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یسعیاہ 33:2 - किताबे-मुक़द्दस

2 ऐ रब, हम पर मेहरबानी कर! हम तुझसे उम्मीद रखते हैं। हर सुबह हमारी ताक़त बन, मुसीबत के वक़्त हमारी रिहाई का बाइस हो।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

2 اَے یَاہوِہ، ہم پر رحم کیجئے؛ ہم آپ کے لئے ترستے ہیں۔ ہر صُبح ہماری قُوّت بنئے، اَور مُصیبت کے وقت ہماری نَجات۔

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کِتابِ مُقادّس

2 اَے خُداوند! ہم پر رحم کر کیونکہ ہم تیرے مُنتظِر ہیں۔ تُو ہر صُبح اُن کا بازُو ہو اور مُصِیبت کے وقت ہماری نجات۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

2 اے رب، ہم پر مہربانی کر! ہم تجھ سے اُمید رکھتے ہیں۔ ہر صبح ہماری طاقت بن، مصیبت کے وقت ہماری رِہائی کا باعث ہو۔

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یسعیاہ 33:2
35 حوالہ جات  

उसने देखा कि कोई नहीं है, वह हैरान हुआ कि मुदाख़लत करनेवाला कोई नहीं है। तब उसके ज़ोरावर बाज़ू ने उस की मदद की, और उस की रास्ती ने उसको सहारा दिया।


उस दिन लोग कहेंगे, “यही हमारा ख़ुदा है जिसकी नजात के इंतज़ार में हम रहे। यही है रब जिससे हम उम्मीद रखते रहे। आओ, हम शादियाना बजाकर उस की नजात की ख़ुशी मनाएँ।”


मुसीबत में हमें सहारा दे, क्योंकि इस वक़्त इनसानी मदद बेकार है।


ऐ उम्मत, हर वक़्त उस पर भरोसा रख! उसके हुज़ूर अपने दिल का रंजो-अलम पानी की तरह उंडेल दे। अल्लाह ही हमारी पनाहगाह है। (सिलाह)


दाऊद का ज़बूर। मौसीक़ी के राहनुमा के लिए। यदूतून के लिए। मेरी जान ख़ामोशी से अल्लाह ही के इंतज़ार में है। उसी से मुझे मदद मिलती है।


क़ोरह की औलाद का ज़बूर। मौसीक़ी के राहनुमा के लिए। गीत का तर्ज़ : कुँवारियाँ। अल्लाह हमारी पनाहगाह और क़ुव्वत है। मुसीबत के वक़्त वह हमारा मज़बूत सहारा साबित हुआ है।


मूसा ने अपना हाथ समुंदर के ऊपर उठाया तो दिन निकलते वक़्त पानी मामूल के मुताबिक़ बहने लगा, और जिस तरफ़ मिसरी भाग रहे थे वहाँ पानी ही पानी था। यों रब ने उन्हें समुंदर में बहाकर ग़रक़ कर दिया।


अपने गुनाहों का इक़रार करते हुए रब के पास वापस आओ। उससे कहो, “हमारे तमाम गुनाहों को मुआफ़ करके हमें मेहरबानी से क़बूल फ़रमा ताकि हम अपने होंटों से तेरी तारीफ़ करके तुझे मुनासिब क़ुरबानी अदा कर सकें।


बल्कि हर सुबह अज़ सरे-नौ हम पर चमक उठती है। ऐ मेरे आक़ा, तेरी वफ़ादारी अज़ीम है।


ऐ अल्लाह, तू इसराईल की उम्मीद है, तू ही मुसीबत के वक़्त उसे छुटकारा देता है। तो फिर हमारे साथ तेरा सुलूक मुल्क में अजनबी का-सा क्यों है? तू रात को कभी इधर कभी इधर ठहरनेवाले मुसाफ़िर जैसा क्यों है?


देखो, रब क़ादिरे-मुतलक़ बड़ी क़ुदरत के साथ आ रहा है, वह बड़ी ताक़त के साथ हुकूमत करेगा। देखो, उसका अज्र उसके पास है, और उसका इनाम उसके आगे आगे चलता है।


ऐ रब, वह मुसीबत में फँसकर तुझे तलाश करने लगे, तेरी तादीब के बाइस मंत्र फूँकने लगे।


ऐ रब, हम तेरे इंतज़ार में रहते हैं, उस वक़्त भी जब तू हमारी अदालत करता है। हम तेरे नाम और तेरी तमजीद के आरज़ूमंद रहते हैं।


क्योंकि तू पस्तहालों के लिए क़िला और मुसीबतज़दा ग़रीबों के लिए पनाहगाह साबित हुआ है। तेरी आड़ में इनसान तूफ़ान और गरमी की शिद्दत से महफ़ूज़ रहता है। गो ज़बरदस्तों की फूँकें बारिश की बौछाड़


जिस तरह ग़ुलाम की आँखें अपने मालिक के हाथ की तरफ़ और लौंडी की आँखें अपनी मालिकन के हाथ की तरफ़ लगी रहती हैं उसी तरह हमारी आँखें रब अपने ख़ुदा पर लगी रहती हैं, जब तक वह हम पर मेहरबानी न करे।


वह मुझे पुकारेगा तो मैं उस की सुनूँगा। मुसीबत में मैं उसके साथ हूँगा। मैं उसे छुड़ाकर उस की इज़्ज़त करूँगा।


हमें उतने ही दिन ख़ुशी दिला जितने तूने हमें पस्त किया है, उतने ही साल जितने हमें दुख सहना पड़ा है।


लेकिन तू ऐ मेरी जान, ख़ामोशी से अल्लाह ही के इंतज़ार में रह। क्योंकि उसी से मुझे उम्मीद है।


मुसीबत के दिन मुझे पुकार। तब मैं तुझे नजात दूँगा और तू मेरी तमजीद करेगा।”


अल्लाह उसके बीच में है, इसलिए शहर नहीं डगमगाएगा। सुबह-सवेरे ही अल्लाह उस की मदद करेगा।


रास्तबाज़ों की नजात रब की तरफ़ से है, मुसीबत के वक़्त वही उनका क़िला है।


क्योंकि जो भी तुझ पर उम्मीद रखे वह शरमिंदा नहीं होगा जबकि जो बिलावजह बेवफ़ा होते हैं वही शरमिंदा हो जाएंगे।


सुबह के वक़्त मुझे अपनी शफ़क़त की ख़बर सुना, क्योंकि मैं तुझ पर भरोसा रखता हूँ। मुझे वह राह दिखा जिस पर मुझे जाना है, क्योंकि मैं तेरा ही आरज़ूमंद हूँ।


दाऊद का ज़बूर। रब मेरी रौशनी और मेरी नजात है, मैं किससे डरूँ? रब मेरी जान की पनाहगाह है, मैं किससे दहशत खाऊँ?


अफ़सोस, तू अपनी नजात के ख़ुदा को भूल गया है। तुझे वह चट्टान याद न रही जिस पर तू पनाह ले सकता है। चुनाँचे अपने प्यारे देवताओं के बाग़ लगाता जा, और उनमें परदेसी अंगूर की क़लमें लगाता जा।


नबी के पास पहुँचकर उन्होंने हिज़क़ियाह का पैग़ाम सुनाया, “आज हम बड़ी मुसीबत में हैं। सज़ा के इस दिन असूरियों ने हमारी सख़्त बेइज़्ज़ती की है। हमारा हाल दर्दे-ज़ह में मुब्तला उस औरत का-सा है जिसके पेट से बच्चा निकलने को है, लेकिन जो इसलिए नहीं निकल सकता कि माँ की ताक़त जाती रही है।


मेरी रास्ती क़रीब ही है, मेरी नजात रास्ते में है, और मेरा ज़ोरावर बाज़ू क़ौमों में इनसाफ़ क़ायम करेगा। जज़ीरे मुझसे उम्मीद रखेंगे, वह मेरी क़ुदरत देखने के इंतज़ार में रहेंगे।


ऐ रब, तेरी मेहरबानी हम पर रहे, क्योंकि हम तुझ पर उम्मीद रखते हैं।


मैं ख़ुद रब के इंतज़ार में रहूँगा जिसने अपने चेहरे को याक़ूब के घराने से छुपा लिया है। उसी से मैं उम्मीद रखूँगा।


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