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یسعیاہ 55:13 - किताबे-मुक़द्दस

13 काँटेदार झाड़ी की बजाए जूनीपर का दरख़्त उगेगा, और बिच्छूबूटी की बजाए मेहँदी फले-फूलेगी। यों रब के नाम को जलाल मिलेगा, और उस की क़ुदरत का अबदी और अनमिट निशान क़ायम होगा।”

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

13 جھاڑی کی جگہ صنوبر نکلے گا، اَور گھاس پھُوس کی بجائے مہندی کا درخت۔ یہ یَاہوِہ کے لیٔے نام ہوگا، اَور ایک اَبدی نِشان، جو کبھی نہ مٹے گا۔“

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کِتابِ مُقادّس

13 کانٹوں کی جگہ صنَوبر نِکلے گا اور جھاڑی کے بدلے آس کا درخت ہو گا اور یہ خُداوند کے لِئے نام اور ابدی نِشان ہو گا جو کبھی مُنقطع نہ ہو گا۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

13 کانٹےدار جھاڑی کی بجائے جونیپر کا درخت اُگے گا، اور بچھوبوٹی کی بجائے مہندی پھلے پھولے گی۔ یوں رب کے نام کو جلال ملے گا، اور اُس کی قدرت کا ابدی اور اَن مٹ نشان قائم ہو گا۔“

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یسعیاہ 55:13
34 حوالہ جات  

मेरे हाथ से रेगिस्तान में देवदार, कीकर, मेहँदी और ज़ैतून के दरख़्त लगेंगे, बयाबान में जूनीपर, सनोबर और सरो के दरख़्त मिलकर उगेंगे।


तब यरूशलम पूरी दुनिया में मेरे लिए मुसर्रत, शोहरत, तारीफ़ और जलाल का बाइस बनेगा। दुनिया के तमाम ममालिक मेरी उस पर मेहरबानी देखकर मुतअस्सिर हो जाएंगे। वह घबराकर काँप उठेंगे जब उन्हें पता चलेगा कि मैंने यरूशलम को कितनी बरकत और सुकून मुहैया किया है।


और सिय्यून के सोगवारों को दिलासा देकर राख के बजाए शानदार ताज, मातम के बजाए ख़ुशी का तेल और शिकस्ता रूह के बजाए हम्दो-सना का लिबास मुहैया करूँ। तब वह ‘रास्ती के दरख़्त’ कहलाएँगे, ऐसे पौदे जो रब ने अपना जलाल ज़ाहिर करने के लिए लगाए हैं।


चुनाँचे जो मसीह में है वह नया मख़लूक़ है। पुरानी ज़िंदगी जाती रही और नई ज़िंदगी शुरू हो गई है।


लुबनान की शानो-शौकत तेरे सामने हाज़िर होगी। जूनीपर, सनोबर और सरो के दरख़्त मिलकर तेरे पास आएँगे ताकि मेरे मक़दिस को आरास्ता करें। यों मैं अपने पाँवों की चौकी को जलाल दूँगा।


(आपकी फ़ितरती कमज़ोरी की वजह से मैं ग़ुलामी की यह मिसाल दे रहा हूँ ताकि आप मेरी बात समझ पाएँ।) पहले आपने अपने आज़ा को नजासत और बेदीनी की ग़ुलामी में दे रखा था जिसके नतीजे में आपकी बेदीनी बढ़ती गई। लेकिन अब आप अपने आज़ा को रास्तबाज़ी की ग़ुलामी में दे दें ताकि आप मुक़द्दस बन जाएँ।


अगर कोई बोले तो अल्लाह के-से अलफ़ाज़ के साथ बोले। अगर कोई ख़िदमत करे तो उस ताक़त के ज़रीए जो अल्लाह उसे मुहैया करता है, क्योंकि इस तरह ही अल्लाह को ईसा मसीह के वसीले से जलाल दिया जाएगा। अज़ल से अबद तक जलाल और क़ुदरत उसी की हो! आमीन।


वह सिय्यून का रास्ता पूछ पूछकर अपना रुख़ उस तरफ़ कर लेंगे और कहेंगे, ‘आओ, हम रब के साथ लिपट जाएँ, हम उसके साथ अबदी अहद बाँध लें जो कभी न भुलाया जाए।’


जब तुम बहुत-सा फल लाते और यों मेरे शागिर्द साबित होते हो तो इससे मेरे बाप को जलाल मिलता है।


“आसमान की बुलंदियों पर अल्लाह की इज़्ज़तो-जलाल, ज़मीन पर उन लोगों की सलामती जो उसे मंज़ूर हैं।”


क्योंकि जिस तरह लँगोटी आदमी की कमर के साथ लिपटी रहती है उसी तरह मैंने पूरे इसराईल और पूरे यहूदाह को अपने साथ लिपटने का मौक़ा फ़राहम किया ताकि वह मेरी क़ौम और मेरी शोहरत, तारीफ़ और इज़्ज़त का बाइस बन जाएँ। लेकिन अफ़सोस, वह सुनने के लिए तैयार नहीं थे।” यह रब का फ़रमान है।


जिसकी जलाली क़ुदरत मूसा के दाएँ हाथ हाज़िर रही ताकि उसको सहारा दे? वह कहाँ है जिसने पानी को इसराईलियों के सामने तक़सीम करके अपने लिए अबदी शोहरत पैदा की


तब तेरी क़ौम के तमाम अफ़राद रास्तबाज़ होंगे, और मुल्क हमेशा तक उनकी मिलकियत रहेगा। क्योंकि वह मेरे हाथ से लगाई हुई पनीरी होंगे, मेरे हाथ का काम जिससे मैं अपना जलाल ज़ाहिर करूँगा।


गो पहाड़ हट जाएँ और पहाड़ियाँ जुंबिश खाएँ, लेकिन मेरी शफ़क़त तुझ पर से कभी नहीं हटेगी, मेरा सलामती का अहद कभी नहीं हिलेगा।” यह रब का फ़रमान है जो तुझ पर तरस खाता है।


जो क़ौम मैंने अपने लिए तश्कील दी है वह मेरे काम सुनाकर मेरी तमजीद करे।


उनमें से सबसे शरीफ़ शख़्स ख़ारदार झाड़ी की मानिंद है, सबसे ईमानदार आदमी काँटेदार बाड़ से अच्छा नहीं। लेकिन वह दिन आनेवाला है जिसका एलान तुम्हारे पहरेदारों ने किया है। तब अल्लाह तुझसे निपट लेगा, सब कुछ उलट-पलट हो जाएगा।


मैं उस की ज़मीन बंजर बना दूँगा। न उस की बेलों की काँट-छाँट होगी, न गोडी की जाएगी। वहाँ काँटेदार और ख़ुदरौ पौदे उगेंगे। न सिर्फ़ यह बल्कि मैं बादलों को भी उस पर बरसने से रोक दूँगा।”


मैदान और जो कुछ उसमें है बाग़ बाग़ हो। फिर जंगल के दरख़्त शादियाना बजाएंगे।


“इसकी तसदीक़ के लिए रब अपने ख़ुदा से कोई इलाही निशान माँग ले, ख़ाह आसमान पर हो या पाताल में।”


हर जगह वह टिक जाएंगे, गहरी घाटियों और चट्टानों की दराड़ों में, तमाम काँटेदार झाड़ियों में और हर जोहड़ के पास।


पूरा मुल्क काँटेदार झाड़ियों और ऊँटकटारों के सबब से इतना जंगली होगा कि लोग तीर और कमान लेकर उसमें शिकार खेलने के लिए जाएंगे।


यह दोनों रब्बुल-अफ़वाज की हुज़ूरी की निशानदेही करेंगे और गवाही देंगे कि वह मौजूद है। चुनाँचे जब उन पर ज़ुल्म किया जाएगा तो वह चिल्लाकर उससे फ़रियाद करेंगे, और रब उनके पास नजातदहिंदा भेज देगा जो उनकी ख़ातिर लड़कर उन्हें बचाएगा।


मेरी क़ौम की ज़मीन पर आहो-ज़ारी करो, क्योंकि उस पर ख़ारदार झाड़ियाँ छा गई हैं। रंगरलियाँ मनानेवाले शहर के तमाम ख़ुशबाश घरों पर ग़म खाओ।


रेगिस्तान और प्यासी ज़मीन बाग़ बाग़ होंगे, बयाबान ख़ुशी मनाकर खिल उठेगा। उसके फूल सोसन की तरह


फूट निकलेंगे, और वह ज़ोर से शादियाना बजाकर ख़ुशी के नारे लगाएगा। उसे लुबनान की शान, करमिल और शारून का पूरा हुस्नो-जमाल दिया जाएगा। लोग रब का जलाल और हमारे ख़ुदा की शानो-शौकत देखेंगे।


क्योंकि मैं उन्हें अपने घर और उस की चारदीवारी में ऐसी यादगार और ऐसा नाम अता करूँगा जो बेटे-बेटियाँ मिलने से कहीं बेहतर होगा। और जो नाम मैं उन्हें दूँगा वह अबदी होगा, वह कभी नहीं मिटने का।


जिस तरह गाय-बैल आराम के लिए वादी में उतरते हैं उसी तरह उन्हें रब के रूह से आराम और सुकून हासिल हुआ।” इसी तरह तूने अपनी क़ौम की राहनुमाई की ताकि तेरे नाम को जलाल मिले।


इस वक़्त इसराईल के पड़ोसी उसे हक़ीर जानते हैं। अब तक वह उसे चुभनेवाले ख़ार और ज़ख़मी करनेवाले काँटे हैं। लेकिन आइंदा ऐसा नहीं होगा। तब वह जान लेंगे कि मैं रब क़ादिरे-मुतलक़ हूँ।


उस रात मैंने रोया में एक आदमी को सुर्ख़ रंग के घोड़े पर सवार देखा। वह घाटी के दरमियान उगनेवाली मेहँदी की झाड़ियों के बीच में रुका हुआ था। उसके पीछे सुर्ख़, भूरे और सफ़ेद रंग के घोड़े खड़े थे। उन पर भी आदमी बैठे थे।


मैं तेरे पीतल को सोने में, तेरे लोहे को चाँदी में, तेरी लकड़ी को पीतल में और तेरे पत्थर को लोहे में बदलूँगा। मैं सलामती को तेरी मुहाफ़िज़ और रास्ती को तेरी निगरान बनाऊँगा।


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