Biblia Todo Logo
آن لائن بائبل

- اشتہارات -




یسعیاہ 5:13 - किताबे-मुक़द्दस

13 इसी लिए मेरी क़ौम जिलावतन हो जाएगी, क्योंकि वह समझ से ख़ाली है। उसके बड़े अफ़सर भूके मरेंगे, और अवाम प्यास के मारे सूख जाएंगे।

باب دیکھیں کاپی

اُردو ہم عصر ترجُمہ

13 اِس لیٔے میرے لوگ نادانی کے باعث جَلاوطن ہوں گے؛ اُن کے اعلیٰ مرتبہ لوگ بھُوکوں مَریں گے اَور اُن کے عوام پیاس سے تڑپیں گے۔

باب دیکھیں کاپی

کِتابِ مُقادّس

13 اِس لِئے میرے لوگ جہالت کے سبب سے اسِیری میں جاتے ہیں۔ اُن کے بزُرگ بُھوکوں مَرتے اور عوام پِیاس سے جلتے ہیں۔

باب دیکھیں کاپی

ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

13 اِسی لئے میری قوم جلاوطن ہو جائے گی، کیونکہ وہ سمجھ سے خالی ہے۔ اُس کے بڑے افسر بھوکے مر یں گے، اور عوام پیاس کے مارے سوکھ جائیں گے۔

باب دیکھیں کاپی




یسعیاہ 5:13
26 حوالہ جات  

अफ़सोस, मेरी क़ौम इसलिए तबाह हो रही है कि वह सहीह इल्म नहीं रखती। और क्या अजब जब तुम इमामों ने यह इल्म रद्द कर दिया है। अब मैं तुम्हें भी रद्द करता हूँ। आइंदा तुम इमाम की ख़िदमत अदा नहीं करोगे। चूँकि तुम अपने ख़ुदा की शरीअत भूल गए हो इसलिए मैं तुम्हारी औलाद को भी भूल जाऊँगा।


बैल अपने मालिक को जानता और गधा अपने आक़ा की चरनी को पहचानता है, लेकिन इसराईल इतना नहीं जानता, मेरी क़ौम समझ से ख़ाली है।”


तब उस की शाख़ें सूख जाएँगी और औरतें उन्हें तोड़ तोड़कर जलाएँगी। क्योंकि यह क़ौम समझ से ख़ाली है, लिहाज़ा उसका ख़ालिक़ उस पर तरस नहीं खाएगा, जिसने उसे तश्कील दिया वह उस पर मेहरबानी नहीं करेगा।


और चूँकि उन्होंने अल्लाह को जानने से इनकार कर दिया इसलिए उसने उन्हें उनकी मकरूह सोच में छोड़ दिया। और इसलिए वह ऐसी हरकतें करते रहते हैं जो कभी नहीं करनी चाहिएँ।


तुम्हारा मुल्क वीरानो-सुनसान हो गया है, तुम्हारे शहर भस्म हो गए हैं। तुम्हारे देखते देखते परदेसी तुम्हारे खेतों को लूट रहे हैं, उन्हें यों उजाड़ रहे हैं जिस तरह परदेसी ही कर सकते हैं।


लेकिन यह लोग नज़रंदाज़ करते हैं कि क़दीम ज़माने में अल्लाह के हुक्म पर आसमानों की तख़लीक़ हुई और ज़मीन पानी में से और पानी के ज़रीए वुजूद में आई।


जो तलवार से हलाक हुए उनका हाल उनसे बेहतर था जो भूके मर गए। क्योंकि खेतों से ख़ुराक न मिलने पर वह घुल घुलकर मर गए।


देहात में जाकर मुझे वह सब नज़र आते हैं जो तलवार से क़त्ल किए गए हैं। जब मैं शहर में वापस आता हूँ तो चारों तरफ़ काल के बुरे असरात दिखाई देते हैं। नबी और इमाम मुल्क में मारे मारे फिर रहे हैं, और उन्हें मालूम नहीं कि क्या करें’।”


अमीर अपने नौकरों को पानी भरने भेजते हैं, लेकिन हौज़ों के पास पहुँचकर पता चलता है कि पानी नहीं है, इसलिए वह ख़ाली हाथ वापस आ जाते हैं। शरमिंदगी और नदामत के मारे वह अपने सरों को ढाँप लेते हैं।


फ़िज़ा में उड़नेवाले लक़लक़ पर ग़ौर करो जिसे आने जाने के मुक़र्ररा औक़ात ख़ूब मालूम होते हैं। फ़ाख़्ता, अबाबील और बुलबुल पर भी ध्यान दो जो सर्दियों के मौसम में कहीं और होते हैं, गरमियों के मौसम में कहीं और। वह मुक़र्ररा औक़ात से कभी नहीं हटते। लेकिन अफ़सोस, मेरी क़ौम रब की शरीअत नहीं जानती।


वह तुझे तेरे बच्चों समेत ज़मीन पर पटकेंगे और तेरे अंदर एक भी पत्थर दूसरे पर नहीं छोड़ेंगे। और वजह यही होगी कि तूने वह वक़्त नहीं पहचाना जब अल्लाह ने तेरी नजात के लिए तुझ पर नज़र की।”


उस दिन ख़ूबसूरत कुँवारियाँ और जवान मर्द प्यास के मारे बेहोश हो जाएंगे।


लेकिन आख़िरकार वह होसेअ की हुकूमत के नवें साल में कामयाब हुआ और शहर पर क़ब्ज़ा करके इसराईलियों को जिलावतन कर दिया। उन्हें असूर लाकर उसने कुछ ख़लह के इलाक़े में, कुछ जौज़ान के दरियाए-ख़ाबूर के किनारे पर और कुछ मादियों के शहरों में बसाए।


क़ादिरे-मुतलक़ रब्बुल-अफ़वाज यरूशलम और यहूदाह से सब कुछ छीनने को है जिस पर लोग इनहिसार करते हैं। रोटी का हर लुक़मा और पानी का हर क़तरा,


फ़ौजी अफ़सर और असरो-रसूख़वाले, मुशीर, जादूगर और मंत्र फूँकनेवाले, सबके सब छीन लिए जाएंगे।


रब्बुल-अफ़वाज ने यह मनसूबा बाँधा ताकि तमाम शानो-शौकत का घमंड पस्त और दुनिया के तमाम ओहदेदार ज़ेर हो जाएँ।


वह इस पर ग़ौर नहीं करते, उन्हें फ़हम और समझ तक नहीं कि सोचें, “मैंने लकड़ी का आधा हिस्सा आग में झोंककर उसके कोयलों पर रोटी पकाई और गोश्त भून लिया। यह चीज़ें खाने के बाद मैं बाक़ी लकड़ी से क़ाबिले-घिन बुत क्यों बनाऊँ, लकड़ी के टुकड़े के सामने क्यों झुक जाऊँ?”


तब तू हैरान होकर दिल में सोचेगी, ‘किसने यह बच्चे मेरे लिए पैदा किए? मैं तो बच्चों से महरूम और बेऔलाद थी, मुझे जिलावतन करके हटाया गया था। किसने इनको पाला? मुझे तो तनहा ही छोड़ दिया गया था। तो फिर यह कहाँ से आ गए हैं’?”


इसलिए रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है, “मेरे ख़ादिम खाना खाएँगे, लेकिन तुम भूके रहोगे। मेरे ख़ादिम पानी पिएँगे, लेकिन तुम प्यासे रहोगे। मेरे ख़ादिम मसरूर होंगे, लेकिन तुम शर्मसार होगे।


अदालत का दिन क़रीब ही है। उस वक़्त जो कुछ ख़रीदे वह ख़ुश न हो, और जो कुछ फ़रोख़्त करे वह ग़म न खाए। क्योंकि अब इन चीज़ों का कोई फ़ायदा नहीं, इलाही ग़ज़ब सब पर नाज़िल हो रहा है।


रास्तबाज़ की ज़बान बहुतों की परवरिश करती है, लेकिन अहमक़ अपनी बेअक़्ली के बाइस हलाक हो जाते हैं।


ہمیں فالو کریں:

اشتہارات


اشتہارات