یسعیاہ 47:8 - किताबे-मुक़द्दस8 अब सुन, ऐ ऐयाश, तू जो अपने आपको महफ़ूज़ समझकर कहती है, ‘मैं ही हूँ, मेरे सिवा कोई और नहीं है। मैं न कभी बेवा, न कभी बेऔलाद हूँगी।’ باب دیکھیںاُردو ہم عصر ترجُمہ8 ”اِس لیٔے سُن اَے عشرت میں غرق رہنے والی، تُو جو بے خوف ہوکر مطمئن بیٹھی ہے اَور اَپنے دِل میں کہتی ہے، ’مَیں ہُوں اَور میرے سِوا کویٔی نہیں۔ مَیں کبھی بِیوہ نہ ہوں گی نہ بے اَولاد رہُوں گی۔‘ باب دیکھیںکِتابِ مُقادّس8 پس اب یہ بات سُن۔ اَے تُو جو عِشرت میں غرق ہے۔ جو بے پروا رہتی ہے۔ جو اپنے دِل میں کہتی ہے کہ مَیں ہُوں اور میرے سِوا کوئی نہیں۔ مَیں بیوہ کی طرح نہ بَیٹُھوں گی اور نہ بے اَولاد ہونے کی حالت سے واقِف ہُوں گی۔ باب دیکھیںہولی بائبل کا اردو جیو ورژن8 اب سن، اے عیاش، تُو جو اپنے آپ کو محفوظ سمجھ کر کہتی ہے، ’مَیں ہی ہوں، میرے سوا کوئی اَور نہیں ہے۔ مَیں نہ کبھی بیوہ، نہ کبھی بےاولاد ہوں گی۔‘ باب دیکھیں |
बल्कि आसमान के मालिक के ख़िलाफ़ उठ खड़े हो गए हैं। आपने हुक्म दिया कि उसके घर के प्याले आपके हुज़ूर लाए जाएँ, और आपने अपने बड़ों, बीवियों और दाश्ताओं के साथ उन्हें मै पीने के लिए इस्तेमाल किया। साथ साथ आपने अपने देवताओं की तमजीद की गो वह चाँदी, सोने, पीतल, लोहे, लकड़ी और पत्थर के बुत ही हैं। न वह देख सकते, न सुन या समझ सकते हैं। लेकिन जिस ख़ुदा के हाथ में आपकी जान और आपकी तमाम राहें हैं उसका एहतराम आपने नहीं किया।
तब यह पाँच आदमी आगे निकले और सफ़र करते करते लैस पहुँच गए। उन्होंने देखा कि वहाँ के लोग सैदानियों की तरह पुरसुकून और बेफ़िकर ज़िंदगी गुज़ार रहे हैं। कोई नहीं था जो उन्हें दबाता या उन पर ज़ुल्म करता। यह भी मालूम हुआ कि अगर उन पर हमला किया जाए तो उनका इत्तहादी शहर सैदा उनसे इतनी दूर है कि उनकी मदद नहीं कर सकेगा, और क़रीब कोई इत्तहादी नहीं है जो उनका साथ दे।
अब तक एथोपिया अपने आपको महफ़ूज़ समझता है, लेकिन उस दिन मेरी तरफ़ से क़ासिद निकलकर उस मुल्क के बाशिंदों को ऐसी ख़बर पहुँचाएँगे जिससे वह थरथरा उठेंगे। क्योंकि क़ासिद कश्तियों में बैठकर दरियाए-नील के ज़रीए उन तक पहुँचेंगे और उन्हें इत्तला देंगे कि मिसर तबाह हो गया है। यह सुनकर वहाँ के लोग काँप उठेंगे। यक़ीन करो, यह दिन जल्द ही आनेवाला है।