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یسعیاہ 30:1 - किताबे-मुक़द्दस

1 रब फ़रमाता है, “ऐ ज़िद्दी बच्चो, तुम पर अफ़सोस! क्योंकि तुम मेरे बग़ैर मनसूबे बाँधते और मेरे रूह के बग़ैर मुआहदे कर लेते हो। गुनाहों में इज़ाफ़ा करते करते

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

1 یَاہوِہ فرماتے ہیں، ”اُن باغی بچّوں پر افسوس، جو اَیسے منصُوبے عَمل میں لاتے ہیں جو میری طرف سے نہیں ہیں، اَور عہدوپیمان کرتے ہیں جو میری رُوح کی ہدایت کے مُطابق نہیں، اَور اِس طرح گُناہ پر گُناہ کا انبار لگاتے ہیں۔

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کِتابِ مُقادّس

1 خُداوند فرماتا ہے اُن باغی لڑکوں پر افسوس جو اَیسی تدبِیر کرتے ہیں جو میری طرف سے نہیں اور عہد و پَیمان کرتے ہیں جو میری رُوح کی ہِدایت سے نہیں تاکہ گُناہ پر گُناہ کریں۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

1 رب فرماتا ہے، ”اے ضدی بچو، تم پر افسوس! کیونکہ تم میرے بغیر منصوبے باندھتے اور میرے روح کے بغیر معاہدے کر لیتے ہو۔ گناہوں میں اضافہ کرتے کرتے

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یسعیاہ 30:1
48 حوالہ جات  

दिन-भर मैंने अपने हाथ फैलाए रखे ताकि एक सरकश क़ौम का इस्तक़बाल करूँ, हालाँकि यह लोग ग़लत राह पर चलते और अपने कजरौ ख़यालात के पीछे पड़े रहते हैं।


ऐ आसमान, मेरी बात सुन! ऐ ज़मीन, मेरे अलफ़ाज़ पर कान धर! क्योंकि रब ने फ़रमाया है, “जिन बच्चों की परवरिश मैंने की है और जो मेरे ज़ेरे-निगरानी परवान चढ़े हैं, उन्होंने मुझसे रिश्ता तोड़ लिया है।


उन पर अफ़सोस, क्योंकि वह मुझसे भाग गए हैं। उन पर तबाही आए, क्योंकि वह मुझसे सरकश हो गए हैं। मैं फ़िद्या देकर उन्हें छुड़ाना चाहता था, लेकिन जवाब में वह मेरे बारे में झूट बोलते हैं।


लेकिन तू हटधर्म है, तू तौबा करने के लिए तैयार नहीं और यों अपनी सज़ा में इज़ाफ़ा करता जा रहा है, वह सज़ा जो उस दिन दी जाएगी जब अल्लाह का ग़ज़ब नाज़िल होगा, जब उस की रास्त अदालत ज़ाहिर होगी।


लेकिन वह सरकश हुए, उन्होंने उसके क़ुद्दूस रूह को दुख पहुँचाया। तब वह मुड़कर उनका दुश्मन बन गया। ख़ुद वह उनसे लड़ने लगा।


उन पर अफ़सोस जो अपना मनसूबा ज़मीन की गहराइयों में दबाकर रब से छुपाने की कोशिश करते हैं, जो तारीकी में अपने काम करके कहते हैं, “कौन हमें देख लेगा, कौन हमें पहचान लेगा?”


साथ साथ शरीर और धोकेबाज़ लोग अपने ग़लत कामों में तरक़्क़ी करते जाएंगे। वह दूसरों को ग़लत राह पर ले जाएंगे और उन्हें ख़ुद भी ग़लत राह पर लाया जाएगा।


तू उनका मुक़ाबला कर सकेगा, क्योंकि मैंने तेरे माथे को हीरे जैसा मज़बूत, चक़माक़ जैसा पायदार कर दिया है। गो यह क़ौम बाग़ी है तो भी उनसे ख़ौफ़ न खा, न उनके सुलूक से दहशतज़दा हो।”


“ऐ आदमज़ाद, मैं तुझे इसराईलियों के पास भेज रहा हूँ, एक ऐसी सरकश क़ौम के पास जिसने मुझसे बग़ावत की है। शुरू से लेकर आज तक वह अपने बापदादा समेत मुझसे बेवफ़ा रहे हैं।


लेकिन अफ़सोस, इस क़ौम का दिल ज़िद्दी और सरकश है। यह लोग सहीह राह से हटकर अपनी ही राहों पर चल पड़े हैं।


क्योंकि यह क़ौम सरकश है, यह लोग धोकेबाज़ बच्चे हैं जो रब की हिदायात को मानने के लिए तैयार ही नहीं।


मैं हमेशा के लिए तेरे ख़ैमे में रहना, तेरे परों तले पनाह लेना चाहता हूँ। (सिलाह)


तुम सबने वह लानतें सुनी हैं जो रब नाफ़रमानों पर भेजेगा। तो भी हो सकता है कि कोई अपने आपको रब की बरकत का वारिस समझकर कहे, ‘बेशक मैं अपनी ग़लत राहों से हटने के लिए तैयार नहीं हूँ, लेकिन कोई बात नहीं। मैं महफ़ूज़ रहूँगा।’ ख़बरदार, ऐसी हरकत से वह न सिर्फ़ अपने ऊपर बल्कि पूरे मुल्क पर तबाही लाएगा।


जब से मैं तुम्हें जानता हूँ तुम्हारा रब के साथ रवैया बाग़ियाना ही रहा है।


तब वह खेतों की चौकीदारी करनेवालों की तरह यरूशलम को घेर लेंगे। क्योंकि यह शहर मुझसे सरकश हो गया है।” यह रब का फ़रमान है।


हर एक आँधी और तूफ़ान से पनाह देगा, हर एक रेगिस्तान में नदियों की तरह तरो-ताज़ा करेगा, हर एक तपती धूप में बड़ी चट्टान का-सा साया देगा।


“हर बात को साज़िश मत समझना जो यह क़ौम साज़िश समझती है। जिससे यह लोग डरते हैं उससे न डरना, न दहशत खाना


फिर रब होने देगा कि दिन को बादल सिय्यून के पूरे पहाड़ और उस पर जमा होनेवालों पर साया डाले जबकि रात को धुआँ और दहकती आग की चमक-दमक उस पर छाई रहे। यों उस पूरे शानदार इलाक़े पर सायबान होगा


अब तुम्हें मज़ीद कहाँ पीटा जाए? तुम्हारी ज़िद तो मज़ीद बढ़ती जा रही है गो पूरा सर ज़ख़मी और पूरा दिल बीमार है।


अब वह अपने गुनाहों में बहुत इज़ाफ़ा कर रहे हैं। वह अपनी चाँदी लेकर महारत से बुत ढाल लेते हैं। फिर दस्तकारों के हाथ से बने इन बुतों के बारे में कहा जाता है, “जो बछड़े के बुतों को चूमना चाहे वह किसी इनसान को क़ुरबान करे!”


तुम पर अफ़सोस जो अपने क़ुसूर को धोकेबाज़ रस्सों के साथ अपने पीछे खींचते और अपने गुनाह को बैलगाड़ी की तरह अपने पीछे घसीटते हो।


चारपाई इतनी छोटी होगी कि तुम पाँव फैलाकर सो नहीं सकोगे। बिस्तर की चौड़ाई इतनी कम होगी कि तुम उसे लपेटकर आराम नहीं कर सकोगे।


तुम शेख़ी मारकर कहते हो, “हमने मौत से अहद बाँधा और पाताल से मुआहदा किया है। इसलिए जब सज़ा का सैलाब हम पर से गुज़रे तो हमें नुक़सान नहीं पहुँचाएगा। क्योंकि हमने झूट में पनाह ली और धोके में छुप गए हैं।”


लोग तुम्हें मशवरा देते हैं, “जाओ, मुरदों से राबिता करनेवालों और क़िस्मत का हाल बतानेवालों से पता करो, उनसे जो बारीक आवाज़ें निकालते और बुड़बुड़ाते हुए जवाब देते हैं।” लेकिन उनसे कहो, “क्या मुनासिब नहीं कि क़ौम अपने ख़ुदा से मशवरा करे? हम ज़िंदों की ख़ातिर मर्दों से बात क्यों करें?”


याद रख और कभी न भूल कि तूने रेगिस्तान में रब अपने ख़ुदा को किस तरह नाराज़ किया। मिसर से निकलते वक़्त से लेकर यहाँ पहुँचने तक तुम रब से सरकश रहे हो।


अब तुम गुनाहगारों की औलाद अपने बापदादा की जगह खड़े होकर रब का इसराईल पर ग़ुस्सा मज़ीद बढ़ा रहे हो।


तेरे बुज़ुर्ग हटधर्म और चोरों के यार हैं। यह रिश्वतख़ोर सब लोगों के पीछे पड़े रहते हैं ताकि चाय-पानी मिल जाए। न वह परवा करते हैं कि यतीमों को इनसाफ़ मिले, न बेवाओं की फ़रियाद उन तक पहुँचती है।


जिस वक़्त रब ने मुझे मज़बूती से पकड़ लिया उस वक़्त उसने मुझे इस क़ौम की राहों पर चलने से ख़बरदार किया। उसने फ़रमाया,


रब फ़रमाता है, “उस पर लानत जिसका दिल रब से दूर होकर सिर्फ़ इनसान और उसी की ताक़त पर भरोसा रखता है।


“रब इसराईल का ख़ुदा फ़रमाता है कि शाहे-यहूदाह ने तुम्हें मेरी मरज़ी दरियाफ़्त करने भेजा है। उसे जवाब दो कि फ़िरौन की जो फ़ौज तुम्हारी मदद करने के लिए निकल आई है वह अपने मुल्क वापस लौटने को है।


ऐ यहूदाह के बचे हुए लोगो, अब रब आपसे हमकलाम हुआ है। उसका जवाब साफ़ है। मिसर को मत जाना! यह बात ख़ूब जान लें कि आज मैंने आपको आगाह कर दिया है।


रब ने फ़रमाया, “ऐ आदमज़ाद, यह वही मर्द हैं जो शरीर मनसूबे बाँध रहे और यरूशलम में बुरे मशवरे दे रहे हैं।


फिर इस सरकश क़ौम इसराईल को तमसील पेश करके बता, ‘रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि आग पर देग रखकर उसमें पानी डाल दे।


आइंदा इसराईल न मिसर पर भरोसा करने और न उससे लिपट जाने की आज़माइश में पड़ेगा। तब वह जान लेंगे कि मैं ही रब क़ादिरे-मुतलक़ हूँ’।”


फ़रिश्ते ने मुझसे कहा, “ज़रुब्बाबल के लिए रब का यह पैग़ाम है, ‘रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है कि तू न अपनी ताक़त, न अपनी क़ुव्वत से बल्कि मेरे रूह से ही कामयाब होगा।’


इसराईलियों ने मुसाफ़िरों का कुछ खाना लिया। अफ़सोस, उन्होंने रब से हिदायत न माँगी।


क्या तुम मिसर पर भरोसा करते हो? वह तो टूटा हुआ सरकंडा ही है। जो भी उस पर टेक लगाए उसका हाथ वह चीरकर ज़ख़मी कर देगा। यही कुछ उन सबके साथ हो जाएगा जो मिसर के बादशाह फ़िरौन पर भरोसा करें!


तुम मेरे आक़ा असूर के बादशाह के सबसे छोटे अफ़सर का भी मुक़ाबला नहीं कर सकते। लिहाज़ा मिसर के रथों पर भरोसा रखने का क्या फ़ायदा?


ऐ गुनाहगार क़ौम, तुझ पर अफ़सोस! ऐ संगीन क़ुसूर में फँसी हुई उम्मत, तुझ पर अफ़सोस! शरीर नसल, बदचलन बच्चे! उन्होंने रब को तर्क कर दिया है। हाँ, उन्होंने इसराईल के क़ुद्दूस को हक़ीर जानकर रद्द किया, अपना मुँह उससे फेर लिया है।


उन पर अफ़सोस जो मदद के लिए मिसर जाते हैं। उनकी पूरी उम्मीद घोड़ों से है, और वह अपने मुतअद्दिद रथों और ताक़तवर घुड़सवारों पर एतमाद रखते हैं। अफ़सोस, न वह इसराईल के क़ुद्दूस की तरफ़ नज़र उठाते, न रब की मरज़ी दरियाफ़्त करते हैं।


अब मुझे बता कि मिसर को जाकर दरियाए-नील का पानी पीने का क्या फ़ायदा? मुल्के-असूर में जाकर दरियाए-फ़ुरात का पानी पीने से क्या हासिल?


तलवार उनके शहरों में घूम घूमकर ग़ैबदानों को हलाक करेगी और लोगों को उनके ग़लत मशवरों के सबब से खाती जाएगी।


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