उनकी ख़ुराक हैं, और वह इस लालच में रहते हैं कि लोगों का क़ुसूर मज़ीद बढ़ जाए।


यह पैग़ाम लेकर मोआब और मिदियान के बुज़ुर्ग रवाना हुए। उनके पास इनाम के पैसे थे। बिलाम के पास पहुँचकर उन्होंने उसे बलक़ का पैग़ाम सुनाया।


यह सुनकर इमाम ख़ुश हुआ। वह अफ़ोद, तराशा हुआ बुत और बाक़ी बुतों को लेकर मुसाफ़िरों में शरीक हो गया।


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